मध्य प्रदेश में अब हवाई सुविधाएं बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के पांच प्रमुख शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और ग्वालियर में चारों दिशाओं में 3 से 4 नए हेलीपैड बनाए जाएंगे। इसके साथ ही, मध्य प्रदेश के उन 28 जिलों में भी हवाई पट्टियां बनाई जाएंगी।
By: Arvind Mishra
Aug 17, 20256 hours ago
मध्य प्रदेश में अब हवाई सुविधाएं बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के पांच प्रमुख शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और ग्वालियर में चारों दिशाओं में 3 से 4 नए हेलीपैड बनाए जाएंगे। इसके साथ ही, मध्य प्रदेश के उन 28 जिलों में भी हवाई पट्टियां बनाई जाएंगी। इसके अलावा 11 जिलों में जहां पहले से हवाई पट्टी है, उसका विस्तार किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, दतिया, सतना में एयरपोर्ट बन चुके हैं। दरअसल, मध्यप्रदेश के 5 बड़े शहरों में राज्य सरकार यहां चारों ओर हेलीपैड तैयार कराएगी। इसके साथ ही जिन 28 जिलों में हवाई पट्टियां नहीं हैं, वहां एयरस्ट्रिप का निर्माण कर विमानन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। दूसरी ओर, जहां पहले से एयरस्ट्रिप है वहां की हवाई पट्टियों को विस्तारित कर औद्योगिक और घरेलू उड़ाने के लिए तैयार किया जाएगा। विमानन विभाग ने इसके लिए कलेक्टरों को पत्र लिखकर प्रस्ताव मांगा है ताकि इस पर निर्णय लिए जा सकें।
विमानन विभाग ने भोपाल, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर के कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि इन शहरों में वीवीआईपी मूवमेंट अधिक होता है। ऐसे में वीवीआईपी के सुरक्षा मानक, इनके आने-जाने से आमजन को होने वाली परेशानी को कम करने के लिए इस शहरों के चारों ओर तीन से चार हेलीपैड बनाया जाना है।
कलेक्टरों के निर्देश दिए हैं कि वे 15 दिन में प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजें। इसमें हेलीपैड के लिए जमीन चयन करते समय सरकारी जमीन को प्रॉयोरिटी में रखना है। निजी जमीन का भी उपयोग किया जा सकता है। हेलीपैड के लिए विश्वविद्यालय, कॉलेज, औद्योगिक इकाई के परिसर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
प्रदेश के 28 जिलों में अभी हवाई पट्टी नहीं है। वहां शासकीय जमीन को प्राथमिकता देते हुए जमीन का चयन कर प्रस्ताव भेजा जाए। यह भी ध्यान देना है कि हवाई पट्टी का एरिया दो हजार वर्गमीटर से कम नहीं होना चाहिए। उसके चारों ओर बाउंड्रीवाल भी होना चाहिए। विमानन विभाग ने कहा कि इन 28 जिलों में 100 किमी के दायरे में हवाई पट्टी होना चाहिए।
विमानन विभाग ने बाकी जिलों से कहा है कि नगरपालिका, तहसील मुख्यालय से 50 किमी के दायरे में हेलीपैड बनाया जाना है। इसलिए हेलीपैड की आवश्यकता, उपयोगिता और व्यवहारिकता को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव तैयार कर 15 दिन में सरकार को भेजें। इन स्थानों पर हेलीपैड के साथ वेटिंग रूम भी बनाए जाएंगे।
विमानन विभाग ने 11 जिलों से हवाई पट्टी के विस्तार का प्रस्ताव 15 दिनों में मांगा है। यहां पहले से एयर स्ट्रिप है। इन हवाई पट्टियों का विस्तार किया जाएगा। सागर, गुना, रतलाम, बालाघाट, खरगोन, मंदसौर, सिवनी, सीधी, पन्ना, झाबुआ और उमरिया में विस्तार की संभावनाएं हैं। कलेक्टरों से जमीन और खर्च तथा अन्य ब्यौरा देने के लिए कहा है।
मध्यप्रदेश के 28 जिलों में हवाई पट्टी नहीं हैं। उसमें अनूपपुर, मुरैना, बुरहानपुर, टीकमगढ़, कटनी, देवास, सीहोर, अलीराजपुर, आगर मालवा, अशोकनगर, बैतूल, भिंड, छतरपुर, धार, डिंडोरी, हरदा, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, निवाड़ी, रायसेन, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, श्योपुर, मैहर, मऊगंज, बड़वानी और पांढुर्णा शामिल हैं।