कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। गंगा घाटों पर सुबह से ही गंगा स्नान, पूजा-अर्चना और दीपदान के लिए श्रद्घालुओं का तांता लगा रहा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान से दस यज्ञ के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। यह दिन सिख धर्म के लिए भी विशेष है।
By: Arvind Mishra
Nov 05, 202510:06 AM

हापुड़। स्टार समाचार वेब
कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। गंगा घाटों पर सुबह से ही गंगा स्नान, पूजा-अर्चना और दीपदान के लिए श्रद्घालुओं का तांता लगा रहा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान से दस यज्ञ के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। यह दिन सिख धर्म के लिए भी विशेष है। इसी दिन सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। पश्चिमी उप्र के विभिन्न जनपदों, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान के अलावा अन्य प्रदेशों के लोग भी यहां पहुंचे। जिन्होंने गत एक वर्ष में दिवंगत हुए अपने परिजनों, सगे संबंधियों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना करते हुए मां गंगा में दीपदान किया।
दरअसल, हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा मेले का मुख्य स्नान जारी है। मेला स्थल के साथ ही ब्रजघाट और पूठ में 35 से 40 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है। बुधवार की सुबह ब्रह्म काल से पूर्णिमा स्नान आरंभ हुआ। श्रद्धालुओं की भीड़ और सुरक्षा को देखते हुए एसपी ज्ञानंजय सिंह ने पुलिसकर्मियों को अलग-अलग प्वाइंटों पर तैनात किया है। मेले में एक-एक जोनल मजिस्ट्रेट बनाए गए हैं। उनके साथ पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है। वे मेला क्षेत्र में बारीकी से नजर रख रहे हैं। सदर बाजार, मीना बाजार में बिना वर्दी के महिला पुलिसकर्मी भी तैनात की गई है।
हाईवे पर रूट डायवर्जन
कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के देखते हुए मंगलवार की सुबह से ही हाईवे पर रूट डायवर्जन लागू करा दिया गया। अमरोहा और हापुड़ की तरफ से आए वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा गया। वहां, बहुत से चालकों ने अपने वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर हाईवे किनारे रोक लिया है। उन्हें भी दूसरे रास्तों से गंतव्यों के लिए भेजा जाएगा।
मां गंगा की महाआरती में उमड़ी भीड़
मंगलवार की शाम गंगानगरी और कार्तिक पूर्णिमा मेला स्थल पर मां गंगा की महाआरती का आयोजन हुआ। इसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस बार भी मेला स्थल और ब्रजघाट में काशी की तर्ज पर महाआरती स्थल बनाए गए हैं। कार्तिक पूर्णिमा मेले के मुख्य स्नानघाट के निकट बनाए गए घाट पर पुरोहित विनोद शर्मा शास्त्री, गोविंद शास्त्री व अन्य पुरोहितों ने शंख ध्वनि के साथ आरती शुरू की। वहीं, ब्रजघाट में भी गंगा सभा आरती समिति के तत्वावधान में महाआरती हुई। भक्तों ने आरती में भाग लेकर मां गंगा की अराधना की।
किसानों ने की पतित पावनी की पूजा
गंगा मेले में भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष दिनेश खेड़ा के नेतृत्व में किसानों ने पतित पावनी मां गंगा के पानी में खड़े होकर शांतिपूर्वक मेला संपन्न होने की प्रार्थना की। इससे पूर्व मेले में सदर सेक्टर में स्थित शिविर पर हुई बैठक में उन्होंने कहा कि सरकार ने विगत कई वर्षों से चली आ रही गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग को पूरा कर दिया है। संगठन सरकार के इस निर्णय का स्वागत करता है। मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को संगठन की तरफ से खिचड़ी व प्रसाद का वितरण किया गया।
गंगा में दीपदान...

कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर मंगलवार की शाम श्रद्धालुओं ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दीपदान किया। इससे गंगा तट जगमगा उठे। गंगा किनारे ऐसा प्रतीत होने लगा मानों आसमान से तारे जमीन पर उतर आएं हों। यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा। हमेशा के लिए दूर जा चुके अपनों के लिए दीपदान करते समय लोगों की आंखें नम हो गई।
पूर्वजों के लिए दीपदान किया
इस दौरान तट पर श्रद्धा का भाव दिखाई दिया। नम आंखों से लोगों ने अपने पूर्वजों के लिए दीपदान किया। अपने सगे संबंधी और परिजनों से बिछड़े लोगों को याद कर लोगों की आंखें भर आई। इस परंपरा को निभाते वक्त गंगा घाट आसमान में तारों जैसा दिखाई देने लगा। कुछ श्रद्धालु ब्रजघाट पर पहुंच पाए। इसके बाद दीपदान किया। दीपदान के बाद पुरोहितों को वस्त्र, अन्न और दक्षिणा आदि का दान भी किया।