सतना जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में बड़ा भ्रष्टाचार उजागर। गर्भवती महिलाओं को 50 रुपए के बजट की जगह सिर्फ 20 रुपए का आहार दिया गया। जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल, एजेंसी पर कार्यवाही की तैयारी।
By: Star News
हाइलाइट्स:
सतना, स्टार समाचार वेब
केंद्र की सबसे सुदृढ़ योजना प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भ्रष्टाचार की भेट चढ़ चुकी है। अभियान अंतर्गत गर्भवतियों को मिलने वाले पोषण आहार से खिलवाड़ किया जा रहा है। अभियान में आई गर्भवतियों को खाने के लिए निर्धारित राशि 50 रुपए के बजट में से मात्र 20 रुपए का सामान ही परोसा जा रहा है। मंगलवार को रामनगर के सिविल अस्पताल में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) कार्यक्रम आयोजित किया गया जहां फॉलोअप और जांच के लिए आई गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार के रूप में मात्र 20 रुपए का आहार परोसने का मामला सामने आया है। बताया गया कि यह भ्रष्ट्राचार का खेल कई वर्षों से चल रहा है लेकिन कोई भी जिम्मेदार इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। जानकारी के मुताबिक जिले में हर माह 9 एवं 25 तारीख को पीएमएसएमए अभियान के तहत शिविर आयोजित किया जाता है, जिसमे सभी संस्थाओं में स्त्री रोग विषेशज्ञों द्वारा शिविर में आई गर्भवती महिलाओं कि जांच की जाती है। हाइरिस्क और एनिमिक गर्भवतियों को हायर सेंटर में जांच के लिए रेफर करने की सलाह भी दी जाती है।
केवल मिला मूंगदाल और भुजिया नमकीन
मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को शिविर में आई गर्भवती महिलाओं को मिलने वाले पोषण किट में भारी गड़बड़ी देखने को मिली। गर्भवती महिलाओं को 50 रुपए की निर्धारित राशि के बजट के बजाय महिलाओं को मात्र 20 रुपए का सामान थमाया गया। बताया गया कि रामनगर सिविल अस्पताल में गर्भवतियों को 5 रुपए का एक पैकेट मूंगदाल,1 बिस्कुट का पैकेट, 5 रुपए की भुजिया नमकीन, और 1 पानी पाउच सहित 2 केला दिया गया, जिसकी कुल कीमत 20 रुपए आंकी गई। यह भ्रष्टाचार सीधे तौर पर उनके स्वास्थ्य और सुरक्षित मातृत्व के अधिकार पर चोट है।
जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी ने खड़े किये सवाल
केंद्र की सबसे बड़ी योजना में इतनी बड़ी लापरवाही सामने आने पर भी जिम्मेदार अधिकारीयों की चुप्पी ने कई सवाल खड़े किये हैं। बताया गया कि जिले में सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में गर्भवतियों को स्वल्पाहार वितरण की जिम्मेदारी जिले के मेसर्स शिवाय असोसिएट को सौंपी गई है। जानकारी के मुताबिक हाल ही में 25 अगस्त को मैहर में आयोजित शिविर में भी इसी तरह 50 रुपए के बजट में मात्र 15 रुपए का सामान दिया गया था, इस प्रकार की अनियमितता मिलने पर अमदरा बीएमओ डॉ. पियूष पांडेय द्वारा मेसर्स शिवाय असोसिएट को पत्र लिख चेतावनी जारी की गई थी और सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी से शिकायत भी की गई थी। बताया गया कि अमदरा बीएमओ ने पत्र में लिखा था कि शिवाय असोसिएट द्वारा गर्भवती महिलाओं को निम्न गुणवत्ता स्वलपाहार दिया जा रहा है और शासन की गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा है।
इस शिकायत को संज्ञान में लिया गया है। संबंधित एजेंसी को इस माह से उसके इस कार्य आदेश को निरस्त कर दिया जाएगा और यह कार्य अब स्वयं खंड चिकित्सा अधिकारी अपने स्तर से स्थानीय एजेंसी से अच्छी क्वालिटी की सप्लाई करवाएंगे। एजेंसी द्वारा जो गड़बड़ियां की गई है उसके जो बीएफ लंबित है उसमें अर्थ दंड लगाकर वसूला जाएगा।
डॉ. एल के तिवारी, सीएमएचओ