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विंध्य.... ए रैंकिंग में कोई जिला नहीं बी और सी ग्रेड में ही सिमटा प्रदर्शन

मध्य प्रदेश में 30 जून को जल गंगा संवर्धन अभियान का तिमाही 'अनुष्ठान' पूरा हो जाएगा। जिला स्तर पर ए रैंकिंग में पहला नाम खंडवा का है। बी में उज्जैन और सी में नरसिंहपुर की मौजूदगी है। विंध्य की बात करें तो कोई भी जिला 'ए' रैंकिंग में नहीं आया है। 'बी' रैंकिंग में पांच और 'सी' में दो जिले हैं।

By: Star News

Jun 30, 202511:15 AM

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विंध्य.... ए रैंकिंग में कोई जिला नहीं बी और सी ग्रेड में ही सिमटा प्रदर्शन

गंगा संवर्धन अभियान | प्रदेश में टॉप रहा खंडवा, बी - में उज्जैन और सी- में नरसिंहपुर

भोपाल. स्टार समाचार वेब.
मध्य प्रदेश में 30 जून को जल गंगा संवर्धन अभियान का तिमाही 'अनुष्ठान' पूरा हो जाएगा। जिला स्तर पर ए रैंकिंग में पहला नाम खंडवा का है। बी में उज्जैन और सी में नरसिंहपुर की मौजूदगी है। विंध्य की बात करें तो कोई भी जिला 'ए' रैंकिंग में नहीं आया है। 'बी' रैंकिंग में पांच और 'सी' में दो जिले हैं। जल गंगा संवर्धन अभियान की जिला स्तरीय रैंकिंग में विंध्य क्षेत्र का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा है। मध्यप्रदेश एम्प्लाइमेंट गारंटी कौंसिल द्वारा तैयार की गई रैंकिंग में 100 अंकों की मूल्यांकन प्रणाली में विध्य क्षेत्र का कोई भी जिला ए रैंकिंग हासिल नहीं कर पाया है। विध्य के कुल सात जिलों में से पांच जिले की रैंकिंग में शामिल हुए हैं, जबकि दो जिले सी रैंकिंग में ही सिमट गए हैं। बी

टेगरी में सतना 15, उमरिया 17, सिंगरौली 19, सीवी 28 और अनुपपूर 29 नंबर पर है।

सी रैकिंग में रीवा 9 और शहडोल 15 नंबर पर हैं। रीवा और शहडोल का सी- रैंकिंग में आना दर्शाता है कि इन जिलों में जल संरक्षण और संवर्धन के कार्यों में अपेक्षाकृत कम प्रगति हुई है। जबकि रीवा जैसे बड़े जिले से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी । जल संरक्षण के प्रयासों में और तेजी लाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य के अभियानों में वे बेहतर प्रदर्शन कर सके। रैंकिंग पुराने प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन कार्यों, खेत तालाबों, डगवेल, अमृत सरोवर के निर्माण और 'भावभारत' पोर्टल पर पंजीकरण जैसे पांच मुख्य मापदंडों पर आधारित थी।

स्टार व्यू | जिम्मेदारों के लिए मंथन का समय
 तीन महीने तक (एक-दो दिन नहीं) चले जल गंगा संवर्धन अभियान में विंध्य की कमजोर भागीदारी ने समूचे विंध्य को निराश किया है। इस अभियान की ए कैटेगरी में न आ पाना उतना नहीं रखता, जितना बी कैटेगरी में भी विंध्य का प्रदर्शन 15 वें से शुरू होना है। विंध्य के राजनैतिक और प्रशासनिक तंत्र ने प्रभावशाली हस्तियां हैं इसके बावजूद जल गंगा संवर्धन अभियान का जमीनी स्तर पर न पहुंच पाना कही न कही राजनीतिक प्रशासनिक निगरानी की असफलता को भी दर्शाता है। उम्मीद करें भविष्य में ऐसा न हों।

मात खा रहे शाह फिर हुए विजय
मंत्री विजय शाह, जो "ऑपरेशन सिंदूर के बाद सुर्खियों में आए थे, ने चुपचाप गंगा जल संवर्धन योजना में एक बड़ा काम कर दिखाया है। उनके प्रयासों से खंडवा जिला रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है। शाह के विधानसभा क्षेत्र, खालवा विधानसभा क्षेत्र में घोड़ा पछाड़ नदी पर किए गए काम ने खंडवा को ए कैटेगरी में टॉप पर ला दिया है।

तीन कैटगरी में बंटे जिले

सरकार ने जिलों के प्रदर्शन को तीन कैटगरी में बांटा है।

  1. ए कैटगरी. सिर्फ 3 जिले(जहां 80% या उससे ज्यादा लक्ष्य हासिल हुआ) 
  2. बी कैटेगरी - 33 जिले (जहां 50% से ज्यादा लेकिन 80% से कम काम हुआ) 
  3. सी कैटेगरी - 16 जिले (जहां 50% से भी कम काम पूरा हो सका)

कैटेगरी रैंक इन कैटेगरी

जिला एनआरएम खेत तालाब टोटल नंबर  कैटेगरी रैंक  इन कैटेगरी
सतना  3.34 12.47  57.39  B 15
उमरिया 8.21 14.35  55.91 B 17
सिंगरौली 7.95 10.77  52.82 B 19
सीधी  6.93 11.17 51.28

B 28
अनूपपुर  7.63 7.43 50.98 B 29
रीवा  4.03 9.86 48.63 C 09
शहडोल  7.55 5.20 

43.88 C 12

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