सतना जिला अस्पताल का पीकू वार्ड असामाजिक तत्वों के निशाने पर है। 30 अगस्त की रात देव पंडित और उसके साथियों ने ड्यूटी कर रहे रेजीडेंट डॉक्टरों से अभद्रता की और जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद 31 अगस्त से 2 सितम्बर तक लगातार वार्ड में आकर डॉक्टरों के बारे में पूछताछ कर धमकियां दी जाती रहीं।
By: Yogesh Patel
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था के लिए दिन-रात कई नवाचार किए जा रहे हैं लेकिन सुरक्षा व्यवस्था पर आए दिन सवाल उठ रहे हैं। बताया गया कि 30 अगस्त की देर रात कुछ असामाजिक तत्वों ने अस्पताल के संवेदनशील वार्ड में घुसकर चिकित्सकों से अभद्रता की एवं जान से मारने तक की धमकी भी दे डाली। पीकू वार्ड के चिकित्सकों द्वारा सिविल सर्जन को शिकायती पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी जिस पर सिविल सर्जन डा. मनोज शुक्ला द्वारा सिटी कोतवाली के थाना प्रभारी को शिकायती पत्र पर आवश्यक कार्रवाई के लिए लिखा गया है।
बाल्य एवं शिशु रोग विभाग के प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डा. प्रभात सिंह बघेल ने बताया कि पीकू वार्ड में 30 अगस्त की रात शा. चिकित्सा महाविद्यालय के डा. अजहरुद्दीन सिद्दीकी एवं डा. अभिजीत नंदा की रात्रिकालीन ड्यूटी लगाई गई थी, जिनके साथ रात्रि 1.30 बजे एक बच्चे के पैर का आपरेशन कराने पीकू वार्ड में 6 साथियों के साथ पहुंचे देव पंडित ने अमर्यादित शब्दों का प्रयोगकरते हुए ड्यूटी में पदस्थ रेजीडेंट डाक्टरों के साथ अभद्रता की और जान से मारने की धमकी दी । इतना ही नहीं अगले दिन 31 अगस्त, 1 सितम्बर और 2 सितम्बर की रात को भी देव पंडित के गुर्गों द्वारा पीकू वार्ड में आकर डा. अजहरुद्दीन सिद्दीकी के बारे में पूछताछ करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई, जिसके बाद अस्पताल के ड्यूटी स्टाफ के बीच भय की स्थिति निर्मित हो गई है।
थाना प्रभारी को भेजा गया सीसीटीवी कैमरे का फुटेज
बताया गया कि 30 अगस्त की रात हुए घटनाक्रम की शिकायत सिविल सर्जन डा. मनोज शुक्ला को कार्रवाई के लिए शिकायती पत्र लिखा गया, जिसके बाद सिविल सर्जन ने मामले की शिकायत सिटी कोतवाली में की है। मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को सिविल सर्जन डा. मनोज शुक्ला द्वारा सिटी कोतवाली के थाना प्रभारी को शिकायती पत्र के साथ पीकू वार्ड में लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज भी भेजा गया है। सिविल सर्जन ने शिकायती पत्र में लिखा है कि अस्पताल के रात्रिकालीन ड्यूटी में पदस्थ चिकित्सकों में डर का माहौल बना हुआ है। अगर इस घटना की तुरन्त कार्रवाई नहीं की गई तो चिकित्सकों द्वारा 4 सितम्बर की सुबह 8 बजे से आंदोलन- प्रदर्शन किया जाएगा।