राजस्व विभाग ने कैबिनेट के फैसले का विरोध कर ड्यूटी से अनुपस्थित तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश सभी संभागायुक्तों को जारी किए हैं। इसके तहत संभागायुक्त कलेक्टरों से जानकारी लेकर ड्यूटी से गायब अधिकारियों के विरुद्ध निलंबन और अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे।
By: Arvind Mishra
Aug 17, 20253 hours ago
राजस्व विभाग ने कैबिनेट के फैसले का विरोध कर ड्यूटी से अनुपस्थित तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश सभी संभागायुक्तों को जारी किए हैं। इसके तहत संभागायुक्त कलेक्टरों से जानकारी लेकर ड्यूटी से गायब अधिकारियों के विरुद्ध निलंबन और अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे। दरअसल, मध्यप्रदेश में तहसीलदार-नायब तहसीलदारों की अघोषित हड़ताल पर अंकुश लगाने सरकार अनुशासन का डंडा चलाने की तैयारी में है। इसका असर प्रदेश में सोमवार से देखने को मिलेगा। हालांकि, सरकार के आदेश के बाद तहसीलदार-नायब तहसीलदारों के संघ ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव से मिलन का समय लिया है। सोमवार को मप्र कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रांतीय पदाधिकारी और सभी 55 जिलों के अध्यक्ष मुलाकात करेंगे। उसके बाद आगे के विरोध की रणनीति तय होगी।
तहसीलदार-नायब तहसीलदारों के विरोध को सात दिन हो चुके हैं। इससे सिर्फ भोपाल जिले में 2177 केस पेंडिंग हो गए हैं। वहीं प्रदेशभर में करीब 95 हजार राजस्व से जुड़े सभी प्रकार के मामले लंबित हैं। किसान से लेकर आमजन परेशान हैं। 6 अगस्त से इनका विरोध शुरू हुआ। 12 दिन पूरे बीत चुके हैं, इन दिनों में 7 दिन वर्किंग डे के दौरान तहसीलदार-नायब तहसीलदारों ने जनता से जुड़े कोई काम नहीं किए हैं।
राजस्व विभाग के अवर सचिव संजय कुमार ने सभी संभागायुक्तों को सिविल सेवा नियमों के तहत हड़ताली अफसरों पर कार्रवाई करने के निर्देश हैं। इसके बाद चूंकि सरकारी छुट्टियां लग गईं, इसलिए पिछले पांच दिनों में सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। सोमवार से सरकार के आदेशों पर क्या कार्रवाई होती है, सामने आएगी। जिसमें अनुशासनहीनता के तहत कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए हैं।