सतना जिला अस्पताल में 5 दिनों में 7433 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। बारिश के चलते डेंगू, टायफाइड, पीलिया और उलटी-दस्त जैसे जल जनित रोगों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। डॉक्टरों ने साफ पानी और ताजा भोजन की सलाह दी है।
By: Yogesh Patel
Jun 30, 2025just now
जल जनित बीमारियों का बढऩे लगा ग्राफ
सतना, स्टार समाचार वेब
मानसून की दस्तक के साथ ही जिले में जल जनित संक्रामक बीमारियों का ग्राफ बढ़ गया है। शहरी कालोनियों और ग्रामीण इलाकों में जगह-जगह खाली प्लाटों और गड्ढों में गन्दा पानी इकट्ठा हो गया है, जिसमे मलेरिया और डेंगू के लार्वा मिलने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। लगातार बारिश और धूप निकलने से मौसम में हुए बदलाव का असर सेहत पर पड़ रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते पांच दिन में 23 जून से 27 जून तक 7433 मरीजों ने जिला अस्पताल पहुंचकर अपना इलाज कराया, जबकि उनमे से नौ सौ से अधिक मरीजों को अति गंभीर की श्रेणी में रखकर इलाज की लिए भर्ती होने की सलाह दी गई है। आंकड़ों के मुताबिक मेडिसिन ओपीडी में प्रतिदिन वायरल इंफेक्शन के 100 से अधिक मरीज अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं। इसके अलावा 200 के करीब टायफाइड और पीलिया से पीड़ित मरीज इलाज कराने आ रहे हैं।
डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ा
चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक बदलते मौसम के चलते अस्पताल में सर्दी जुकाम और गले के इंफेक्शन के मरीजों में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। जिले में इस समय बारिश के चलते जिले में संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है। जगह-जगह एकत्रित हुए पानी में मच्छर पनपने लगे हैं, जिनके काटने से मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि बरसाती मौसम में नमी और उमस कि चलते खाना जल्दी खराब हो जाता है, जिसकी वजह से लोग बीमार हो रहे हैं। इंफेक्शन बढ़ने से मरीज को उलटी-दस्त जैसी समस्या शुरू हो जाती है। इन मरीजों को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करना पड़ता है। वार्ड प्रभारियों की माने तो वर्तमान में अस्पताल का आइसोलेशन वार्ड में छमता से अधिक मरीज इलाज के लिए भर्ती किए गए हैं जिनमे टायफाइड और उलटी-दस्त जैसी समस्या से पीड़ित हैं।
जिला अस्पताल में इस समय ज्यादा केस संक्रामक रोगों के आ रहे हैं, जिसमे उलटी-दस्त, टायफाइड और पीलिया जैसी बीमारियां शामिल हैं। इसके अलावा वायरल इंफेक्शन के मरीजों में लगातार बृद्धि हो रही है। बारिश के मौसम में फुल्की आदि का पानी और बाषित खाने से परहेज करें।
डॉ. मनोज प्रजापति, एमडी मेडिसिन, जिला अस्पताल
@ बदलते मौसम के चलते बच्चों में बुखार और डायरिया जैसी बीमारियां देखने को मिल रही हैं। गंभीर बच्चों को भर्ती भी कराया जा रहा है।
डॉ. संजीव प्रजापति, शिशु रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल