रीवा जिले में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में फर्जी भुगतान का बड़ा घोटाला सामने आया है। रायपुर–भलुहा–मनगवां रोड, जिसका निर्माण एमपीआरडीसी के अधीन था, उसके नाम पर फर्जी मेजरमेंट बुक बनाकर एक करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान कर दिया गया। इस घोटाले में तत्कालीन कार्यपालन यंत्री केके गर्ग और एसडीओ ओंकार मिश्रा की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। चीफ इंजीनियर आर.एल. वर्मा ने मामले पर टिप्पणी से इंकार किया है।
By: Yogesh Patel
Oct 25, 2025just now
हाइलाइट्स:
रीवा, स्टार समाचार वेब
लोक निर्माण विभाग में निर्माण कार्य के नाम पर फर्जी भुगतान किए जाने का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिस सड़क का निर्माण ही पीडब्ल्यूडी विभाग की एजेंसी द्वारा नहीं किया गया, उसका भुगतान फर्जी मेजरमेंट बुक तैयार कर एक करोड़ रुपए से ज्यादा का बंदरबांट किया गया है। इस पूरे मामले में पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री केके गर्ग एवं अनुविभागीय अधिकारी ओंकार मिश्रा की भूमिका बताई गई है।
दरअसल रायपुर, भलुहा, महसांव रोड जो पहले लोक निर्माण विभाग के पास थी यह जानकारी होने के बाद कि उक्त सड़क एमपीआरडीसी के पास जाने वाली है। आनन-फानन में उसका टेंडर कराया गया। काम शुरू ही नहीं हुआ उसके पहले ही उसी सड़क की निविदा एमपीआरडीसी द्वारा निकाली गई और कार्य शुरू कर दिया गया। अनुविभागीय अधिकारी उपसंभाग मनगवां द्वारा तत्कालीन कार्यपालन यंत्री को लिखित जानकारी देते हुए कार्य को बंद करने एवं अंतिम भुगतान करने के लिए कहा गया परंतु तत्कालीन ईई ने उक्त कार्य को दूसरे अनुभाग के एसडीओ से दूसरी मेजरमेंट बुक में फर्जी भुगतान दर्शाकर एक करोड़ रुपए से ज्यादा का बंदरबांट कर डाला।
क्या है मामला
बीटी रेनुअल ऑफ रायपुर-भलुहा-मनगवां रोड एमडीआरए, लेंथ सात किलोमीटर, सब डिवीजन मनगवां का अनुबंध क्रमांक 56/रीवा, दिनांक 15 जुलाई 2022 को 103.24 लाख का अनुबंध पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री केके गर्ग द्वारा अनुबंधित किया गया था। ठेकेदार द्वारा कार्य ही शुरू नहीं किया गया तभी वह रोड एमपीआरडीसी में चली गई। उपसंभाग मनगवां एसडीओ अनुरोध पाण्डेय ने प्रथम एवं अंतिम मेजरमेंट में एमव्ही क्रमांक 5730 में 15.27 लाख का भुगतान करने एवं अनुबंध को बंद करने के लिए कार्यपालन यंत्री को लेख किया गया। ताज्जुब की बात यह है कि उक्त कार्य मनगवां सब डिवीजन का था, जबकि इस पूरे फर्जीवाड़े की व्यूह रचना उप संभाग-1 रीवा एसडीओ ओंकार मिश्रा द्वारा की गई।
दूसरी मेजरमेंट बुक बनाई और कर दिया भुगतान
रायपुर-भलुहा-मनगवां सड़क एमपीआरडीसी में जाने के बाद जब अनुविभागीय अधिकारी मनगवां द्वारा जानकारी दी गई, तब तत्कालीन कार्यपालन यंत्री केके गर्ग ने रीवा एसडीओ ओंकारनाथ मिश्रा को भुगतान की जिम्मेदारी सौंप दी। ठेकेदार द्वारा काम नहीं किया गया और दूसरी मेजरमेंट बुक बनाकर एक करोड़ रुपए से ज्यादा का ठेकेदार के नाम फर्जी भुगतान कर राशि का बंदरबांट कर लिया गया। यहां खास बात यह है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा इस तरह की एक दर्जन से ज्यादा सड़कों का फर्जी भुगतान करना बताया गया है। जहां पर बगैर काम के सरकारी राशि का बंदरबांट हुआ है।
चीफ इंजीनियर ने कुछ भी बताने से किया इंकार
पूरे मामले को लेकर जब स्टार समाचार द्वारा पीडब्ल्यूडी चीफ इंजीनियर आरएल वर्मा से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने पूरे मामले को गंभीरता से सुना लेकिन कार्रवाई आदि को लेकर सीधे तौर पर फिलहाल कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।