सतना में CGST की प्रिवेंटिव शाखा के इंस्पेक्टर कुमार सौरभ को लोकायुक्त रीवा ने 2020-21 के ई-वे बिल मामले में कार्रवाई न करने के एवज में ₹20,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
By: Ajay Tiwari
Dec 03, 20256:07 PM
सतना. स्टार समाचार वेब
सतना में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) विभाग की प्रिवेंटिव शाखा में पदस्थ निरीक्षक कुमार सौरभ को लोकायुक्त रीवा की टीम ने ₹20,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। इंस्पेक्टर सौरभ पर आरोप है कि उन्होंने फर्म कैलाशराज ट्रैक्टर्स के कर्मचारी वीरेंद्र कुमार शर्मा (33) से वित्तीय वर्ष 2020-21 के एक ई-वे बिल संबंधी प्रकरण (धारा 74 के तहत) में पेनल्टी न लगाने, छापा न मारने और कोई कार्रवाई न करने के एवज में ₹1 लाख की रिश्वत की मांग की थी। अंततः यह सौदा ₹60,000 में तय हुआ। आरोपी ने तुरंत ₹20,000 की पहली किस्त देने का दबाव बनाया।
शिकायतकर्ता वीरेंद्र कुमार शर्मा (निवासी राजेंद्र नगर) ने 29 नवंबर को महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के सख्त निर्देशों के बाद लोकायुक्त रीवा में इसकी शिकायत की, जिसके आधार पर मंगलवार को उप पुलिस महानिरीक्षक मनोज सिंह के मार्गदर्शन में लोकायुक्त टीम ने यह कार्रवाई की।
सरकारी आवास पर किया गया ट्रैप
सत्यापन के दौरान निरीक्षक द्वारा रिश्वत की मांग किए जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद निरीक्षक संदीप सिंह भदौरिया के नेतृत्व में गठित लोकायुक्त रीवा की टीम ने आरोपी इंस्पेक्टर को उनके सरकारी आवास पर ही ₹20,000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी सौरभ के अधिकार क्षेत्र में धारा 64 और 74 के तहत ई-वे बिल संबंधी प्रकरणों की जांच आती है। आरोपी ने कथित तौर पर फर्म द्वारा जारी ई-वे बिलों में माल का परिवहन न होने (नॉन-मूवमेंट) और खरीदी अधिक होने के बावजूद कम टैक्स दिखाने जैसी स्थितियों का हवाला देते हुए बड़ी कार्रवाई की धमकी दी थी, जबकि शिकायतकर्ता का कहना था कि ई-वे बिल ड्रॉप होना विक्रेता की प्रक्रिया है और माल न आने की स्थिति में क्रेता की कोई जिम्मेदारी नहीं होती। इसके बावजूद, इंस्पेक्टर सौरभ ने कार्रवाई का भय दिखाकर लगातार रिश्वत की मांग जारी रखी।
ट्रैप कार्रवाई में निरीक्षक उपेंद्र दुबे, उप निरीक्षक आकांक्षा शुक्ला, प्रधान आरक्षक मुकेश मिश्रा, आरक्षक पवन पांडे, शाहिद खान, लवलेश पांडे, सुभाष, विजय व मनोज शामिल रहे।