सतना जिले के पतेरी गांव में मानवता की मिसाल पेश करते हुए तीन लोगों ने एक साथ देहदान का संकल्प लिया। कलेक्टर डॉ. सतीश एस की मौजूदगी में अमर ज्योति परिवार के सहयोग से सुंदरलाल कुशवाहा, संपत कुशवाहा और सुनीता कुशवाहा ने यह प्रेरणादायक निर्णय लिया। अमर ज्योति परिवार अब तक 900 नेत्रदान और 64 देहदान करवा चुका है। यह कदम मेडिकल छात्रों के लिए शोध और समाज सेवा की दिशा में एक अनमोल योगदान है।
By: Yogesh Patel
Oct 25, 2025just now
हाइलाइट्स:
सतना, स्टार समाचार वेब
नेत्रदान और देहदान के लिए जागरूकता फैलाने वाले अमर ज्योति परिवार की मानवता सेवा में शुक्रवार को एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया। परिवार के अथक प्रयासों से इस दिन एक साथ पतेरी के तीन लोगों ने देहदान का संकल्प लिया। यह संकल्प कलेक्ट्रेट में कलेक्टर डॉ. सतीश एस की मौजूदगी में लिया गया। तीनों संकल्पकर्ताओं ने कहा कि मृत्यु के बाद भी यदि उनका शरीर मानवता की सेवा में काम आ सके, तो इससे बड़ा पुण्य कोई नहीं। मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सकीय शोध के लिए मानव शरीर की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह निर्णय लिया ताकि मेडिकल छात्र उनके शरीर से अध्ययन कर असाध्य बीमारियों के इलाज में योगदान दे सकें।

ये हैं संकल्पकर्ता
शुक्रवार को अमर ज्योति परिवार के साथ पतरेी निवासी 64 वर्षीय एड. सुंदरलाल कुशवाहा , 66 वर्षीया श्रीमती संपत कुशवाहा तथा 55 वर्षीया श्रीमती सुनीता कुशवाहा कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां कलेक्टर डा. सतीश एस की मौजूदगी में तीनों ने देहदान का संकल्प लिया।गौरतलब है कि अमर ज्योति परिवार ने 8 सितंबर 2013 को नेत्रदान के संकल्प के साथ अपनी सेवा यात्रा प्रारंभ की थी। श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट, चित्रकूट की मदद से प्रारंभ हुआ यह अभियान आज न केवल सतना बल्कि आसपास के जिलों में भी प्रेरणा का स्रोत बन गया है। अब तक करीब 900 नेत्रदान और 64 देहदान संकल्प अमर ज्योति परिवार के माध्यम से कराए जा चुके हैं।
शोध के लिए सौंपी जा चुकी 3 देह
संयोजक मनोहर डिगवानी ने बताया कि देहदान को लेकर लोगों में जागरूकता मेडिकल कॉलेज सतना की स्थापना के बाद और तेज हुई है। अब तक तीन देह चिकित्सकीय शोध के लिए मेडिकल कॉलेजों को सौंपे जा चुके हैं। इनमें पहला देहदान 31 अगस्त 2023 को मैहर निवासी स्व. श्रीमती प्रेमलता जौली का हुआ था, दूसरा 4 अक्टूबर 2023 को सेमरिया चौक निवासी स्व. संजय साहनी का शरीर श्यामशाह मेडिकल कॉलेज को सौंपा गया, जबकि तीसरा देहदान 30 जून 2025 को वार्ड नं. 8 गांधी चौक कोठी निवासी स्व. प्रवीण सेन का हुआ, जिसका शरीर शासकीय मेडिकल कॉलेज सतना को समर्पित किया गया।
अंधेरे के डर से मिली प्रेरणा
संयोजक डिगवानी ने बताया कि अंधेरे में लगने वाले डर ने ही हमें नेत्रदान और देहदान के अभियान की प्रेरणा दी। जब कुछ पल का अंधेरा डर पैदा करता है, तो सोचिए उन लोगों का क्या हाल होता होगा जो हमेशा अंधेरे में जीते हैं। उन्होंने कहा कि देहदान को लेकर समाज में अभी भी कई भ्रांतियां हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है। यदि हर व्यक्ति यह सोच ले कि मरने के बाद भी उसका शरीर किसी के काम आए, तो यही अमर ज्योति परिवार की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।