भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने केंद्र सरकार से जस्टिस सूर्यकांत को अगले चीफ जस्टिस आफ इंडिया (सीजेआई) के तौर पर नियुक्त करने की सिफारिश की है। मौजूदा सीजेआई गवई के बाद सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज जस्टिस सूर्यकांत हैं।
By: Arvind Mishra
Oct 27, 202511:57 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने केंद्र सरकार से जस्टिस सूर्यकांत को अगले चीफ जस्टिस आफ इंडिया (सीजेआई) के तौर पर नियुक्त करने की सिफारिश की है। मौजूदा सीजेआई गवई के बाद सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज जस्टिस सूर्यकांत हैं। सीजेआई गवई के 23 नवंबर को रिटायर होने के बाद 24 नवंबर को 53वें सीजेआई बनेंगे। दरअसल, सीजेआई गवई ने सोमवार को केंद्र सरकार से सीनियर जज जस्टिस सूर्यकांत को उनका उत्तराधिकारी बनाए जाने की सिफारिश की है। उनका नाम मंजूरी के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय को भेज दिया गया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में 53वें सीजेआई की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई है। परंपरा है कि मौजूदा सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है।
जस्टिस सूर्यकांत इंडियन ज्यूडीशियरी की टॉप पोस्ट पर पहुंचने वाले हरियाणा से पहले व्यक्ति होंगे। उनके नाम की सिफारिश करते हुए सीजेआई गवई ने कहा कि जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट की कमान संभालने के लिए उपयुक्त और सक्षम हैं।
मौजूदा सीजेआई गवई का कार्यकाल 23 नवंबर को खत्म हो रहा है। उनके बाद जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को सीजेआई के तौर पर शपथ लेंगे। वे 9 फरवरी 2027 को रिटायर होंगे। उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा। सुप्रीम कोर्ट के जज 65 साल की उम्र में रिटायर होते हैं।
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। उन्होंने 1981 में हिसार के स्टेट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद 1984 में रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी लॉ की डिग्री ली। 1984 में हिसार डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वकालत शुरू की। 1985 में जस्टिस सूर्यकांत पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। मार्च 2001 में उन्हें सीनियर वकील नॉमिनेट किया गया। 9 जनवरी 2004 को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में परमानेंट जज बनने तक वे हरियाणा के एडवोकेट जनरल रहे। जस्टिस सूर्यकांत को 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रमोट किया गया था।