सतना जिले में भारी बारिश के बाद जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सतना नदी में आए उफान के चलते धवारी-जिगनहट मार्ग समेत कई रास्ते बंद हो गए हैं। कोठी, बिरसिंहपुर, चित्रकूट, मझगवां सहित कई क्षेत्रों में रपटे डूब गए हैं और पुलों पर आवागमन रोक दिया गया है।
By: Yogesh Patel
Jul 18, 2025just now
सतना नदी में आया उफान, धवारी-जिगनहट मार्ग बंद
सतना, स्टार समाचार वेब
गुरूवार की सुबह से हुई बारिश ने शहर समेत समूचे जिले को पानी-पानी कर दिया। शहर में कई जगह हुए जलभराव ने आमजमानस को हलाकान किए रखा वहीं नदी से सटे धवारी इलाके में नदी का बैक वाटर आने की आशंका से लोग सहमे रहे। सतना नदी के उफान में रहने के कारण जिगनहट का रपटा भी पानी में डूब गया । सतना शहर में दिन भर की बारिश ने एक बार पुन: उन्ही इलाकों को पानी में डुबोया जो इलाके सालों से पानी में डूबते रहे हैं। बस स्टैंड, कलेक्ट्रेट - अग्रसेन चौक मार्ग , भरहुत नगर, डालीबाबा चौक, जवान सिंह कालोनी , कृष्णनगर जैसे इलाकों में पानी भरने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जिले में इस वर्ष 1 जून से 17 जुलाई तक 459.7 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है।
24 घंटे में 6 डिग्री गिरा पारा
जिले मेंगुरूवार को हुई बिारिश ने तापमान में 6 डिग्री की गिरावट ला दी है जिसके चलते मौसम में ठंडक घुल गई है। बुधवार को जहां अधिकतम तापमान 32.7 डिग्री दर्ज हुआ था वहीं गुरूवार को अधिकतम तापमान 26 डिग्री दर्ज किया गया। हालंकि न्यूनतम तापमान में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। 6 डिग्री तापमान गिरने से मौसम खुशगवार नजर आया जिसका लुत्फ उठाते सड़कों पर बच्चे नजर आए।
कस्बाई वग्रामीण क्षेत्रों का जन-जीवन रहा प्रभावित
बारिश ने सतना जिले के कोटर, नागौद, कोठी, मझगवां, चित्रकूट , बिरसिंहपुर व सिंहपुर में बारिश ने जन जीवन को प्रभावित किए रखा। कई पुल व रपटे डूब जाने से जहां आवागमन बाधित हो गया वहीं कई इलाकों की बिजली व्यवस्था भी पानी में धुल गई।
गैबीनाथ धाम के आसपास के कई गांवों का संपर्क कटा
पानी ने गैबीनाथ धाम में भी तबाही मचाई । दिनभर हुई बारिश ने बिरसिंहपुर के नगरीय क्षेत्र के कई वार्डों को तो जलमग्न किया ही साथ ही सितावा नदी के उफान में आने के कारण आसपास के पुल व रपटों पर भी पानी बहने लगा । बताया गया कि बिरसिंहपुर तहसील अंतर्गत हरदी - टीकर गांव के बने पुल पर पानी बहने के कारण फिलहाल मार्ग को बंद किया गया है। इसी प्रकार बहेरा रपटा भी जलमग्न होने के कारण बंद कराया गया जिससे करोँदी गांव का संपर्क सड़क मार्ग से टूट गया है। पुल व रपटों के बंद होने की सूचना मिलने पर तहसीलदार शैलेंद्र बिहारी शर्मा ने विभागीय कर्मचारियों व पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर उन रास्तों को बंद कराया जो आवागमन के लिहाज से खतरनाक हो चुके थे।
