मंत्रालय में मंगलवार को मध्यप्रदेश कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। जिसमें कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई। भोपाल में 371.95 करोड़ की लागत से इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने को मंजूरी दी गई। साथ ही गीता भवन, वेलनेस सेंटर और आयुर्वेदिक महाविद्यालयों की स्थापना होगी।
By: Arvind Mishra
Aug 19, 20252:33 PM
मंत्रालय में मंगलवार को मध्यप्रदेश कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। जिसमें कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई। भोपाल में 371.95 करोड़ की लागत से इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने को मंजूरी दी गई। साथ ही गीता भवन, वेलनेस सेंटर और आयुर्वेदिक महाविद्यालयों की स्थापना होगी। मुरैना की शकर मिल में किसानों के लिए आधुनिक शकर मिल खोलेंगे। जिस पर 54.81 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार अब इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में 371.95 करोड़ की लागत से भोपाल के बैरसिया क्षेत्र स्थित ग्राम बांदीखेड़ी में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (एटउर 2.0) बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह क्लस्टर 210.21 एकड़ भूमि पर स्थापित होगा और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा। कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि यह परियोजना भारत सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
भोपाल के बांदीखेड़ी में 210 एकड़ में इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्ल्सटर खुलेगा। जिसमें टीवी, फ्रीज, कम्प्यूटर और इलेक्ट्रिक वाहन की यूनिट्स लगेंगी। मप्र में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए जगह की जरूरत थी। भोपाल के बांदीखेड़ी में जगह मिल गई है। मध्यप्रदेश में इलेक्ट्रानिक के क्षेत्र में काफी इन्वेस्टमेंट आ रहा हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से यह प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा। जिसमें करीब 371 करोड़ का निवेश होगा। इसमें 225 करोड़ राज्य देगा और 146 करोड़ केंद्र से मिलेगा।
कटनी माइंस के लिए पहचाना जाता है। वहां 23 अगस्त को माइनिंग कॉनक्लेव का आयोजन होगा। स्ट्रेटजिक और मिनरल पर इसमें फोकस होगा। पहले प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अलग अलग सेक्टर में कॉनक्लेव हो चुकी है।
उज्जैन को धार्मिक पर्यटन के रूप में भी विकसित किया जाएगा। यहां सोमवार को निकली महाकाल बाबा की शाही सवारी में आदिवासी वर्ग की नृत्य शैली चर्चा में रही। ड्रोन से पुष्पवर्षा की गई। इसमें जनभागीदारी से काम किया गया। लोगों से पुष्प लिए गए और महाकाल बाबा की सवारी में पुष्पवर्षा की गई।
आदिवासी छात्रावासों में रहकर पढ़ाई करने वाले जनजातीय बालक-बालिकाओं को अब 12 माह की छात्रवृत्ति मिलेगी, जबकि पहले यह केवल 10 माह तक सीमित थी। सिविल सेवा कर्मचारियों के अवकाश नियमों को भारत सरकार के अनुरूप किया जाएगा। सेरोगेसी से बच्चे होने पर मातृत्व अवकाश देने की पात्रता भी स्वीकृत की गई।
समाज में पठन-पाठन और साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने ह्लगीता भवनह्व योजना को मंजूरी दी है। अगले पांच वर्षों (2025-26 से 2029-30) तक हर नगरीय निकाय में गीता भवन स्थापित किए जाएंगे। बैठक में मुरैना की बंद शुगर मिल को आधुनिक मिल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। यदि यह संभव नहीं होता तो वहां टरटए उद्योगों की स्थापना की जाएगी। साथ ही मजदूरों को बकाया 54.81 करोड़ रुपये की राशि भी दी जाएगी।
बैठक में अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए। भाजपा के संकल्प पत्र के अनुरूप प्रदेश में पांच आयुर्वेदिक महाविद्यालय और वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे। गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में इंडोक्राइनोलॉजी विभाग की स्थापना और 20 नवीन पदों के सृजन को भी मंजूरी मिली। यहां शुगर, थायरॉइड जैसी बीमारियों का बेहतर इलाज हो सकेगा। साथ ही एक डायटीशियन को आउटसोर्स आधार पर नियुक्त करने का भी निर्णय लिया गया।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि एमपी कैबिनेट में मध्यप्रदेश में किसान सम्मेलन कराने पर चर्चा की गई। जिसमें बताया गया कि सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे। प्रधानमंत्री से समय मिलने के बाद कार्यक्रम तय किया जाएगा। मध्यप्रदेश के निर्यात में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई हैं। मध्यप्रदेश में करीब 41 प्रतिशत तक पूंजीगत व्यय किया गया हैं।