By: Arvind Mishra
श्रीनगर। स्टार समाचार वेब
ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाई पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में मरनासन्न आतंकवाद को जिंदा करने के लिए आतंकियों की बड़े पैमाने पर घुसपैठ का षडयंत्र रचा है। इस षडयंत्र के तहत एलओसी के साथ सटे इलाकों में जम्मू-कश्मीर व पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी नए लॉन्चिंग पैड सक्रिय किए हैं। दावा किया जा रहा है कि 40 आतंकी इन लॉन्चिंग पैड पर हैं, जिन्हें अगले दो माह के दौरान जम्मू-कश्मीर में सुरक्षित घुसपैठ कराने की कोशिश होगी। हालांकि इधर, पाकिस्तानी के षडयंत्र को फेल करने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों ने भी अपने घुसपैठरोधी तंत्र को बेहतर और सख्त बनाना शुरू कर दिया है। कहा जा रहा है कि राजौरी-पुंछ और बारामुला-कुपवाड़ा व गुरेज में एलओसी के पार पाकिस्तानी सेना के निगरानी में लगभग एक दर्जन नए लॉन्चिंग पैड बीते एक माह के दौरान शुरू हुए हैं।
जम्मू में जिला सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार लूनी और बड़ा बाबा मसरुर में भी दो नए लॉन्चिंग पैड शुरू होने की सूचना है। हर लॉन्चिंग पैड पर दो से तीन आतंकी हैं। इनमें से अधिकांश के बारे में कहा जा रहा है कि यह पाकिस्तानी सेना के विशेष दस्ते के एसएसजी के साथ कुछ दिनों तक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
आतंकियों में अधिकांश पाकिस्तानी पंजाब और गुलाम जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं जबकि कुछ के कश्मीरी होने का भी दावा किया जा रहा है। घुसपैठ के लिए लॉन्चिंग पैड पर वही कश्मीरी आतंकी मौजूद है, जो विगत कुछ वर्षों के दौरान घाटी में अचानक लापता हो गए या फिर पासपोर्ट के आधार पर पाकिस्तान गए थे।
राजौरी-पुंछ और उत्तरी कश्मीर में एलओसी के पार पाकस्तानी सेना की निगरानी में लॉन्चिंग पैड पर मौजूद आतंकियों को उनके हैंडलर और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अक्टूबर-नवंबर में ही घुसपैठ कराने की फिराक में है। उनके हैंडलरों का प्रयास है कि सर्दियों में हिमपात होने से पहले ही उन्हें कश्मीर में स्थित उनके सेफ हाउस तक पहुंचाया जा सके।
जम्मू-कश्मीर में दाखिल कराए जाने वाले विदेशी आतंकियों को सिर्फ सुरक्षाबलों पर हमले या किसी विशेष स्थान पर हमले तक सीमित रखा जाएगा। उन्हें स्थानीय आतंकियों को किसी सेफ हाऊस, बाग या जंगल में प्रशिक्षित कर, उन्हें लक्षित हत्याओं और सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमले जैसी वारदातों में इस्तेमाल करने को कहा गया है।
एक दावा ये भी किया जा रहा है कि घुसपैठ के लिए तैयार आतंकियों को एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षित तरीके से पार कराने के लिए उनके हैंडलर और पाकस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई टोह लेने के लिए ड्रोन का सहारा ले रही है। इन्हें अपने ठिकानों व ओवरग्राउंड वर्कर तक पहुंच बनाने के लिए जीपीएस के इस्तेमाल के अलावा मैट्रिक्स कोड प्रदान किए गए हैं।
इधर, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को जो चोट दी है, वह उसको हमेशा याद आती रहेगी। इस बीच जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कमांडर इलियास कश्मीरी ने एक बड़ा खुलासा कर पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसीम मुनीर की पोल खोल दी है। दरअसल, जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कमांडर ने पाकिस्तान में एक बड़ा कबूलनामा सामने आया है। उसने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तानी आर्मी के अफसरों को भेजने का आदेश सीधे आर्मी चीफ असीम मुनीर ने दिया था। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कमांडर का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब पाकिस्तान दुनिया के सामने दावा करता आया है कि उसके देश में कोई भी आतंकी ठिकाना नहीं है।