इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.2% पर मजबूत बनी रहेगी, जिसका मुख्य कारण निजी खपत है। अप्रैल-जून तिमाही में 7.8% ग्रोथ का अनुमान। जानिए पूरी डिटेल।
By: Ajay Tiwari
Nov 12, 20254:33 PM
बिजनेस डेस्क नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) ने बुधवार को जारी अपनी नवीनतम रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। एजेंसी का मानना है कि इस अवधि के दौरान निजी खपत (Private Consumption) विकास का एक प्रमुख कारक बनी रहेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यह अनुमान पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की समान दूसरी तिमाही (Q2) की वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत से काफी अधिक है।
इंड-रा के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पांच तिमाहियों में सबसे तेज गति से 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के जीडीपी विकास अनुमानों पर आधिकारिक आंकड़े 28 नवंबर को जारी किए जाएंगे।
इंड-रा ने एक बयान में कहा कि उसे उम्मीद है कि FY26 की दूसरी तिमाही में GDP वृद्धि दर साल-दर-साल आधार पर 7.2 प्रतिशत पर मजबूत बनी रहेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूती के पीछे के कारकों पर प्रकाश डालते हुए कहा, "मांग पक्ष से, निजी उपभोग उच्च और निम्न आय वाले परिवारों, दोनों में स्थिर वास्तविक आय वृद्धि के कारण विकास का एक प्रमुख चालक है। आपूर्ति पक्ष से, विनिर्माण क्षेत्र में अनुकूल आधार-आधारित वस्तु निर्यात वृद्धि के साथ-साथ लचीले सेवा क्षेत्र ने FY26 की दूसरी तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि को गति दी।"
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मजबूत घरेलू मांग के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था संकटग्रस्त वैश्विक परिस्थितियों से उम्मीद से बेहतर ढंग से पार पा रही है। एजेंसी ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) इंड-रा और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) दोनों की अपेक्षाओं से अधिक तेजी से कम हुई है, जिसके परिणामस्वरूप वास्तविक मजदूरी और उपभोग मांग में वृद्धि हुई है।