सतना केन्द्रीय जेल में सुरक्षा की पोल खुली—एक सजायाफ्ता कैदी के पास चालू हालत में मोबाइल मिला। कैसे पहुंचा मोबाइल बैरक के अंदर? क्या जेलकर्मियों की मिलीभगत है? जांच शुरू, कोलगवां पुलिस को पत्र।
By: Yogesh Patel
Aug 03, 2025just now
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
केन्द्रीय जेल की सुरक्षा पर बड़े सवाल उठने लगे हैं, जेल में सजा काट रहे कैदी के पास मोबाइल फोन मिला है। गेट से लेकर हर कदम पर सुरक्षा जांच के बावजूद बैरक तक मोबाइल फोन कैसे पहुंचा? किसी प्र्रहरी की नजर मोबाइल फोन पर क्यों नहीं गई? इसे लेकर जेल के कर्मचारी ही संदेह के दायरे में आ गए हैं। हालांकि मामला सामने आने के बाद जेल प्रबंधन ने वरिष्ठ अधिकारियोंं को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराते हुए जांच शुरू कर दी हेै। कैदी के विरुद्ध जेल मैन्युअल के विपरीत आचरण करने के आरोप में कार्रवाई के लिए कोलगवां थाना पुलिस को पत्र लिखा गया है।
जांच के दौरान प्रहरी ने पकड़ा
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को प्रहरी सुंदरलाल बंसल की ड्यूटी केन्द्रीय जेल के वार्ड क्र. सात सीडी में लगी हुई थी। ड्यूटी के दौरान 10.30 बजे के करीब गश्त करते हुए प्रहरी सुंदरलाल को बैरक में बंद सजायाफ्ता कैदी जगन्नाथ यादव पिता दुलीचंद यादव 32 वर्ष निवासी ग्राम काटी थाना कोतवाली जिला छतरपुर के हाव-भाव पर शक हुआ। प्रहरी सुंदरलाल के द्वारा बैरक में बंद सजायाफ्ता कैदी जगन्नाथ की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान कैदी जगन्नाथ के पास कीपैड मोबाइल फोन चालू हालत में मिला। फोन में दो सिम लगी हुई थी। प्रहरी सुंदरलाल के द्वारा मोबाइल फोन जब्त कर इसकी शिकायत रिपोर्ट बुक में दर्ज कर सूचना जेल अधीक्षक को दी गई।
पहले भी मिल चुका है प्रतिबंधित सामान
केन्द्रीय जेल के अंदर कैदी के पास मोबाइल फोन की जब्ती पहली बार नही है। पहले भी कुछ कैदियों के पास से मोबाइल फोन जब्त किए जा चुके हैं। सजायाफ्ता या विचाराधीन कैदियों और जेल के कुछ कर्मचारियों का गठजोड़ भी उजागर हो चुका है। ड्यूटी के दौरान कैदियों को नशे की सामग्री व अन्य सामान जेल जाते कई जेलकर्मी पूर्व में पकड़े जा चुके हैं। जेल के अंदर गांजा, तम्बाखू, सिगरेट जैसे प्रतिबंधित सामग्रियां कई बार पकड़ी जा चुकी हैं। जेल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जेल के अंदर सुविधाएं हासिल करने, नशे व अन्य सामान का एक रेट फिक्स है, पैसा देने पर जेल के अंदर सभी सामग्रियां आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। यह हाल तब है जब जनवरी माह से अब तक सात माह के दौरान तीन बार डीजी जेल के अलावा न्यायाधीश, कलेक्टर- एसपी केन्द्रीय जेल का निरीक्षण कर चुके हैं। बताया जाता है कि अब तक बैरक और सेल का निरीक्षण महज खानापूर्ति बनकर रह गया है।
कोलगवां पुलिस को लिखा गया पत्र
जेल अधीक्षक लीना कोष्ठा ने बताया कि सजायाफ्ता कैदी जगन्नाथ यादव के पास कीपैड मोबाइल फोन चालू हालत में जब्त किया गया है। जब्त मोबाइल फोन को कोलगवां पुलिस के सुपुर्द किया जा रहा है। जेल नियमावली एवं कारागार अधिनियम के अनुसार जेल में मोबाइल का उपयोग नहीं किया जा सकता। जब्त मोबाइल के साथ ही जेल नियमावली का उल्लंघन करने पर सजायाफ्ता कैदी जगन्नाथ के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने कोलगवां थाना पुलिस को पत्र लिखा गया है। पुलिस की साइबर सेल के द्वारा जांच में यह तथ्य सामने आ पाएंगे कि जेल के अंदर से सजायाफ्ता कैदी जगन्नाथ के द्वारा किन-किन नम्बरोें पर कब-कब बात की गई। जेल के अंदर रहकर वह किन लोगों से सम्पर्क बनाए हुए था।
कैसे पहुंचा मोबाइल
यूं तो बैरक के अंदर सजायाफ्ता कैदी के पास चालू हालत में मोबाइल मिलने पर जेल प्रशासन कटघरे में आ गया है। विचाराधीन कैदी, सजायाफ्ता कैदी के अलावा जेल कर्मचारी जेल के मुख्य गेट से प्रवेश करते हुए सघन जांच की जाती है। बैरक में जाने से पहले एक अन्य गेट में भी जांच की जाती है। अलग-अलग स्तर की जांच की व्यवस्था होने के बावजूद केन्द्रीय जेल के बैरक के अंदर मोबाइल फोन कैसे पहुंच गया? इस सवाल का जवाब तलाशने में जेल प्रबंधन जुटा हुआ है। जेल अधीक्षक का कहना है कि पूरे प्रकरण से जेल मुख्यालय भोपाल और डीआईजी जेल जबलपुर को अवगत कराकर विभागीय स्तर से जांच शुरू कर दी गई है। सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था में लगे जेल कर्मियों की मिलीभगत के बिना जेल के अंदर कोई भी सामान जाना संभव नहीं है।