सतना जिला अस्पताल में सोमवार को 2250 से ज्यादा मरीजों ने ओपीडी में पंजीयन कराया, जो 2012 के बाद सबसे बड़ी संख्या है। बदलते मौसम में वायरल बुखार, सर्दी-खांसी और पेट दर्द से पीड़ित मरीजों की भीड़ ने अस्पताल की व्यवस्था चरमराई दी। वार्ड फुल हो गए और बच्चों का पीकू वार्ड क्षमता से दोगुना भर गया।
By: Yogesh Patel
Aug 19, 20255:24 PM
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
जिला अस्पताल में सोमवार को मरीजों की ऐसी भीड़ उमड़ी कि पिछले 13 सालों का ओपीडी के पंजीयन का रिकार्ड टूट गया। देर रात को आए पंजीयन के आंकड़ों में ओपीडी 2250 पार कर गई जबकि 264 मरीजों को भर्ती करना पड़ा। बदले मौसम में सबसे ज्यादा मरीज वायरल बुखार, सर्दी-खांसी, जुकाम व पेट दर्द के आ रहे हैं। पिछले हफ्ते 11 अगस्त को इससे पहले 1871 मरीजों ने इलाज के लिए अपना पंजीयन कराया था।
मरीजों की भीड़.... तस्वीर देखकर शायद आपके जेहन में आया होगा कि यह किसी बड़े रेलवे स्टेशन या मैट्रो का नजारा है। आपका ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है, यह तस्वीर है जिला चिकित्सालय की। सोमवार को अस्पताल की ओपीडी में पर्ची बनवाने मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। बताया जा रहा है कि मरीजों की भीड़ इतनी थी कि लाइन अस्पताल की ओपीडी से बाहर तक पहुंच गई। फोटो- पवन श्रीवास्तव पम्मी।
वार्ड फुल, फर्स पर पेसेंट
जिला अस्पताल में ओपीडी के साथ-साथ आईपीडी यानी भतीं मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से जिला अस्पताल के वार्डों में भी जगह कम पड़ने लगी है। बेड कम पड़ने के चलते कई मरीजों का नीचे गद्दे लगाकर ही इलाज किया जा रहा है। जिला अस्पताल के मेडिसिन चिकित्सक डॉ. मनोज प्रजापति ने बताया कि सोमवार को मेडिसिन ओपीडी में भारी भीड़ देखने को मिली। वायरल से पीड़ित हर दूसरे मरीज को भर्ती होने की सलाह दी जा रही है इसके अलावा सर्जरी, गायनी और आर्थों विभाग में भीड़ देखने को मिली।
पीडियाट्रिक ओपीडी 300 के पार
वायरल फीवर का सबसे ज्यादा प्रभाव इस समय बच्चों में देखने को मिल रहा है। शिशु रोग विशेषज्ञ डा. संजीव प्रजापति ने बताया कि जिला अस्पताल की पीडियाट्रिक ओपीडी पहली बार 300 के पार पहुंची। बच्चों में वायरल फीवर, बायरल निमोनिया, वायरल दस्त कॉमन रूप से देखा जा रहा है। बच्चों में बुखार तेजी से घढ़ रहा है। प्लेटलेट्स और डब्ल्यूबीसी ठाउन हो रहे हैं। कई बच्चों में स्क्रबटाइफस व डेंगू की पुष्टि भी हो रही है।
पीकू वार्ड ओवरलोड
डा. संजीव प्रजापति ने बताया कि वायरल फीवर के चलते जिला अस्पताल में स्थापित पीकू वार्ड ओवरलोड है। 20 बेड के वार्ड में 45 से ज्यादा बच्चो भर्ती है। इम भर्ती सच्यों में प्लेटलेट्स डाउन के मरीज ज्यादा है। इस वायरल फीवर के चलते बच्चों के दिमाग में सूजन आ रही है। कई बच्चों के दिमागी हालत तक खराब हो रहे हैं। चिकित्सक के अनुसार बुखार में दी जाने वाली पैरासिटामाल दवा भी काम नहीं आ रही है। भर्ती मरीजों व बच्चों का बुरुबर उतारने इनजेक्टेबल पैरासिटामाल दिया जा रहा है।
बरतें ये सावधानियां
चिकित्सकों के अनुसार अगर बच्चो का शरीर गर्म लग रहा है या बच्चे को सर्दी-जुखाम है तो उसे चिकित्सक के अनुसार पैरासिटामाल का डोज दें, करीय 45 मिनट तक बच्चे की क्लीन स्पेलिंग करे यानि की गीले कपड़े से बच्चे का पूरा बदन पोछे। अगर बचो में कोई गंभीर लक्षण या मानसिक स्थिति गड़बड़ नजर आए तो तुरन्त चिकित्सक को दिखाएं।