मझगवां-चकरा नाला पहाड़ीखोड मार्ग रास्ता बंद
उधर मझगवां क्षेत्र में भी पानी ने कई रास्तों को बंद कर दिया। चकरा नाला के उफान में आने के कारण पहाड़ी खेरा मार्ग बंद कर दिया गया है। मझगवा- पहाड़ीखेरा मार्ग में चकरा नाला पर पानी प्रवाहित होने की सूचना मिलते ही , मौके पर पहुंचे मझगवा एसडीएम एपी द्विवेदी, तहसीलदार, और थाना प्रभारी ने रपाट पर आवागमन को बंद कराया।
डालीबाबा नाले की निगरानी शुरू
डालीबाबा मोहल्ले में बहने वाला नाला गुरूवार की बारिश में उफान पर आ गया जिसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने उक्त मार्ग को बंद करा कर्मचारियों को तैनात कर दिया है। पिुलहाल इस मार्ग पर आवागमन बंद कर दिया गया है।
और फंस गए छात्र
भरहुत नगर एक बार पुन: जलभराव का साक्षी बना जहां की सड़कों पर भरे पानी ने पैदल चलने वालों तक के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी। सड़क पर भरे पानी के चलते क्राइस्ट ज्योति स्कूल के कई छात्र भरहुत नगर में फंसे रहे ।
गिरते-पड़ते रहे मुसाफिर
शहर के सबसे बड़े बस स्टैंड में जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण तलाब जैसा नजारा दिखा जिसमें कई यात्री गिरते-पड़ते रहे। बसों के पहिए भी डूबे नजर आए।
अंधेरी पुलिया व प्लेटफार्म में भी जलभराव
वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनने की राह पर खड़े सतना जंक्शन में भीजलभराव देखा गया। खासकर दो नंबर एंट्री गेट की ओर प्लेटफार्म बारिश के दौरान पानी से भर गया जिसके कारण कई यात्रियों को सामान लेकर दूसरी ओर भागना पड़ा। अधेरी पुलिया भी जलमग्न रही जिससे यातायात रेलवे कालोनी की ओर से बंद रहा। प्रेमनगर के रेलवे अंडरब्रिज से तो कमर तक पानी भर गया जिससे लोगों को निकलने में दक्कत हुई।
सड़क पर बही मंदाकिनी, चली नाव, आरती स्थल व दुकाने जलमग्न
मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट में दिनभर की बारिश ने हालात खराब कर दिए हैं। जानकारों का मानना है कि दिनभर की बारिश का असर रात व शुक्रवार की सुबह तक ज्यादा नजर आएगा क्योंकि पहाड़ों का पानी धीरे धीरे नदी तक पहुंचता है। बहरहाल दिन में ही मंदाकिनी उफान पर आ गई थी जिसका पानी रामघाट ,प्रयाग घाट व जानकी कुंड के निकट सड़कों तक आ गया । हालात किस कदर गंभीर हो गए कि पुरानी लंका तिराहे में सड़क पर नाव चलानी पड़ी। भरत घाट का आरती स्थल व आरोग्यधाम का रपटा भी पानी में डूब गया है । बताया गया कि गुरूवार को एक बार पुन: मंदाकिनी का पानी रामघाट स्थित दुकानों में घुस गया जिससे दुकानदारों को खासी क्षति उठानी पड़ी। माना जा रहा है कि आज सुबह तक मंदाकिनी और अधिक उफान लेगी। उधर चित्रकूट की बाढ़ को लेकर उप्र का कर्बी चित्रकूट जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। बाढ़ की स्थिति से निपटने प्रयागराज नैनी से पीएसी व रेस्क्यू टीम बुलाई गई जो मंदाकिनी नदी के किनारों पर पेट्रोलिंग कर रही है।
