पवित्र नगरी अयोध्या एक बार फिर आस्था की रोशनी से जगमगाने की तैयारी में है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दीपोत्सव अब तक का सबसे भव्य और यादगार आयोजन होना चाहिए।
By: Arvind Mishra
Oct 07, 20256 hours ago
अयोध्या। स्टार समाचार वेब
प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या दीपोत्सव में फिर इतिहास रचेगी। सरयू तट से लेकर रामकथा पार्क तक 26 लाख दीपों की ज्योति से आलोकित राम नगरी एक बार फिर नया विश्व रिकॉर्ड कायम करने जा रही है। दावा किया जा रहा है कि दीपोत्सव-2025 अब तक का सबसे भव्य और अतुलनीय आयोजन होगा, जहां आस्था, संस्कृति और अत्याधुनिक तकनीक का संगम दिखाई देगा। दरअसल, पवित्र नगरी अयोध्या एक बार फिर आस्था की रोशनी से जगमगाने की तैयारी में है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दीपोत्सव अब तक का सबसे भव्य और यादगार आयोजन होना चाहिए। उन्होंने लखनऊ में एक समीक्षा बैठक की और कहा कि मुख्य कार्यक्रम से पहले 18 अक्टूबर को एक मॉक ड्रिल होगी, ताकि सुरक्षा और अन्य इंतजामों की पूरी जांच हो सके।
मंत्री ने कहा कि इस बार की भव्य झांकी में सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक संदेश भी झलकने चाहिए। जैसे मिशन शक्ति के जरिए महिला सशक्तिकरण और स्वच्छ भारत अभियान का संकल्प। दीपोत्सव सिर्फ रोशनी का पर्व नहीं होना चाहिए, बल्कि हमारी सामाजिक जागरूकता और एकता का प्रतीक भी बने। अधिकारियों ने बताया कि तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. इस बार 26 लाख से ज्यादा मिट्टी के दीये जलाए जाएंगे और 2100 भक्त एक विशाल महाआरती करेंगे. इसके साथ ही 1100 ड्रोन का शानदार एरियल शो भी होगा जो मिलकर कई विश्व रिकॉर्ड तोड़ने वाला आयोजन बनेगा।
मंत्री ने बताया कि इस साल का दीपोत्सव ऐसा होगा जिसमें हर किसी की भागीदारी होगी, जो दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करेगा। केंद्र सरकार के पर्यटन, संस्कृति और विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ-साथ देश के सभी राज्यों और कई विदेशी मेहमानों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। अयोध्या अब ग्लोबल आस्था की सांस्कृतिक राजधानी बन चुकी है। दीपोत्सव 2025 सिर्फ भगवान राम के आगमन का उत्सव नहीं होगा बल्कि भारत की एकता, विविधता और मेहमाननवाजी का संदेश भी देगा।
मंत्री ने कहा कि रामकथा पार्क तक आम लोगों की पहुंच आसान होनी चाहिए। भीड़ प्रबंधन, रोशनी, सफाई और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। साथ ही अंतरराष्ट्रीय रामलीला महोत्सव को भी विश्व स्तर पर प्रचारित करने के निर्देश दिए गए। कार्यक्रम के तहत देशभर यानी दक्षिण भारत से लेकर हरियाणा तक से नृत्य और संगीत दल बुलाए जा रहे हैं। 10 सांस्कृतिक मंच अयोध्या के अलग-अलग प्रमुख स्थानों पर लगाए जाएंगे जहां भारत की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।
पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते हुए जयवीर सिंह ने कहा कि दीपोत्सव पूरी तरह से इको-फ्रेंडली होगा। युवाओं और पर्यटकों के लिए भगवान राम और हनुमान जी की झांकियों वाले सेल्फी पॉइंट बनाए जाएंगे। वहीं सफाई, पानी, रोशनी और सजावट के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। इस बार दीपोत्सव में सरयू नदी के 56 घाटों पर 26 लाख दीयों की रोशनी फैलेगी। 33,000 वालंटियर्स दीये जलाने में हिस्सा लेंगे जो हर दीया भक्ति, एकता और उम्मीद का प्रतीक होगा।
दीपोत्सव अब सिर्फ भक्ति का नहीं, बल्कि संस्कृति, तकनीक और गर्व का संगम बन चुका है। इस बार इसे और भी भव्य बनाया जा रहा है ताकि हर आगंतुक के लिए यह अविस्मरणीय अनुभव बन जाए। कार्यक्रम में मल्टीमीडिया प्रोजेक्शन मैपिंग शो, 3डी होलोग्राफिक लेजर म्यूजिक, ड्रोन डांस शो, ग्रीन आतिशबाजी, हाइड्रोलिक स्क्रीन शो और वॉटर टेबल जैसी कई आकर्षक झलकियां होंगी। साथ ही, 100 से अधिक कलाकार लाइव परफॉर्मेंस देंगे।
मुख्य सचिव (पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक कार्य) अमृत अभिजात ने निर्देश दिया कि रामपथ जाने वाले सभी रास्तों को रोशनी और सजावट से चमकाया जाए और पेड़ों को लाइटिंग से सजाया जाए। महिला नेतृत्व वाली झांकियों और सरकारी योजनाओं से जुड़े थीमेटिक प्रदर्शन भी शामिल होंगे।