थाईलैंड और कंबोडिया सीमा पर भीषण लड़ाई फिर शुरू; नागरिकों सहित 21 हताहत। जुलाई का युद्धविराम टूटा। यूनेस्को ने प्रीह विहार मंदिर पर चिंता जताई। ट्रंप ने मध्यस्थता की पेशकश की, लेकिन थाईलैंड ने तुरंत बातचीत से किया इनकार।
By: Ajay Tiwari
Dec 11, 20255:37 PM
सूरीन (थाईलैंड) स्टार समाचार वेब.
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर संघर्ष फिर से भीषण हो गया है, जिससे जुलाई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में लागू हुआ युद्धविराम पटरी से उतर गया है। सूरीन (थाईलैंड) से मिली जानकारी के अनुसार, इस ताज़ा बड़े पैमाने के संघर्ष में पहली बार नागरिकों की मौत के आधिकारिक आंकड़े सामने आए हैं, जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिंताएँ बढ़ गई हैं।
थाई सेना ने गुरुवार को पुष्टि की कि कंबोडिया के साथ सीमा पर चल रही भारी लड़ाई में तीन थाई नागरिक मारे गए हैं, जबकि उनके 9 सैनिक भी हताहत हुए हैं। कंबोडिया ने भी 9 लोगों (जिनमें एक शिशु शामिल है) की मौत की पुष्टि की है, और 46 घायल हुए हैं। थाईलैंड में नागरिकों की ये मौतें लड़ाई दोबारा शुरू होने के बाद पहली हैं।

कुल मौतों की पुष्टि: 21 (18 सैनिक और 3 नागरिक थाईलैंड में; 9 नागरिक कंबोडिया में, नागरिक मौतों में कुछ ओवरलैप हो सकता है, लेकिन कुल हताहतों की संख्या करीब दो दर्जन है)।
हथियारों का इस्तेमाल: कंबोडिया ने तोपखाने, मोर्टार और BM-21 रॉकेट लॉन्चरों का इस्तेमाल किया, जबकि थाईलैंड ने भी भारी हथियारों और जेट फाइटर से हवाई हमलों का जवाब दिया।
विस्थापन: सीमा के दोनों ओर सैकड़ों-हजारों लोग विस्थापित हुए हैं और अस्थायी आश्रयों में शरण ली है।
हमले की जानकारी: थाई सेना के अनुसार, बुधवार रात को कंबोडिया ने चौकियों पर हमला किया, जिसके जवाब में थाई सेना ने "दुश्मन के ट्रकों को नष्ट कर दिया।"
यह संघर्ष सदियों पुराने क्षेत्रीय दावों को लेकर है, जिसका नवीनतम केंद्र 1907 के फ्रांसीसी औपनिवेशिक नक्शे से उपजा है जिसे थाईलैंड गलत मानता है।
प्राचीन मंदिर विवाद: विवाद के केंद्र में प्रीह विहार मंदिर वाली पहाड़ी है, जिसे 1962 में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने कंबोडिया को दे दिया था। यह मंदिर यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल है।
यूनेस्को की चिंता: यूनेस्को ने मंदिर के आसपास की लड़ाई पर "गहरी चिंता" व्यक्त करते हुए हिंदू मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया है।
पोप का दुख: पोप लियो XIV ने नवीनीकृत संघर्ष पर "गहरी उदासी" व्यक्त की और हताहतों के प्रति अपनी निकटता प्रकट की।

जुलाई में मलेशिया की मध्यस्थता और ट्रंप के दबाव में एक युद्धविराम लागू हुआ था, लेकिन बारूदी सुरंगों (थाईलैंड का आरोप कंबोडिया पर) और पकड़े गए कंबोडियाई सैनिकों की वापसी न होने जैसे मुद्दों पर छोटी-मोटी हिंसा जारी रही।
ट्रंप का बयान: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने युद्ध दोबारा शुरू होने पर पहला बयान दिया और कहा कि वह दोनों पक्षों को फिर से युद्धविराम के लिए मनाएंगे, जिसके लिए वह गुरुवार को दोनों नेताओं से फोन पर बात करेंगे।
थाईलैंड का इनकार: थाई प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने राष्ट्रवादी जनभावना को दर्शाते हुए, ट्रंप के कहने पर तुरंत बातचीत से इनकार कर दिया। उन्होंने कसम खाई कि जब तक थाईलैंड की संप्रभुता और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती, लड़ाई जारी रहेगी।
सुरंगों का आरोप: थाईलैंड ने कंबोडिया पर नवीन स्थापित बारूदी सुरंगें बिछाने का आरोप लगाया है, जबकि कंबोडिया ने कहा कि वे 1999 में समाप्त हुए गृहयुद्ध की बची हुई सुरंगें हैं।
यह संघर्ष दिखाता है कि सदियों पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए केवल युद्धविराम पर्याप्त नहीं है, बल्कि स्थायी राजनीतिक समाधान की आवश्यकता है।