जगन्नाथ रथ यात्रा ओडिशा में हर साल आयोजित होने वाला एक प्रमुख हिंदू उत्सव है। यह त्यौहार द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जो चंद्र मास के शुक्ल पक्ष का दूसरा दिन होता है, जिसे बढ़ती चांदनी के कारण आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
By: Arvind Mishra
Jun 27, 20251 hour ago
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शुक्रवार सुबह 10 बजे एक हाथी बेकाबू हो गया। इसके बाद रथ यात्रा में भगदड़ सी मच गई। लोग इधर-उधर भागते दिखे। रथ यात्रा में 17 हाथियों के ग्रुप में सबसे आगे चल रहा था। वहीं आनन-फानन में वन विभाग के अमले ने काबू किया, इसके बाद उसे यात्रा से हटा दिया। दरअसल, देशभर में शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्राएं निकाली जा रही हैं। अहमदाबाद के जमालपुर स्थित मंदिर में सुबह मंगला आरती हुई। जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और उनका परिवार शामिल हुआ। इस दौरान भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया गया। 7 बजे के बाद रथ यात्रा शुरू हुई। अहमदाबाद में भगवान को सुबह 5 से 6 बजे तक तीनों मूर्तियों को रथ पर बैठाया गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पाहिंद विधि कर रथ यात्रा की शुरुआत की। इसमें रथ के आगे सोने की झाडू लगाई जाती है। रात तकरीबन 8:30 बजे भगवान वापस मंदिर लौटेंगे। वहीं पुरी में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ शाम को 4 बजे खींचे जाएंगे। उदयपुर में करीब 80 किलो चांदी के रथ में भगवान सवार होंगे।
भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा में आस्था का सैलाब देखने को मिलता है। लाखों की संख्या में भक्त रथ यात्रा में शामिल हुए। खास बात यह रही कि इस बार भगवान जगन्नाथ को गार्ड आफ आनर से सम्मानित किया गया। यात्रा में हाथियों की संख्या 18, 101 ट्रक, कई भजन-किर्तन की मंडलियां और कई राज्यों के साधु-संत और अखाड़े शामिल हुए।
ओडिशा में दुनिया की सबसे बड़ी रथ यात्रा होती है। सुबह 6 बजे भगवान जगन्नाथ की मंगला आरती होगी। इसके बाद श्रंगार होगा। फिर खिचड़ी भोग लगेगा। दैनिक पूजा-परंपराओं के बाद सुबह 9:30 बजे भगवान मंदिर से बाहर लाने की विधियां शुरू होंगी। रथों की पूजा कर बलभद्र, बहन सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को रथ में बैठाया जाएगा। दोपहर 3 बजे पुरी राजपरिवार के गजपति दिव्य सिंह देव रथ के आगे सोने के झाडू से बुहारा लगाकर रथ यात्रा की शुरुआत करेंगे
राजस्थान में उदयपुर में भगवान करीब 80 किलो चांदी से बने रथ पर बैठकर यात्रा पर निकलेंगे। यहां जगदीश मंदिर में सुबह 5 बजे मंगला आरती होगी। दैनिक पूजा और अभिषेक के बाद श्रंगार आरती और भोग लगेगा। दोपहर में मंदिर की परिक्रमा के बाद 3 बजे रथयात्रा शुरू होगी। ये रथ यात्रा 7-8 किलोमीटर की होती है। इसमें भगवान मंदिर से निकलकर दोबारा मंदिर लौटते हैं।
पश्चिम बंगाल के दीघा में भगवान जगन्नाथ मंदिर में पहली रथ यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा करीब एक किलोमीटर लंबी होगी। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने बताया, दीघा जगन्नाथ यात्रा पुरी रथ यात्रा से प्रेरित है। यहां के रथ पुरी के रथों की तरह ही बनाए गए हैं। सीएम ममता बनर्जी दोपहर 2 बजे यहां आएंगी।
आज की रथयात्रा में 18 हाथी, भारतीय संस्कृति से जुड़ी 101 झांकी, 30 अखाड़े, 18 भजन मंडली और 3 बैंड वादक शामिल हैं।
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा-भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी ढेरों शुभकामनाएं। श्रद्धा और भक्ति का यह पावन उत्सव हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए, यही कामना है। जय जगन्नाथ!
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को जगन्नाथ रथ यात्रा की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने एक्स पर लिखा-पवित्र रथ यात्रा के अवसर पर मैं देश-विदेश में रह रहे महाप्रभु जगन्नाथ के भक्तों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। रथ पर विराजमान बड़े ठाकुर बलभद्र, महाप्रभु श्रीजगन्नाथ, देवी सुभद्रा और चक्रराज सुदर्शन के दर्शन करके लाखों भक्त दिव्य अनुभूति प्राप्त करते हैं। इन ईश्वरीय स्वरूपों की मानवीय लीला ही रथ यात्रा की विशेषता है। इस पुण्य अवसर पर महाप्रभु श्रीजगन्नाथ से मेरी यह प्रार्थना है कि पूरे विश्व में शांति, मैत्री और स्नेह का वातावरण रहे।