जिस कार्यालय पर जल निकासी का जिम्मा, वहीं घुसा पानी
अमूमन नगरीय निकाय कार्यालयों पर नगर की जल निकासी व्यवस्था को सुदृढ़ करने का जिम्मा होता है लेकिन गुरूवार को जिले के विभिन्न स्थलों पर दिलचस्प नजारा दिखा। बारिश के दौरान कोटर नगर पंचायत के अलावा कोठी नगर पंचायत कार्यालय में ही पानी घुस गया। दोपहर तक जलभराव इतना अधिक हो गया कि कोटर नगर पंचायत के फायर ब्रिगेड वाहन, कचरा वाहन समेत अन्य वाहनों को लेकर नगर पंचायत के कर्मचारियों को भागना पड़ा। वाहनों अब कोटर स्थित गर्ग फ्यूल्स में खड़ा किया गया है। इसी प्रकार कोठी में नाले का स्वरूप बिगाड़ने का खामियाजा कोठीनगर पंचायत कार्यालय को ही भोगना पड़ा जो गुरूवार को जलमग्न नजर आया। यहां एक तरह की अघोषित छु्ट्टी का माहौल नजर आया। जाहिर है कि जो कार्यालय अपने ही भवन की जल निकासी क ी व्यवस्था को सुदृढ़ नहीं कर सका है , वह नगर की जल निकासी की व्यवस्था को कितनी धार दे पाता होगा, इसका अंदाजा सहसा ही लगाया जा सकता है।
सोसायटी कार्यालय में पानी भरने से खाद खराब
कोटर स्थित सहकारी सोसायटी में भी पानी ने प्रवेश किया जिसके चलते वहां रखी 100 बोरी से अधिक खाद खराब हो गई है। यहां तक कि नगर पंचायत के उपाध्यक्ष प्रभाकर तिवारी के बस स्टैंड के निकट स्थित घर में भी पानी घुस गया जिसमें उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ा।
कोठी में चौतरफा पानी, कई मार्ग बंद
पानी का सबसे ज्यादा असर कोठी क्षेत्र में देखा गया है। कोठियार और सेमरावल नदी से घिरे कोठी क्षेत्र की सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश के चलते कोठी झाली चौराहा की सड़क टूट गई। सड़क निर्माण इतना घटिया था कि धीरे-धीरे सड़क का एक बड़ा हिस्सा उखड़ गया नतीजतन कोठी से कोटर-मेहुती, -चूंद व जैतवारा मार्ग बंद हो गया । कोठी क्षेत्र के पुरवा स्थित सेमरावल नदी का भी रौद्र रूप तब देखने को मिला जब पुल के ऊपर नदी का पानी बहने लगा। इसी प्रकार कोठी क्षेत्र के पटारी , मदनी, शहपुरा, लालपुर समेत कई गांव में लोगों के घरों में जहां पानी घुस गया वहीं इस गांव से लगा रपटा भी जलमग्न हो गया। रपटा में पानी का तेज प्रवाह देखते हुए मौके पर पर पुलिस बल के साथ पहुंचे गिरजा शंकर ने रपटा को बंद कराया जिससे पुरवा-बरहना का आवागमन भी बाधित हुआ। इसके अलावा कोठी नगर परिषद कार्यालय , वार्ड क्र. 12 कुम्हरान बस्ती, वार्ड क्र. 2 बसोरन बस्ती,वार्ड क्र. 15 हनुमानगंज व वार्ड क्र. 5 भी जलमग्न हुए जिसमें सैकड़ों लोगों की गृहस्थी का सामान भीगकर खराब हो गया।
गिर गए घर मर गई बकरियां
कोठी क्षेत्र में पानी ने घर गिरा दिए और एक पावर हाउस को अपने लपेटे में ले लिया। कोठी के वार्ड क्र. 2 निवासी काशीलाल पाल का मकान बारिश में ढह गया। इसी प्रकार पवइया निवासी भाईलाल बसोर का घर भी बारिश की बूदें नहीं बर्दाश्त नहीं कर सका और ढह गया जिसमें दबकर उसकी तीन बकरियां भी मर गईं।