सतना जिले में फेफड़े के कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पिछले 10 वर्षों में 37 मामले दर्ज हुए, जबकि 2025 में अब तक 53 कैंसर मरीज चिन्हित किए जा चुके हैं। धूम्रपान, गुटखा, और प्रदूषण इसके मुख्य कारण हैं। जिला अस्पताल में मुख, स्तन और गर्भाशय कैंसर के भी सैकड़ों मरीज सामने आए हैं।
By: Yogesh Patel
Aug 01, 20259 hours ago
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
जिले में कैंसर रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जिला अस्पताल में विगत 10 सालों में 1266 कैंसर मरीज चिन्हित किए गए थे। वर्ष 2025 अभी तक पूरा नहीं हुआ है और 53 रोगी कैंसर से पीड़ित पाए गए हैं। अगर बात लंग्स कैंसर की करें तो वर्तमान में जिला अस्पताल की जांच में 3 मरीजों की पहचान की गई है इसके अलावा बीते 10 सालों में कुल 37 मरीज लंग्स कैंसर से पीड़ित पाए गए थे। चिकत्सकों की माने तो फेफड़ों में कैंसर के मामलों में बृद्धि का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान और प्रदूषण है। आज के समय में हमारी कुछ आदतें और खासतौर पर खानपान का तरीका भी फेफड़ों की सेहत पर असर डालने लगा है। लोगों के खाने-पीने का तरीका भी काफी बदल गया है। फटाफट जिंदगी में लोग जो कुछ भी जल्दी और आसानी से मिल जाए, वही खाना पसंद करते हैं।
महिलाओं की संख्या अधिक
जिला अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2014 से 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक 1266 मरीजों में से 726 महिलाएं कैंसर से पीड़ित पाई गई। महिलाओं में सबसे ज्यादा केस स्तन और गर्भाशय कैंसर से जुड़े पाए गए। इन रोगियों की पहचान सर्जरी विभाग की ओपीडी में पहुंचने के बाद जांच में हुई।
बचाव के लिए इनसे बचें
धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। सिगरेट, बीड़ी या तंबाकू में मौजूद हानिकारक रसायन फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। जो लोग रोजाना धूम्रपान करते हैं, उनके लिए यह खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
प्रदूषण
शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो कि सिगरेट के धुंए जितना ही शरीर को नुकसान पहुंचाती है। कार्बन हमारे फेफड़ों में जमा होकर उसको कमजोर बनाता है। इससे हमारे फेफड़ों में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
खराब खान-पान
जंक फूड, तला-भुना खाना और पोषक तत्वों की कमी से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। हरी सब्जियां, फल और संतुलित आहार फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
मुख कैंसर के बढ़ रहे रोगी
जिला अस्पताल के कीमोथेरेपी नोडल डॉ. आलोक खन्ना ने बताया कि जिले में सर्वाधिक केस मुख कैंसर के मिल रहे हैं। इसका विशेष कारण तम्बाकू एवं गुटखे का सेवन करना है। दूसरी ओर जिले में बढ़ते प्रदूषण और धूम्रपान के कारण लंग्स कैंसर रोगियों में भी वृद्धि देखी जा रही है। फेफड़े से सबंधित शिकायत, खांसी और सांस लेने में कठिनाई आने पर चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए।
बीते सालों की स्थिति (वर्ष 2024 तक)
कैंसर मरीज