सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना का हाल चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के मझगवां में बदहाल है। लाखों की लागत से बनी पाइपलाइन और नल कनेक्शन बेकार पड़े हैं। वार्डों में दो साल से पानी सप्लाई बंद है, मोटर पंप खराब पड़े हैं और शिकायतों के बावजूद जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे। ग्रामीण आक्रोशित हैं और आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।
By: Yogesh Patel
Sep 22, 2025just now
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना का हाल आदिवासी बाहुल्य चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र बदहाल है। इसकी एक बानगी मझगवां कस्बे व क्षेत्र में देखजी जा सकती है जहां लाखों की लागत से बिछाई गई पाइपलाइन और बांटे गए नल कनेक्शन केवल दिखावे तक सीमित हैं। हकीकत यह है कि कस्बे के अधिकांश वार्डों में पिछले दो साल से पानी की सप्लाई पूरी तरह ठप है। ठेका कंपनी की मनमानी और जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। सवाल यह उठने लगा है कि आखिर यह योजना आम जनता के लिए बनी थी या ठेकेदारों की जेब भरने के लिए?
गोडान टोला वार्ड-10 का हाल बेहाल
नल-जल योजना में सबसे ज्यादा लापरवाही का नमूना मझगवां के गोडान टोला वार्ड क्रमांक-10 में देखने को मिल रहा है। यहां दो साल से मोटर पंप खराब पड़ा हुआ है। ग्रामीणों ने कई बार सरपंच और सचिव से गुहार लगाई, लेकिन अब तक न तो पंप सुधर सका और न ही जिम्मेदार हाल जानने पहुंचे। शिकायतें मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी दर्ज कराई गईं। वहां तीन दिन में समाधान का आश्वासन देकर शिकायत बंद करवा दी गई, लेकिन छह महीने गुजरने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है।
पुरानी व्यवस्था भी चौपट
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नई नल-जल योजना के चलते पुरानी पेयजल व्यवस्था को किनारे लगा दिया गया, लेकिन नई व्यवस्था भी सफल नहीं हो सकी। ब्लॉक मुख्यालय मझगवां में ही हालत यह है तो ग्रामीण इलाकों की स्थिति आसानी से समझी जा सकती है। पूर्व में कई बार मामले सामने आने और शिकायतें दर्ज होने के बावजूद प्रशासन व राजनीतिक नेतृत्व ने अब तक गंभीरता नहीं दिखाई।
ग्रामीणों में आक्रोश, जिम्मेदार बेपरवाह
गर्मी हो या बरसात, ग्रामीण हर रोज पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। महिलाएं और बच्चे दूर-दूर से पानी लाने को मजबूर हैं। वार्डवासियों का कहना है कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद सरपंच-सचिव ने तीन दिन में पंप दुरुस्त करने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि यदि स्थिति यही रही तो वे सामूहिक आंदोलन को मजबूर होंगे। कुल मिलाकर मझगवां की पेयजल व्यवस्था बदहाल है और जिम्मेदार आंख बंद कर गहरी नींद में सोए हुए हैं।
तीन दिन में एक बार पानी रसूखदारों का दबदबा
मझगवां कस्बे में पेयजल की स्थिति इतनी गंभीर है कि कुछ वार्डों में तीन दिन में एक बार ही पानी सप्लाई की जाती है। वहीं वार्ड क्रमांक-9 समेत कई जगहों पर रसूखदार लोगों ने भारी मोटर पंप लगाकर पानी अपनी बड़ी-बड़ी टंकियों में भर लिया है। नतीजतन आम परिवारों तक पानी पहुंच ही नहीं पाता। शिकायत करने पर भी सरपंच व स्थानीय अधिकारी व अन्य जिम्मेदार सुनने को तैयार नहीं होते।
पानी कि सप्लाई 2 साल से बंद पड़ी है । सरपंच सचिव को अवगत कराया गया फिर भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाना निराशाजनक है, जबकि घर घर पानी पहुंचाने की बड़ी बातें की जाती हैं।
पप्पू सिंह, रहवासी
सीएम हेल्पलाइन मे भी स्थानीय अधिकारी व सरपंच गुमराह कर देते हैं। कहा था कि 3 दिन मे निराकरण हो जाएगा लेकिन 6 माह बीत गए , समस्या नहीं सुलझी। 2 साल से यह परेशानी है।
अभिषेक सिंह, वार्ड सदस्य, क्रमांक 10
योजना हवा-हवाई है। हम दो सालों से पानी के लिए तरस रहे हैं। शिकायत करते हैं सुनवाई नहीं होती। जिम्मेदारों को चाहिये कि वे जल्दी पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करायें।
दीपक, रहवासी