रीवा में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस के तहत नवजात शिशुओं की देखभाल और किशोर मानसिक स्वास्थ्य पर प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए जनप्रतिनिधि, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास तथा यूनिसेफ के सहयोग से समन्वित प्रयास आवश्यक हैं।
By: Yogesh Patel
Aug 25, 20253 minutes ago
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस के तत्वाधान में नवजात बच्चों की देखभाल एवं किशोर मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में पंचायतीराज संस्थाओं के सदस्यों की प्रशिक्षण कार्यशाला का डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला ने शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि मातृ मृत्यु दर व नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने में समन्वित प्रयास आवश्यक है। रीवा जिले में इस चुनौती को अवसर के तौर पर लेना होगा। जनप्रतिनिधि एवं स्वास्थ्य व महिला बाल विकास के मैदानी अमले को जागरूक करें।
कार्यशाला में उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश में नवजात शिशु मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर राष्ट्रीय सूचकांक से अधिक है। इसे कम करने के लिए कृत संकल्पित होना होगा। रीवा जिले को जनप्रतिनिधि व विभागीय मैदानी अमला चुनौती मानकर पूरे दृढ़ संकल्प के साथ इसे न्यून करेंगे। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का पंजीयन कराकर उनकी नियमित जाँच की जाए। स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रत्येक माह की 9 व 25 तारीख को स्वास्थ्य केन्द्र में अनिवार्यत: उपस्थित रहें और इनकी जाँच करें। श्री शुक्ल ने कहा कि टेलीमेडिसिन सुविधा का लाभ प्राप्त कर वरिष्ठ चिकित्सकों से भी परामर्श लेकर गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जाँच व इलाज कराएं। उन्होंने यूनिसेफ के प्रतिनिधि से अपेक्षा की कि कलेक्टर द्वारा सुझाए गए क्लस्टर के गांवों में शत-प्रतिशत महिलाओं व नवजात शिशुओं के इलाज व जाँच में सहभागी बनें। उन्होंने कहा कि आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम के सहयोग व निष्ठापूर्वक किए गए कार्य से ही रीवा जिले में आगामी 6 माह में सार्थक परिणाम सामने आएंगे।
पांच क्लस्टर से करें जागरुक
कार्यशाला में कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि यूनिसेफ द्वारा जिले में पांच क्लस्टर का चयन कर स्वास्थ्य, महिला बाल विकास व ग्रामीण विभाग के सहयोग से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने का प्रयास किया जाये। शत-प्रतिशत महिलाओं की जाँच के साथ ही उस क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने का भी कार्य किया जाए। उन्होंने मैदानी अमले को जिले में शिशु व मातृ मृत्यु दर कम करने का संकल्प लेने का आह्वान किया। आयुक्त नगर निगम डॉ सौरभ सोनवड़े ने इच्छाशक्ति के साथ कार्य करते हुए मैदानी अमले की मुख्यालय व अस्पतालों व गांव में उपस्थिति के साथ अपना शत-प्रतिशत योगदान देने की अपेक्षा की। कार्यशाला को यूनिसेफ के डॉ प्रशांत कुमार ने भी संबोधित किया। एनएचएम के संयुक्त संचालक डॉ प्रभाकर तिवारी ने कार्यशाला के आयोजन के उद्देश्य की जानकारी दी। आभार प्रदर्शन सीएमएचओ डॉ संजीव शुक्ल ने किया तथा संचालन डॉ सुनील अवस्थी द्वारा किया गया।
भारतीय वाल्मीकि के प्रतिभा सम्मान समारोह में शामिल हुये डिप्टी सीएम
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि शिक्षित व्यक्ति ही समाज और देश का नेतृत्व करता है। बाल्मीकि समाज के बच्चों के सम्मान से उनके माता-पिता गौरवान्वित हुए हैं। बच्चों के सम्मान से उनके परिजनों का भी सम्मान हुआ है। उप मुख्यमंत्री ने भारतीय वाल्मीकि जन विकास संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित किया। मानव भवन में आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वाल्मीकि समाज भी शिक्षा के प्रति जागरूक है। उन्होंने अपने बच्चों को कड़ी मेहनत कर पढ़ाया है। शिक्षा से ही विकास होता है और सुनहरे सपने शिक्षा के ही माध्यम से साकार होते हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मान प्राप्त करने से विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ता है और उनसे प्रेरणा लेकर अन्य विद्यार्थी व परिजन शिक्षा के प्रति अपनी रूचि को सशक्त करते हैं। उप मुख्यमंत्री का वाल्मीकि समाज द्वारा शॉल एवं प्रतीक चिन्ह सौंपकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर एनडी अटवाल, अटल हरिओम, राजेन्द्र करोसिया, मुन्ना वाल्मीकि, बुद्धसेन करोसिया, संगीता करोसिया सहित बड़ी संख्या में वाल्मीकि समाज के लोग, प्रतिभाशील विद्यार्थी तथा उनके परिजन उपस्थित रहे।