आदिवासियों को वन क्षेत्र की जमीन से हटाने की करवाई से भड़के केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी के बाद रविवार को ही सीहोर वन मंडल के वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) मगन सिंह डाबर को हटा दिया गया है। डाबर को भोपाल भेजा गया है।
By: Arvind Mishra
Jun 29, 2025just now
भोपाल। स्टार समाचार वेब
सीहोर में पीड़ित आदिवासी परिवारों ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी। रविवार को शिवराज, क्षेत्र के आदिवासियों को साथ लेकर सीएम हाउस पहुंचे। सीएम डॉ. मोहन यादव से मुलाकात के दौरान खातेगांव और इछावर क्षेत्र के आदिवासी समाज के लोगों के साथ बुधनी विधायक रमाकांत भार्गव भी मौजूद थे। आदिवासियों को वन क्षेत्र की जमीन से हटाने की करवाई से भड़के केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी के बाद रविवार को ही सीहोर वन मंडल के वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) मगन सिंह डाबर को हटा दिया गया है। डाबर को भोपाल भेजा गया है। उनकी जगह लघुवानोपज संघ की उप वन संरक्षक अर्चना पटेल को सीहोर डीएफओ बनाया गया है। खिवनी अभयारण्य सीहोर वन मंडल क्षेत्र में आता है। ऐसे में पहली कार्रवाई डीफओ पर ही की गई है। आदिवासियों का आरोप था कि खिवनी अभयारण्य क्षेत्र में वन विभाग के अधिकारियों द्वारा आदिवासियों के मकान तोड़ने और जमीन से बेदखल करने की कार्रवाई की गई है।
शिवराज सिंह चौहान के साथ सीएम हाउस में आदिवासियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने एक्स पर लिखा- हमारी सरकार गरीबों की सरकार है, गरीबों के साथ है। आज भोपाल निवास पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में खिवनी अभयारण्य के लिए वन विभाग की कार्रवाई से प्रभावित जनजातीय समुदाय के नागरिकों से भेंट की। उनकी शिकायतों को सुना और जांच के निर्देश दिए। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें और पीड़ितों को शासकीय सुविधाओं का लाभ दिलाएं। वन विभाग को निर्देश दिए हैं कि बारिश के सीजन में ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचें। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार गरीबों की सरकार है। जनजातीय समुदाय का सम्मान और कल्याण हमारा संकल्प है।
इधर, मनावर विधायक और जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा ने खिवनी में आदिवासियों के घर तोड़ने पर कहा-मध्य प्रदेश के देवास जिले में स्थित खिवनी अभ्यारण्य, सालों से आस-पास बसे आदिवासी समुदायों की जीवनरेखा रहा है। यहां की जमीन, जंगल और संसाधन सदियों से आदिवासियों की आजीविका, संस्कृति और पहचान का हिस्सा रहे हैं। लेकिन अब इसी खिवनी को अभ्यारण्य घोषित कर, वन विभाग द्वारा सुनियोजित तरीके से आदिवासियों को उनकी पैतृक जमीन से बेदखल किया जा रहा है। 80 से अधिक आदिवासी परिवारों के घर तेज बारिश के बीच बिना नोटिस और पुनर्वास की व्यवस्था के ध्वस्त कर दिए गए। यह न केवल वन अधिकार अधिनियम 2006 का उल्लंघन है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 21 का भी सीधा हनन है। यह आदिवासियों को जंगल से हटाने की साजिश है।
देवास जिले के खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के खिवनी में आदिवासियों के घर तोड़े जाने के मामले में आदिवासी समाज का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। 23 जून को खिवनी में वन विभाग ने आदिवासियों के 50 से ज्यादा घरों पर बुलडोजर चला दिया था। इस घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने शिवराज सिंह चौहान और सीएम पर निशाना साधा था।