×

शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति में मनमानी: सतना जिले में नियमों को दरकिनार कर वर्षों से जमे हैं वार्डन, प्रशासन बना मूकदर्शक

सतना जिले में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति का कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद कई वार्डन अब भी पदों पर जमे हुए हैं। राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशों की अनदेखी कर जिला प्रशासन नियमों को ठेंगा दिखा रहा है। जबकि मैहर में निर्देशों का पालन कर पारदर्शिता का उदाहरण प्रस्तुत किया गया है, सतना अब भी कुंभकर्णी नींद में सो रहा है।

By: Star News

Jul 30, 20254:05 PM

view6

view0

शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति में मनमानी: सतना जिले में नियमों को दरकिनार कर वर्षों से जमे हैं वार्डन, प्रशासन बना मूकदर्शक

हाइलाइट्स 

  • 2022 से पदस्थ शिक्षकों का कार्यकाल समाप्त, फिर भी जिम्मेदार कार्रवाई से बच रहे, प्रतिनियुक्ति अब भी जारी।
  • राज्य शिक्षा केंद्र के 2 मई के स्पष्ट आदेश की अवहेलना, मैहर में पालन, सतना में लापरवाही।
  • विधानसभा में भी उठ चुका है मुद्दा, बावजूद इसके जिला प्रशासन मौन, नियमों की धज्जियाँ उड़ती रहीं।

सतना, स्टार समाचार वेब

शिक्षा विभाग में नियम कायदें भले ही सरकार बनाती हो, लेकिन इन नियम कायदों को ताक पर रखकर अपने नियम कायदें चलाने का काम स्थानीय अधिकारी हमेशा करते रहे हैं। खासकर जब अटैचमेंट की बात हो तब शासन के दिशा-निदेर्शों को हमेशा ही नजरअंदाज करते हुए  चहेते शिक्षकों को मनपसंद  काम के लिए अटैचमेंट करना आम बात है। हाल ही में अटैचमेंट का नया कारनामा बिल्कुल चौंका देने वाला है। सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई की जिम्मेदारी से बचने वाले कुछ शिक्षकों ने अब प्रतिनियुक्ति को अपनी ढाल बनाते हुए  वर्षों तक अपनी कुर्सी से चिपके रहने की व्यवस्था बना ली है। जबकि नियमानुसार छात्रावास अधीक्षक का कार्यकाल तीन वर्ष और सहायक अधीक्षक का कार्यकाल अधिकतम पांच वर्ष निर्धारित है, लेकिन सतना में यह व्यवस्था जिम्मेदारों की रहस्यमयी चुप्पी के कारण  चरमरा चुकी है। इस मामले में राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक हरजिंदर सिंह के 2 मई के उस पत्र को भी रद्दी की ठोकरी में फेंक दिया है जिसमें   प्रतिनियुक्त पर 3 साल पूर्ण करने वाले वार्डन व 5 साल पूर्ण करने वाले शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल पद पर भेजने के निर्देश दिए गए थे। सवाल यह उठता है कि आखिर सतना जिला प्रशासन कब जागेगा? क्या शासन द्वारा जारी दिशा-निदेर्शों का पालन केवल मैहर जैसे कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित रहेगा? या सतना जैसे प्रमुख जिलों में भी पारदर्शिता और जवाबदेही की पहल होगी? यदि जिला प्रशासन शीघ्र ही इस मुद्दे पर संज्ञान नहीं लेता, तो यह स्थिति आगे चलकर शिक्षा व्यवस्था में बड़े अव्यवस्था का कारण बन सकती है।

सतना में प्रतिनियुक्ति अवधि बीती फिर भी जमे हैं कई वार्डन 

सतना जिले में वर्ष 2022 से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ शिक्षकों का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। नियमानुसार अब इन शिक्षकों को विद्यालय में वापस भेजते हुए अन्य योग्य शिक्षकों को छात्रावास का प्रभार सौंपना चाहिए था। लेकिन ऐसा करने के बजाय यह शिक्षक अब भी उसी पद पर जमे हुए हैं। इस दौरान उच्चाधिकारियों ने मूल पद पर वापस लौटने संबंधी न  तो कोई स्थानांतरण आदेश जारी किया और न ही इस दिशा में  किसी प्रकार की प्रशासनिक कार्रवाई की। दिलचस्प बात यह है कि मैहर जिले के छात्रावासों में तो प्रतिनियुक्ति नियमों का पालन किया गया है लेकिन  सतना जिले के जिम्मेदारों के हाथ प्रतिनियुक्ति समाप्त करने में कांप रहे हैं। इसमें सबसे पहला नाम है रामपुर ब्लाक के सज्जनपुर में पदस्थ गिरिबाला पाडे का जिनकी 3 साल की प्रतिनियिुक्ति अवधि बीत चुकी है, लेकिन उन पर अफसर मेहरबान बने हुए हैं।  इसी प्रकार उचेहरा छात्रावास में माला वर्मा, नागौद ब्लाक अंतर्गत  श्यामनगर छात्रावास में चारूलेखा व जसो छात्रावास में पदस्थ लक्ष्मी कुशवाहा , मझगवां ब्लाक अंतर्गत रजौला छात्रावास में निर्मला पटेल की भी अवधि पूरी हो चुकी है मगर प्रशासन कुंभकणर््ी नींद सो रहा है। 

