भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अपने हालिया बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। अब शुक्रवार को अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। किसी रिश्ते की पवित्रता पर प्रश्न चिन्ह नहीं उठाया हूं।
By: Arvind Mishra
Sep 26, 20252:42 PM
भोपाल। स्टार समाचार वेब
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अपने हालिया बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। अब शुक्रवार को अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। किसी रिश्ते की पवित्रता पर प्रश्न चिन्ह नहीं उठाया हूं। आप भी बीच चौराहे पर ऐसा नहीं कर सकते है। मैंने ये कहा कि विदेशों में ये चलता हमारे यहां नहीं चलता है। मेरा भाषण सुनिए, उसे टुकड़े टुकड़े में बांट देंगे तो ठीक नहीं है। दरअसल, विजयवर्गीय ने गुरुवार को कांग्रेस नेताओं प्रियंका गांधी और राहुल गांधी पर टिप्पणी की थी। जहां विपक्ष ने मंत्री पर हमला बोला था। शुक्रवार को अपन बयान पर कैलाश विजयवर्गीय ने दी सफाई देते हुए कहा- मैं किसी भी रिश्ते की पवित्रता पर प्रश्न चिह्न नहीं उठा रहा हूं, भाई-बहन और पिता-बेटी का रिश्ता पवित्र होता है। मैंने केवल मर्यादा की बात की थी। मेरे पूरे भाषण को अगर ध्यान से सुना जाता, तो यह सवाल ही खड़ा नहीं होता। उन्होंने आगे कहा कि भाई-बहन का रिश्ता प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। मैं भी अपनी बहन का सिर चूमता हूं, इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। मैंने तो भारतीय और विदेशी संस्कृति के फर्क को लेकर चर्चा की थी।
विजयवर्गीय ने दोहराया कि उनका उद्देश्य किसी के रिश्ते पर सवाल उठाना नहीं था, बल्कि भारतीय संस्कृति में रिश्तों की मर्यादा और सम्मान को रेखांकित करना था। उन्होंने कहा था- हम पुरानी संस्कृति के लोग हैं। पुराने जमाने में लोग अपनी बहनों के गांव का पानी तक नहीं पीते थे, लेकिन आज के हमारे प्रतिपक्ष के नेता ऐसे हैं कि अपनी बहन को चौराहे पर चुंबन कर लेते हैं।
गुरुवार को विजयवर्गीय शाजापुर दौरे पर थे। जहां उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर प्रबुद्धजन संगोष्ठी में कहा था-मैं पूछना चाहता हूं आप में से कोई ऐसा है जो अपनी जवान बहन या बेटी को सार्वजनिक रूप से चुंबन कर लेते हैं। ये संस्कारों का अभाव है, ये संस्कार विदेश की संस्कृति के है, भारत हमारे देश की संस्कृति के आधार पर चलेगा।
राजनीतिक गलियारों में इस बयान को लेकर बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर परिवार और व्यक्तिगत रिश्तों का अपमान करने का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा इसे विपक्ष द्वारा अनावश्यक विवाद खड़ा करने की कोशिश बता रही है।