पूर्व एसआई रामवीर सिंह कुशवाह उर्फ 'दाऊ' को गुना से रीवा जेल भेजा गया। उस पर गवाहों को धमकाने और बेनामी संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। वह माखन हत्याकांड और 7 अन्य संगीन अपराधों में वांछित था।
By: Ajay Tiwari
Dec 11, 20254:09 PM
रीवा. स्टार समाचार वेब
गुना जिले के कुख्यात अपराधी और पूर्व एसआई रामवीर सिंह कुशवाह उर्फ 'दाऊ' को चाचौड़ा जेल से हटाकर सेंट्रल जेल, रीवा में स्थानांतरित कर दिया गया है। जेल के भीतर से ही अपना आपराधिक गैंग चलाने और उसके खिलाफ चल रहे मामलों के गवाहों को धमकाने के पुख्ता इंटेलिजेंस इनपुट मिलने के बाद यह कड़ा निर्णय लिया गया है। गुना एसपी अंकित सोनी ने पुष्टि की कि यह फैसला विवेचना और साक्ष्य को प्रभावित होने से बचाने के लिए भोपाल जेल मुख्यालय द्वारा लिया गया है। इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार, चाचौड़ा जेल में बंद रामवीर अपने केस के फरियादियों, गवाहों और वकीलों पर लगातार दबाव बना रहा था।
रामवीर कुशवाह का नाम उस समय सुर्खियों में आया था जब जून 2015 में अवैध वसूली के दौरान रोके गए ट्रक ड्राइवर माखन कुशवाह की जली हुई अवस्था में मौत रूठियाई पुलिस चौकी के सामने मिली थी। रामवीर, जो उस समय तत्कालीन थाना प्रभारी था, और उसके साथियों पर माखन को दो दिन तक चौकी में बंद रखकर मारपीट करने और रुपये छीनने का आरोप है। इस गंभीर मामले में रामवीर की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। हाल ही में 4 दिसंबर को उसके कुछ गुर्गे ललितपुर (यूपी) पहुंचकर माखन के परिजनों पर राजीनामा करने का दबाव बना रहे थे।
जेल के अंदर से गैंग चलाने और गवाहों/वकीलों को धमकाने के कारण गुना से रीवा सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया।
रामवीर कुशवाह बर्खास्त एसआई है; उस पर हत्या, अपहरण और धोखाधड़ी सहित सात संगीन मामले दर्ज हैं।
ट्रक ड्राइवर माखन कुशवाह हत्याकांड में आरोपी; जमानत याचिका हाईकोर्ट से खारिज।
एक लाख का इनामी रहा और करोड़ों की बेनामी संपत्ति का मालिक है।
सेवा से बर्खास्त हो चुके रामवीर पर गुना के तीन अलग-अलग थानों में हत्या, अपहरण, हत्या का प्रयास, सबूत मिटाने और धोखाधड़ी समेत सात संगीन अपराध दर्ज हैं। हाईप्रोफाइल आत्माराम मर्डर केस में वह तीन साल तक फरार रहा और उस पर एक लाख रुपए का इनाम भी घोषित था। सीआईडी जांच में खुलासा हुआ था कि शान-ओ-शौकत की लाइफस्टाइल जीने वाले इस अपराधी ने सोनी कॉलोनी गुना और रन्नौद (शिवपुरी) में करोड़ों की बेनामी संपत्ति अपने परिजनों और विश्वसनीय लोगों के नाम पर खरीद रखी है, जिसमें मकान, खेत और गाड़ियां शामिल हैं। गिरफ्तारी के बाद भी रामवीर लगातार चर्चा में रहा, चाहे वह फूलों से स्वागत के बाद उसकी गिरफ्तारी हो या पेशी के दौरान उसके गुर्गों का आगे-पीछे चलना। पुलिस ने अब रामवीर के गुर्गों और उसे संरक्षण देने वालों की सूची तैयार कर ली है, जिन पर सख्त निगरानी रखी जा रही है ताकि वह न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित न कर सके।