मैहर बना अनुकरणीय उदाहरण

वहीं, इसी जिले के मैहर विकासखंड में राज्य सरकार के दिशा-निदेर्शों का पालन करते हुए एक अनुकरणीय कार्य किया गया। वहां जिन शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की तीन साल की अवधि पूरी हो गई थी, उन्हें वापस विद्यालय भेजते हुए अन्य शिक्षकों को वार्डन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता दिखाई दी, बल्कि कार्य के प्रति गंभीरता भी झलकी।

विधानसभा में भी उठ चुका है मामला

यह मामला केवल प्रशासनिक गलती तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी गूंज राज्य विधानसभा तक पहुंच चुकी है। शून्यकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के माध्यम से यह प्रश्न बार-बार उठाया गया कि क्यों तीन वर्ष की निर्धारित अवधि पूरी होने के बाद भी प्रतिनियुक्ति वापस नहीं ली जा रही है। 
बावजूद इसके, सतना जिला प्रशासन अब तक मौन है और किसी भी प्रकार की संज्ञानात्मक कार्रवाई नहीं की गई।

इस मामले की नोटशीट जिपं भेजी गई है जिस पर अभी कोई आदेश नहीं आया है। कुछ छात्रावासों के अधीक्षक की अवधि पूरी नहीं हुई है।

-विष्णु त्रिपाठी, जिला परियोजना समन्वयक, राज्य शिक्षा केंद्र

COMMENTS (0)

RELATED POST

सीहोर में निवासियों ने दी आमरण अनशन की चेतावनी

5

0

सीहोर में निवासियों ने दी आमरण अनशन की चेतावनी

ब्रिज की डिजाइन का विरोध, दोनों ओर एप्रोच रोड की मांग पर 17 नवंबर से आंदोलन

Loading...

Nov 14, 202511:00 PM

बीजेपी ने ढोल-नगाड़ों के साथ पटाखे की आतिशबाजी

3

0

बीजेपी ने ढोल-नगाड़ों के साथ पटाखे की आतिशबाजी

बिहार चुनाव में एनडीए की जीत से नर्मदापुरम में जश्न

Loading...

Nov 14, 202510:56 PM

रिंग रोड बनने से पहले ही सरकारी जमीन पर भू-माफिया का कब्जा शुरू 

5

0

रिंग रोड बनने से पहले ही सरकारी जमीन पर भू-माफिया का कब्जा शुरू 

प्रशासन की चुप्पी से अतिक्रमणकारियों के हौंसले बढ़े, अफसर बरत रहे लापरवाही

Loading...

Nov 14, 202510:54 PM

भोपाल में तबलीगी इज्तिमा का आगाज: कड़ी सुरक्षा में 19 देशों के 12 लाख जायरीन

6

0

भोपाल में तबलीगी इज्तिमा का आगाज: कड़ी सुरक्षा में 19 देशों के 12 लाख जायरीन

भोपाल के ईटखेड़ी में 78वां आलमी तबलीगी इज्तिमा शुरू हो गया है। 14 से 17 नवंबर तक चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में 19 देशों से 12 लाख लोगों के आने की संभावना है। दिल्ली धमाके के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त। पहले दिन मुफ्ती अजीज ने अल्लाह की कुदरत पर बयान दिया।

Loading...

Nov 14, 20256:48 PM

भोपाल में शनिवार को बिजली कटौती: ईदगाह हिल्स, दानिशकुंज, बसंतकुंज समेत 35 क्षेत्रों में 2 से 6 घंटे गुल रहेगी बिजली

16

0

भोपाल में शनिवार को बिजली कटौती: ईदगाह हिल्स, दानिशकुंज, बसंतकुंज समेत 35 क्षेत्रों में 2 से 6 घंटे गुल रहेगी बिजली

भोपाल के 35 से अधिक इलाकों में शनिवार (कल) को बिजली कंपनी मेंटेनेंस कार्य करेगी, जिसके कारण सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक 2 से 6 घंटे तक बिजली सप्लाई प्रभावित रहेगी। ईदगाह हिल्स, दानिशकुंज, बसंतकुंज, भारत नगर, प्रभु नगर जैसे प्रमुख क्षेत्रों के निवासी समय से पहले अपने जरूरी काम निपटा लें। पूरी लिस्ट देखें।

Loading...

Nov 14, 20256:30 PM