रीवा रेलवे स्टेशन पर राजस्थान के धौलपुर से लाया गया नैरो गेज इंजन अब स्टेशन की ऐतिहासिक पहचान बनने जा रहा है। एक समय धौलपुर की पटरियों पर दौड़ने वाला यह इंजन अब रीवा के अमृत स्टेशन सौंदर्यीकरण योजना के तहत लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। लोकोमोटिव को स्टेशन के बाहर धरोहर के रूप में सजाया जा रहा है, जिससे आने वाली पीढ़ियाँ भारतीय रेलवे के इतिहास से रूबरू हो सकें।
By: Yogesh Patel
Jul 29, 20258 hours ago
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
कभी गैरो गेज पटरियों पर सरपट दौड़ने वाला इंजन अब पटरी से उतर गया है। यह इंजन अब तक जौलपुर राजस्थान में जंग खा रह था। अब यही इंजन रीवा रेलवे स्टेशन की शान बढ़ाएगा। बायरोड यह इंजन रीवा लाया गया है। इसे स्टेशन के बाहर खड़ा कर दिया गया है। इसकी रंगाई, पुताई का काम जारी है। इंजन को चमकान के बाद इसका लोकार्पण भी कराया जाएगा।
ज्ञात हो कि रीवा को अमृत स्टेशनों में शामिल किया गया है। रीवा रेलवे स्टेशन को हाईटेक बनाया जा रह है। इस स्टेशन में कई निर्माण कार्य चल रहे हंै। महानगरों की तरह की यहां का रेलवे स्टेशन में चमकाया जा रहा है। अब स्टेशन के सौंदर्यीकरण में एक और उपलब्धि जुड़ गई है । यहां एक ऐसा इंजन लाया गया है जो पुराना रेलवे का इतिहास लोगों का बताएगा। पहले के समय में चलने वाले रेल के इंजन और ट्रेन की कहानी बयां करेगा। इस रेल के इंजन को बायरोड राजस्थान से लाया गया है। फिलहाल इंजन को स्टेशन के सामने मंदिर के पास ही रखा गया है। इंजन को चमकान का काम चल रहा है। रंगाई, पुताई के बाद इसका विधिवत लोकार्पण कराया जाएगा। इसके बाद लोग इस इंजन की खूबसूरती को निहारने के साथ ही फोटो मोबाइल के कैमरे में भी कैद कर सकेंगे।
20 साल पहले बंद हो गया था इस इंजन का उपयोग
रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने बताया कि जो इंजन रीवा रेलवे स्टेशन पर लगाया गया है। वह कभी नैरो गेट की शान हुआ करता था। धौलपुर राजस्थान की पटरियों पर दौड़ता था। इसका उपयोग पहाड़ी क्षेत्रों में होता था। हिल स्टेशन में भी इस इंजन को पटरियों पर दौड़ाया जाता था। पुरानी फिल्मों में इस तरह के इंजन आसानी से देखने को मिल जाएंगें। अब इनका उपयोग पूरी तरह से बंद हो गया है। अब ब्राड गेट वाले इंजन इनकी जगह ले चुके हैं।
धरोहर के रूप में किया जा रहा स्थापित
धौलपुर से लाया गया नैरो गेज इंजन को रेलवे स्टेशन के बाहर अन्य बड़े स्टेशनों की तरह ही धरोहर के रूप में सहेजा जाएगा। यह अपने समय का लोगों को इतिहास बताएगा। नए युवा और आने वाली पीड़ियां नैरो गेज और मीटर गेज ट्रेन में कभी चढ़ नहीं पाएंगे। इसलिए उन्हें रेलवे का पुराना इतिहास बताने के लिए इंजन को स्टेशन के बाहर सजाया जाएगा। यह स्टेशन की खूबसूरती में भी चार जांच लगाएगा। साथ ही जबलपुर जैसे बड़े नगरों को भी सुविधाओं में टक्कर देगा।