मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को मंत्रालय में मध्यप्रदेश स्थापना दिवस और अभ्युदय दिवस की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक ली। साथ ही अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। वहीं बैठक में जानकारी दी गई कि भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रसिद्ध पार्श्व गायक जुबिन नौटियाल प्रस्तुति देंगे।
By: Arvind Mishra
Oct 13, 20252:32 PM

भोपाल। स्टार समाचार वेब
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को मंत्रालय में मध्यप्रदेश स्थापना दिवस और अभ्युदय दिवस की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक ली। साथ ही अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। वहीं बैठक में जानकारी दी गई कि भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रसिद्ध पार्श्व गायक जुबिन नौटियाल प्रस्तुति देंगे। वे श्रीकृष्ण भक्ति पदों की प्रस्तुति देंगे। साथ ही विरासत से विकास थीम पर शानदार ड्रोन शो और आतिशबाजी भी कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होंगे। सीएम ने कहा कि एक नवंबर को मध्य प्रदेश स्थापना दिवस इस बार उद्योग और रोजगार वर्ष की थीम पर मनाया जाएगा। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्थापना दिवस समारोह में आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की दिशा में हुए नवाचारों और विशेष गतिविधियों का प्रभावी प्रस्तुतीकरण किया जाए। सीएम ने कहा- रोजगार के मंदिर हैं उद्योग की भावना के साथ-साथ कौशल उन्नयन, तकनीकी शिक्षा, उद्यमशीलता के विकास और युवाओं को आत्मनिर्भरता से जोड़ने वाली गतिविधियों को कार्यक्रमों में आकर्षक रूप से शामिल किया जाए।
सीएम ने निर्देश दिए कि आयोजन में प्रदेश की धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन गतिविधियों से अर्थव्यवस्था में आई गतिशीलता पर भी प्रस्तुतीकरण किया जाए। भोपाल में राज्य स्तरीय समारोह के साथ-साथ सभी जिलों और संभागीय मुख्यालयों पर भी भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। मध्य प्रदेश स्थापना दिवस पर 2 और 3 नवंबर को राज्य स्तरीय कार्यक्रम में लाल परेड ग्राउंड पर महान नाट्य सम्राट विक्रमादित्य की प्रस्तुति होगी।
सामान्य प्रशासन विभाग सभी जिलों के कलेक्टरों और संभागायुक्तों को तैयारी के निर्देश जारी कर चुका है। जिला स्तर पर भी स्थापना दिवस के अवसर पर विविध सांस्कृतिक और नवाचार आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सीएम ने कहा- पूरे प्रदेश में 21 अक्टूबर को गोवर्धन पर्व लोक अनुष्ठान और सांस्कृतिक परंपराओं के अनुसार मनाया जाए। आयोजन में गौशालाओं तथा पशुपालकों को विशेष रूप से सहभागी बनाया जाए। इसके साथ ही गोवर्धन पर्व पर पशुपालन तथा दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां दर्ज करने और नवाचार करने वाले उद्यमियों को सम्मानित भी किया जाए।