सतना में सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों पर कलेक्टर सख्त। अधिक शिकायतें होने पर सात दिन का वेतन कटेगा। आरआरसी के 5097 प्रकरण लंबित, 26 जनवरी को उत्कृष्ट विभाग होंगे सम्मानित।
By: Yogesh Patel
Dec 09, 20258:01 PM
हाइलाइट्स:
सतना, स्टार समाचार वेब
सोमवार को समय-सीमा पत्रकों की बैठक में कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने सभी संबंधित अधिकारियों को सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों को संतुष्टिपूर्ण निराकरण में गति लाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में संतुष्टिकरण निराकरण पर फोकस कर प्रयास करें और जिले की स्थिति को बेहतर स्थान पर बनाये रखें।
इस अवसर पर आयुक्त नगर निगम शेर सिंह मीना, सीईओ जिला पंचायत शैलेन्द्र सिंह, अपर कलेक्टर विकास सिंह सहित जनपद सीईओ तथा विभाग प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे। सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में सतना जिले का 19वां स्थान है। 50 दिवस से अधिक की लंबित शिकायतों की विभागवार एवं विकासखंडवार समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने जिन विभागों अथवा विकासखंड अधिकारियों की अधिक शिकायतें लंबित है। उनका 7 दिवस का वेतन काटने तथा शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों का निराकरण कराना सुनिश्चित करें जिससे जिले की स्थिति टॉप 10 में आये।
बेहतर कार्य करने वाले 26 जनवरी को होंगे पुरस्कृत
स्वरोजगार मेला और स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि सभी संबंधित विभाग और बैंकर्स अपनी योजनाओं में अपेक्षित प्रगति लायें। कलेक्टर ने कहा कि जिन विभागों द्वारा दिसम्बर 2025 तक शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण कर लिया जायेगा। उन्हें 26 जनवरी को पुरस्कृत किया जायेगा। पीएम स्वनिधि योजना में प्रगति लाने के निर्देश दिये।
आरआरसी के 5097 प्रकरण लंबित
आरआरसी की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने बताया कि कुल 5097 आरआरसी प्रकरण लंबित है जिन्हें तहसीलवार प्रकरण भेजकर डिमांड नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने नगरीय निकाय संस्थाओं से कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में तीनों फेस की योजनाओं में सुधार दिखना चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि इसी हफ्ते सड़क सुरक्षा समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की जायेगी। समय-सीमा पत्रकों के प्रकरणों की समीक्षा कलेक्टर ने की। अन्य विभागों से समन्वय और अंर्तविभागीय विषयों पर सतना-रीवा रेल लाइन दोहरीकरण सहित रेल्वे के मुद्दे, जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास (बरगी नहर), राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जल निगम, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, एमपीआरडीसी से संबंधित अंर्तविभगीय समन्वय के मुद्दों पर चर्चा की गई।