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सीएम बोले- मप्र देश का दिल है, इसकी धड़कनों में प्रदेश की होना चाहिए आहट

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को स्मृति चिन्ह तथा भारतीय ज्ञान परम्परा पुस्तक की प्रति भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने ई-ज्ञानसेतु यू-ट्यूब चैनल का लोकार्पण भी किया। उन्होंने पुस्तिका "मध्यप्रदेश की प्रतिभाओं का परचम" का विमोचन किया।

By: Prafull tiwari

May 21, 20259:47 PM

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सीएम बोले- मप्र देश का दिल है, इसकी धड़कनों में प्रदेश की होना चाहिए आहट

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश देश का दिल है, और देश की धड़कनों में मध्यप्रदेश की आहट होना चाहिए। यह प्रदेश के युवाओं की प्रतिभा, योग्यता और दक्षता से ही संभव है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा वर्ष 2024 में प्रदेश के 60 युवाओं का चयन मध्यप्रदेश की क्षमता को दशार्ता है। प्रदेश के यह युवा, देश की अलग-अलग सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और पूरा देश हमारे प्रदेश के प्रभाव का अनुभव करेगा। यह मप्र के लिए गर्व का विषय है। सीएम ने यह बात बुधवार को यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 में चयनित होनहारों के सम्मान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को स्मृति चिन्ह तथा भारतीय ज्ञान परम्परा पुस्तक की प्रति भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने ई-ज्ञानसेतु यू-ट्यूब चैनल का लोकार्पण भी किया। उन्होंने पुस्तिका "मध्यप्रदेश की प्रतिभाओं का परचम" का विमोचन किया। इस अवसर पर ई-ज्ञानसेतु और चयनित प्रतिभागियों पर वृत चित्र का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार, मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी के संचालक अशोक कड़ेल, प्रतिभागी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

इसमें अधिकारियों का अहम योगदान
सीएम ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश को एक स्वस्थ्य लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था की ही देन है कि जमीन से जुड़े व्यक्ति को भी देश-प्रदेश का नेतृत्व करने का अवसर प्राप्त हो सकता है। यह भी गर्व का विषय है कि सिविल सेवा में चयनित अधिकांश युवाओं ने शासकीय स्कूलों से पढ़ाई की है।

नेताजी ने तोड़ा अंग्रेजों का घमंड
सीएम डॉ. यादव ने स्वतंत्रता संग्राम में सुभाष चंद्र बोस के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत वासियों की योग्यता को सिद्ध करने के लिए ही उन्होंने आईसीएस की परीक्षा दी और उसमें सफलता प्राप्त कर अंग्रेजों का घमंड तोड़ा। सीएम ने सम्राट विक्रमादित्य और लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की न्यायप्रियता और सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता के उद्धरण देते हुए अभ्यर्थियों से अपने कर्तव्यों के निर्वहन में जनसामान्य के प्रति संवेदनशील, जनकल्याण के लिए सक्रिय और लोकहित के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहने का आहृवान किया।

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