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योग दिवस 2025: स्वस्थ जीवन और शांति का मार्ग, जाने कैसे करें योग.. क्या होगा लाभ

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। जानें योग का महत्व, इसके लाभ और कुछ सरल आसन (ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन, शवासन) व प्राणायाम (अनुलोम-विलोम) करने की विधि। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से योग कैसे बना वैश्विक आंदोलन।

By: Ajay Tiwari

Jun 18, 20251:26 PM

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योग दिवस 2025: स्वस्थ जीवन और शांति का मार्ग, जाने कैसे करें योग.. क्या होगा लाभ

योग दिवस पर विशेष

स्टार समाचार वेब.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है, जो योग के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह प्राचीन भारतीय परंपरा, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक मंच पर स्थापित किया, शरीर, मन और आत्मा को एकीकृत करने का विज्ञान है। योग तनाव कम करने, लचीलेपन में सुधार और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक है।

योग: एक प्राचीन परंपरा

योग की जड़ें भारत में 5000 साल से भी अधिक पुरानी हैं। यह केवल व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा गया। 177 सदस्य देशों के समर्थन के बाद, 11 दिसंबर 2014 को 21 जून को इस दिवस के रूप में घोषित किया गया। 21 जून उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसका विशेष महत्व है।

योग करने की विधि: सरल आसन और प्राणायाम

योग में कई आसन, प्राणायाम (श्वास नियंत्रण) और ध्यान शामिल हैं। आप इन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं:

1. ताड़ासन (पर्वत मुद्रा)

  • कैसे करें: सीधे खड़े हों, पैरों को थोड़ा अलग रखें। सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं, उंगलियों को फंसाएं और एड़ियों को ऊपर उठाकर पैर की उंगलियों पर खड़े हों। शरीर को ऊपर खींचें। सांस छोड़ते हुए वापस आएं।
  • लाभ: रीढ़ सीधी होती है, संतुलन सुधरता है और लंबाई बढ़ाने में मदद मिलती है।

2. वृक्षासन (वृक्ष मुद्रा)

  • कैसे करें: सीधे खड़े हों। दाहिने पैर को मोड़कर उसके तलवे को बाईं जांघ पर रखें। हाथों को नमस्कार मुद्रा में या ऊपर उठाएं। कुछ देर संतुलन बनाएं, फिर दूसरे पैर से दोहराएं।
  • लाभ: एकाग्रता और संतुलन बढ़ता है, पैरों को मजबूती मिलती है।

3. अधोमुख श्वानासन (नीचे की ओर मुंह वाला कुत्ता)

  • कैसे करें: हाथों और घुटनों पर आएं। सांस छोड़ते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं, शरीर उल्टे 'V' के आकार में। हाथों और पैरों को मजबूती से जमीन पर रखें, उंगलियां फैलाएं, रीढ़ सीधी करें।
  • लाभ: पूरे शरीर को फैलाता और मजबूत करता है, तनाव से राहत देता है।

4. भुजंगासन (कोबरा मुद्रा)

  • कैसे करें: पेट के बल लेट जाएं, हथेलियां कंधों के नीचे। सांस लेते हुए धीरे-धीरे छाती और सिर को उठाएं, कोहनियां शरीर के करीब रखें।
  • लाभ: रीढ़ का लचीलापन बढ़ता है, पेट के अंगों को उत्तेजित करता है।

5. शवासन (शव मुद्रा)

  • कैसे करें: पीठ के बल लेट जाएं, हाथों को शरीर से दूर, हथेलियां ऊपर की ओर। पैरों को आराम दें और थोड़ा अलग रखें। आंखें बंद करें और पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें।
  • लाभ: शरीर और मन को पूर्ण आराम देता है, तनाव और चिंता कम करता है।

प्राणायाम: अनुलोम-विलोम (नाड़ी शोधन प्राणायाम)

  • कैसे करें: आरामदायक स्थिति में बैठें। दाहिने हाथ से दाहिना नथुना बंद करें और बाएं से सांस लें। बाएं को बंद कर दाहिने से छोड़ें। फिर दाहिने से लें और बाएं से छोड़ें। यह एक चक्र है।
  • लाभ: श्वसन प्रणाली शुद्ध होती है, मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है।

ध्यान रखे

  • योग हमेशा खाली पेट या हल्का भोजन करने के कुछ घंटों बाद करें।
  • अपनी शरीर की क्षमता का सम्मान करें, जबरदस्ती न करें।
  • यदि कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो योग शुरू करने से पहले चिकित्सक या प्रमाणित योग प्रशिक्षक से सलाह लें।
  • शुरुआत में किसी योग्य प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में अभ्यास करना सर्वोत्तम है।

योग दिवस हमें स्वास्थ्य के महत्व की याद दिलाता है। आइए, हम सब योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और इसके अनमोल लाभों को प्राप्त करें।


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