छिंदवाड़ा कोल्ड्रिफ सिरप मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। ड्रग कंट्रोलर स्थानांतरित और 3 औषधि निरीक्षक निलंबित। मानव जीवन की सुरक्षा पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं। दवा रिकवरी का सघन अभियान शुरू।
By: Ajay Tiwari
Oct 06, 2025just now
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भोपाल: स्टार समाचार वेब
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छिंदवाड़ा दवा कांड (Chhindwara Drug Case) में मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़ी लापरवाही पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ किया कि राज्य सरकार इस मामले में सजग और संवेदनशील है, और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
तत्काल प्रभाव से, तीन अधिकारियों को निलंबित किया गया है और ड्रग कंट्रोलर को स्थानांतरित कर दिया गया है। निलंबित अधिकारियों में औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा श्री गौरव शर्मा, औषधि निरीक्षक जबलपुर श्री शरद कुमार जैन, और उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन श्री शोभित कोस्टा शामिल हैं। ड्रग कंट्रोलर श्री दिनेश मौर्य को अन्यत्र स्थानांतरित (Drug Controller Transferred) किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक (High Level Meeting) में इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रतिबंधित कोल्ड्रिफ सिरप (Coldriff Syrup) को लेकर एक सघन अभियान चलाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि:
सिरप के विक्रय पर प्रतिबंध (Sale Ban) लगाने के साथ ही दुकानों में विद्यमान स्टॉक जब्त किया जाए।
छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में जिन परिवारों ने यह दवा ली है, उनके घरों से दवा रिकवर करने के लिए आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं और सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों का सहयोग लिया जाए।
कोल्ड्रिफ सिरप के अलावा, क्षेत्र में बिकने वाली अन्य दवाओं की प्रभावशीलता का भी आकलन कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता और नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया है:
दवाओं पर चेतावनी और सावधानियां लिखी जा रही हैं या नहीं, इसकी जाँच के लिए अभियान चलाया जाए।
चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कॉम्बिनेशन ड्रग (Combination Drug) नहीं देने की व्यवस्था का उल्लंघन करने वाले डॉक्टरों पर भी कार्यवाही की जाए।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैडियाट्रिक्स सहित चिकित्सकों के संगठनों और केमिस्ट एसोसिएशन का सहयोग लेकर जागरूकता फैलाई जाए।
निर्माता कंपनी पर कार्यवाही के लिए तमिलनाडु राज्य सरकार को घटनाक्रम से अवगत कराया गया है।
बैठक में बताया गया कि गंभीर प्रकरणों की जानकारी मिलते ही राज्य स्तर से चिकित्सकों का दल छिंदवाड़ा भेजा गया।
नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल और सेंट्रल ड्रग्स स्टेण्डर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन का सहयोग लिया गया।
आठ मरीजों के नमूने पुणे स्थित प्रयोगशाला भेजे गए।
छिंदवाड़ा जिले में प्रभावित मरीजों को चिन्हित करने के लिए सर्वे (Survey) शुरू किया गया है।
आवश्यकता होने पर मरीजों को शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय नागपुर के लिए रैफर किया गया।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और हिमाचल व तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर्स को भी सूचना दी गई।
तमिलनाडु ड्रग कंट्रोलर ने नमूने अमान्य पाए जाने पर सिरप के विक्रय को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया है।
शासन के हालिया आदेश ने रीवा जिले की राजस्व न्यायालय व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई अधिकारियों के पास एक साथ कई राजस्व कोर्ट हैं, जिससे सुनवाई प्रभावित हो रही है। नौ नायब तहसीलदार अब भी लूप लाइन में भटक रहे हैं, जबकि तीन अधिकारियों को ही न्यायालयीन जिम्मेदारी सौंपी गई है। आदेश के खिलाफ प्रदेशभर में विरोध और हड़ताल हुई थी, जिसके बाद कलेक्टर को स्थानीय प्राथमिकता के आधार पर कार्य वितरण का अधिकार मिला।
By: Yogesh Patel
Oct 06, 2025just now
रीवा में जनवरी से सितंबर तक साइबर धोखाधड़ी के 9 महीने में साढ़े तीन सौ (≈350) से अधिक लोग ठगी के शिकार हुए। वर्क-फ्रॉम-होम, फेक क्रेडिट मैसेज, कस्टमर-केयर नंबर क्लोनिंग, रिश्तेदार बनकर धोखा, ऐप डाउनलोड कराकर ठगी सहित अलग-अलग चालों से कुल करीब ₹1.5 करोड़ ऐंठे गए।
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राज्य शासन द्वारा अगस्त में जारी स्थानांतरण आदेशों के दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन कई अधिकारी अब तक नई पदस्थापना पर नहीं पहुंच पाए हैं। त्योंथर एसडीएम पी.एस. त्रिपाठी को एडीएम सिंगरौली बनाया गया, पर डिप्टी कलेक्टर की अनुपस्थिति के कारण वे मुक्त नहीं हो पा रहे। इसी तरह अनुराग तिवारी का सतना तबादला भी अटका हुआ है। जबकि कुछ अधिकारियों ने रीवा में आमद दर्ज करा ली है, बाकी अब तक पुराने पदों पर ही जमे हुए हैं।
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चित्रकूट जिले के शिवरामपुर ग्राम पंचायत में अटल भूजल योजना के तहत 23 लाख 45 हजार रुपए की लागत से बने पटटा तालाब को ग्राम प्रधानपति ने ट्रैक्टर लगाकर तोड़ डाला। तालाब की इंटरलॉकिंग, रेलिंग और पत्थर उखाड़कर गायब कर दिए गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यह सब सरकारी धन के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए किया गया है। प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है।
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सेरेब्रल पाल्सी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी एक गंभीर और दर्दनाक बीमारी है, जो गर्भावस्था के दौरान या जन्म के बाद भी हो सकती है। इस बीमारी में बच्चे का मस्तिष्क कमजोर हो जाता है, जिससे शरीर की कई नसें काम करना बंद कर देती हैं। सतना जिले के पीकू वार्ड में हर साल 100 से अधिक बच्चे इस बीमारी से पीड़ित होकर भर्ती किए जाते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन फिजियोथेरेपी बच्चों के जीवन में सुधार लाने का सबसे बड़ा सहारा है।
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