सीधी जिले में पदस्थ प्रधान आरक्षक सविता साकेत की हत्या के 20 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी पति वीरेंद्र साकेत की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद हत्यारा फरार है। प्रशासन की लापरवाही और इनाम की घोषणा न होना सवालों के घेरे में है।
By: Yogesh Patel
Oct 05, 20257:10 PM
हाइलाइट्स:
सीधी, स्टार समाचार वेब
पुलिस प्रधान आरक्षक के पति ने 15 सितंबर की रात अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी उसके बाद फरार हो गया है। इस दौरान रीवा से आईजी-डीआईजी सहित तमाम पुलिस प्रशासनिक अमला आए थे लेकिन आज तक हत्यारे पति की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। वो कहां है इसके लिए कोई सूचना भी अभी तक नहीं मिली है। पुलिस लगातार प्रयास भी कर रही है लेकिन 20 दिन बीत गया लेकिन आज तक हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
मालूम हो कि प्रधान आरक्षक सविता साकेत 38 वर्ष कमर्जी थाना में पदस्थ थी। उनका पति वीरेन्द्र साकेत 40 वर्ष से कुछ वर्षों से विवाद चल रहा था। घटना के दौरान दोनो के बीच वाद-विवाद हो रहा था। उस दौरान मां बेटी से मोबाइल पर बात कर रही थी। घटना के वक्त खाना नहीं बनाने को लेकर पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ था। इसी तैश में आकर आरोपी पति द्वारा हत्या कर दी गई। इनके दो संतान थी। जिनमें 20 साल की बेटी एवं 22 साल का बेटा है। इनकी शादी को 26 साल हुए हैं। घटना के वक्त बेटी अपने ननिहाल में थी। जबकि बेटा इंदौर में पढ़ाई कर रहा था। बताया गया है कि आरोपी पति द्वारा पत्नी के ऊपर शक किया जाता था। जिसके चलते दोनो के बीच वाद-विवाद की स्थिति रहती थी। आरोपी पति को गाड़ी खरीदकर पत्नी द्वारा दिया गया था। जिसमें वह ड्राइविंग करता था। सोमवार रात करीब 11 बजे दोनो के बीच विवाद हुआ। जिसके बाद बीरेन्द्र ने सविता पर बेसबाल बैट से हमला कर दिया। जिससे मौके पर ही सविता की मौत हो गई।
राजकीय सम्मान के साथ दी गई थी विदाई
पुलिस लाइन मैदान में मृतिका प्रधान आरक्षक सविता साकेत के पार्थिव शरीर को रखकर सभी पुलिस अधिकारियों एवं पुलिस कर्मचारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई थी। इस अवसर पर रीवा रेंज के डीआईजी हेमंत चौहान, पुलिस अधीक्षक संतोष कोरी समेत अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। डीआईजी हेमंत चौहान ने इस दौरान कहा कि पुलिस विभाग के लिए यह अपूर्णीय क्षति है। हमने पीड़ित परिवार को तात्कालिक सहायता के रूप में एक लाख रुपए उपलब्ध करा दिया है। वहीं राजकीय सम्मान के साथ विदा किया गया। डीआईजी ने कहा कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पूरे जिले में नाकाबंदी कराने की बात कही गई थी।
पुलिस विभाग ने ईनाम तक की घोषणा करना उचित नहीं समझा
इस मामले में पुलिस अधीक्षक को चाहिए कि हत्यारा पति फरार है। 20 दिन बाद भी उसका सुराग नहीं लगा, इसके बाद ईनाम की घोषणा भी करनी चाहिए लेकिन अभी तक नहीं की गई है। बड़ा मामला होता है इसके बाद भी अभी तक न तो हत्या के आरोपी की गिरफ्तारी हुई न ही ईनाम की घोषणा की गई। कहीं न कहीं प्रशासनिक लापरवाही भी सामने मानी जा सकती है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक संतोष कोरी से बात भी करनी चाही गई तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।