अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2025 पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए नए वाहनों का लोकार्पण किया और राज्य स्तरीय कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। जानें MP के टाइगर रिजर्व की उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं।
By: Ajay Tiwari
Jul 29, 20254:27 PM
भोपाल, स्टार समाचार वेब.
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलों का शुभारंभ किया। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में उन्होंने वन्यजीवों के परिवहन के लिए तीन वन्यजीव वाहन, तीन वन्यजीव चिकित्सक वाहन और दो डॉग स्क्वायड वाहनों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इन वाहनों का विस्तृत अवलोकन करते हुए उनकी सुविधाओं और विशेषताओं की जानकारी ली।
टीज़र और फिल्में: कार्यक्रम में पेंच टाइगर रिजर्व के "स्थानीय समुदाय की सहभागिता से बाघ प्रबंधन", कान्हा टाइगर रिजर्व के "मृत्युंजय", सतपुड़ा टाइगर रिजर्व पर केंद्रित "सतपुड़ा कल आज और कल" और चीता पुनर्वास पर आधारित फिल्म "अबोड ऑफ चीताज" के टीज़र जारी किए गए।
सम्मान और विमोचन: मुख्यमंत्री ने वन्यजीव संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य करने वाली वन सुरक्षा समितियों, ईको विकास समितियों, ग्राम वन समितियों और वन कर्मियों को सम्मानित किया। उन्होंने वन्यजीव संरक्षण संबंधी प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण दस्तावेज जारी: डॉ. यादव ने राज्य वन्यजीव योजना 2023-2043 के हिंदी संस्करण, चीता निषचेतन तथा प्रबंधन के मैन्युअल, वन्यजीव प्रबंधन कार्यशाला रिपोर्ट, पेंच टाइगर रिजर्व की पुस्तक "बाघ और तितलियां", और गिद्ध गणना रिपोर्ट का विमोचन किया।
नवीन पहलें: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व द्वारा हाथियों के चिन्हांकन के लिए विकसित डोजियर और डाक विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर प्रकाशित विशेष आवरण का भी विमोचन किया गया। इसके अतिरिक्त, हाथी-मानव संघर्ष को कम करने के लिए विकसित "गजरक्षक" ऐप को भी लॉन्च किया गया।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप सिंह अहिरवार और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
मध्य प्रदेश ने वन्यजीव प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता साबित की है। केंद्र सरकार द्वारा जारी टाइगर रिजर्व के प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार:
पेंच टाइगर रिजर्व ने देश में सर्वोच्च रैंक हासिल की है।
बांधवगढ़, कान्हा, संजय और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को सर्वश्रेष्ठ प्रबंधित रिजर्व माना गया है।
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल किया गया है।
मध्यप्रदेश में कुल 9 टाइगर रिजर्व हैं, जिनमें कान्हा किसली, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना बुंदेलखंड, सतपुड़ा नर्मदापुरम, संजय दुबरी सीधी, नौरादेही, माधव नेशनल पार्क और डॉ. विष्णु वाकणकर टाइगर रिजर्व (रातापानी) शामिल हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व राज्य का सबसे प्रसिद्ध रिजर्व है और इसमें सर्वाधिक बाघ निवास करते हैं।
मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व में देशी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले 5 वर्षों में, भारतीय पर्यटकों की संख्या 7 लाख 38 हजार 637 और विदेशी पर्यटकों की संख्या 85 हजार 742 दर्ज की गई है, जो वन्यजीव पर्यटन के बढ़ते आकर्षण को दर्शाता है।