मध्यप्रदेश स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स और WCCB ने 10 साल से वांछित अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्कर यांगचेन लाचुंगपा को सिक्किम में भारत-चीन सीमा से गिरफ्तार किया।
By: Ajay Tiwari
Dec 05, 20256:14 PM
भोपाल. स्टार समाचार वेब
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में वन संरक्षण और वन्यजीव सुरक्षा को लेकर लगातार प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (STSF) मध्यप्रदेश और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) नई दिल्ली ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए 10 वर्षों से फरार अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्कर यांगचेन लाचुंगपा को 2 दिसंबर 2025 को भारत-चीन सीमा के पास लाचुंग, मंगन (उत्तर सिक्किम) से गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी कई महीनों तक चली जटिल निगरानी और कठिन इलाके में की गई कार्रवाई का परिणाम है।
लाचुंगपा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, नर्मदापुरम में बाघ और पेंगोलिन के अवैध शिकार तथा नेपाल के रास्ते चीन तक हड्डियों और स्केल की तस्करी से जुड़े बड़े नेटवर्क का हिस्सा थी। जुलाई 2015 में दर्ज इस प्रकरण में STSF ने 31 आरोपियों के अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया था और सभी को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। लाचुंगपा इस नेटवर्क की मुख्य कड़ी थी, जिसका कनेक्शन भारत, नेपाल, भूटान और चीन तक फैला था।
हाइलाइट्स
गंभीर आरोपों और अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क को देखते हुए भारत सरकार के अनुरोध पर इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था। तिब्बत मूल की लाचुंगपा दिल्ली और सिक्किम में रहकर लगातार एजेंसियों से बचती रही। वर्ष 2017 में हिरासत में लेने के बाद मिली अंतरिम जमानत के दौरान वह फरार हो गई थी और 2019 में उच्च न्यायालय ने उसकी अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी।
STSF और WCCB की संयुक्त टीम ने हिम क्षेत्र की कठिन परिस्थितियों में योजनाबद्ध तरीके से घेराबंदी कर उसे पकड़ा और गंगटोक की अदालत से 3 दिसंबर को ट्रांजिट वारंट लेकर मध्यप्रदेश लाया जा रहा है। कार्रवाई में सिक्किम पुलिस का अहम सहयोग मिला। देश में यह पहला मामला है जिसमें शिकारी, बिचौलिये और तस्करों सहित पूरे 31 सदस्यीय गिरोह को गिरफ्तार कर सजा दिलाई जा चुकी है। अब लाचुंगपा को नर्मदापुरम की अदालत में पेश कर आगे की विवेचना हेतु रिमांड मांगा जाएगा। सफल कार्रवाई में शामिल टीम को पुरस्कृत किया जाएगा।