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कांग्रेस में युवा नेतृत्व को मिलेगी तरजीह: जिलाध्यक्ष अब 35-45 आयु के ही बन सकेंगे

मप्र कांग्रेस में बड़ा बदलाव! प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने जिलाध्यक्षों के लिए 35-45 साल की आयु सीमा तय की। 5 साल से अधिक पुराने कार्यकर्ताओं को ही मिलेगी जिम्मेदारी। जानें इस फैसले का पूरा असर।

By: Star News

Jun 08, 20257:35 PM

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कांग्रेस में युवा नेतृत्व को मिलेगी तरजीह: जिलाध्यक्ष अब 35-45 आयु के ही बन सकेंगे

, 5 साल पुराने कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता

भोपाल. स्टार समाचार वेब

मध्य प्रदेश कांग्रेस में संगठन को मजबूती देने और युवा ऊर्जा को आगे लाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने आज रविवार को ऑब्जर्वर्स के साथ हुई वर्चुअल बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले के अध्यक्ष (जिलाध्यक्ष) पद के लिए 35 से 45 साल की आयु वर्ग के नेताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जिलाध्यक्षों के पैनल में केवल उन्हीं नेताओं को शामिल किया जाए, जिन्हें पार्टी में शामिल हुए 5 साल से अधिक का समय हो चुका हो।

यह निर्णय कांग्रेस आलाकमान की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत पार्टी में युवा चेहरों को बढ़ावा दिया जा रहा है और जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है। प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने बैठक के दौरान ऑब्जर्वर्स से कहा कि वे जिलाध्यक्षों के चयन के लिए भेजे जाने वाले नामों में इन नए मापदंडों का विशेष ध्यान रखें।

इस निर्देश का सीधा मतलब यह है कि कांग्रेस अब उन नेताओं को प्राथमिकता देना चाहती है, जिन्होंने लंबे समय से पार्टी के प्रति निष्ठा दिखाई है और संगठन में सक्रिय रहे हैं। यह कदम नए-नए पार्टी में शामिल हुए या अवसरवादी नेताओं को किनारे करने और पुराने तथा समर्पित कार्यकर्ताओं को मौका देने की दिशा में देखा जा रहा है।

माना जा रहा है कि इस बदलाव से प्रदेश कांग्रेस में एक नई ऊर्जा का संचार होगा और युवा नेतृत्व को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। यह संगठनात्मक बदलाव आगामी चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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