मध्यप्रदेश में किसानों के लिए बड़ी राहत! अब गिरदावरी फीडिंग की जानकारी सीधे उनके मोबाइल पर पहुंचेगी। खेत में कौन सी फसल दर्ज की गई है, यह SMS के ज़रिए किसान जान सकेंगे। किसान खुद भी ऐप के माध्यम से फसल की फोटो अपलोड कर गिरदावरी दर्ज कर सकेंगे। जानिए इस नई व्यवस्था की पूरी जानकारी।
By: Yogesh Patel
Aug 05, 202510 hours ago
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
किसानों के खेतों में लगने वाली फसल और गिरदावरी फीडिंग की जानकारी अब उन्हें घर बैठे मिलेगी। रकबा के साथ दर्ज मोबाइल नंबर में अब किसानों के पास मैसेज भी पहुंचेगा। इस बार से यह व्यवस्था लागू होने जा रही है।
आपको बता दें कि मप्र शासन ने किसानों के रकबा के साथ ही समग्र और मोबाइल नंबर को भी जोड़ने का काम किया था। इसके बाद फार्मर रजिस्ट्री का भी काम हुआ। अब इसका फायदा किसानों को मिलने वाला है। सरकार किसानों को उनके मोबाइल पर बताएगी कि पटवारी खेतों में कौन सी फसल की जानकारी गिरदावरी में फीड कर रहे हैं। गिरदावरी फीडिंग रकबा नंबर के साथ मोबाइल पर पहुंचेगी। मिली जानकारी के अनुसार यह प्रक्रिया इसी बार से शुरू होने वाली है। गिरदावरी की फीडिंग का काम भी शुरू हो रहा है। रीवा जिला में में कुल 593 पटवारी हल्का दर्ज है। इन हल्कों में 1747 गांव है। अब तक गिरदावरी की प्रगति काफी धीमी गति से चल रही है। 94.96 फीसदी गांव में गिरदावरी की फीडिंग शून्य है। वहीं 85 गांव में 50 फीसदी से अधिक गिरदावरी की फीडिंग की गई है। इन सभी किसानों के खेतों में लगाई गई फसलों की जानकारी मोबाइल में भेजने की तैयारी चल रही है।
किसान खुद से दर्ज कर सकते हैं फसल की जानकारी
शासन ने किसानों को खुद भी खेतों में लगी फसल की जानकारी दर्ज करने की सहूलियत दे दी है। किसान किसान एप की मदद से भी खेत में पहुंच कर जीपीएस लोकेशन के साथ फसल की फोटो खींच कर अपलोड कर सकते हैं। इस फसल की जानकारी पटवारी के पास आनलाइन पहुंच जाएगी। इसके बाद पटवारी को इसे वैरीफाइ करना होगा। इसके बाद किसान की गिरदावरी फीडिंग का काम पूरा हो जाएगा।