अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के शुभांशु शुक्ला के लौटने की राह पूरा देश देख रहा है। शुभांशु इस समय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में हैं, जहां पहुंचने वाले वे पहले भारतीय बने हैं। शुभांशु और उनके साथियों को 14 दिन तक रहना था। उनकी यह मियाद पूरी होने वाली है।
By: Arvind Mishra
Jul 11, 202513 hours ago
अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के शुभांशु शुक्ला के लौटने की राह पूरा देश देख रहा है। शुभांशु इस समय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में हैं, जहां पहुंचने वाले वे पहले भारतीय बने हैं। शुभांशु और उनके साथियों को 14 दिन तक रहना था। उनकी यह मियाद पूरी होने वाली है। इस बीच नासा ने शुक्रवार को घोषणा की है कि शुभांशु और उनके साथियों की वापसी की यात्रा 14 जुलाई को शुरू हो जाएगी। नासा कॉमर्शियल क्रू प्रोग्रमाम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने कहा-हम स्टेशन प्रोग्राम पर काम कर रहे हैं। एक्सिओम-4 की प्रगति को सावधानी से देख रहे हैं। दरअसल, एक्सिओम स्पेस ने घोषणा की है कि उनकी ए-4 मिशन की टीम 14 जुलाई 2025 को भारतीय समयानुसार शाम 4:35 बजे के आसपास आईएसएस से अलग होगी। इस मिशन में शामिल भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भी पृथ्वी पर वापस लौटेंगे, जो भारत के लिए गर्व का क्षण है।
ए-4 मिशन एक निजी अंतरिक्ष मिशन है, जिसे एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स के सहयोग से शुरू किया गया। यह मिशन 25 जून 2025 को स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल से शुरू हुआ था। इस टीम में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं, जिनमें कमांडर पेगी व्हिटसन (अमेरिका), पायलट शुभांशु शुक्ला (भारत) और मिशन विशेषज्ञ स्लावोस्ज उज्नान्स्की-विश्निव्स्की (पोलैंड) और टिबोर कापु (हंगरी) हैं। यह मिशन न केवल वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए है, बल्कि भारत, हंगरी और पोलैंड के लिए पहला सरकारी प्रायोजित अंतरिक्ष मिशन भी है।
शुभांशु शुक्ला, जो भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और स्पेस स्टेशन जाने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री हैं। इस मिशन में पायलट की भूमिका निभा रहे हैं। वह 1984 में राकेश शर्मा के बाद भारत से अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। इस मिशन के दौरान उन्होंने कई प्रयोग किए, जैसे कि अंतरिक्ष में पौधों की वृद्धि और मानव स्वास्थ्य पर माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव का अध्ययन। उनकी वापसी भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
ड्रैगन कैप्सूल, जो स्पेसएक्स द्वारा बनाया गया है, 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार शाम 4:35 बजे से पहले आईएसएस से अलग होगा। यह समय मौसम और तकनीकी स्थितियों पर निर्भर कर सकता है, इसलिए इसमें थोड़ा बदलाव भी संभव है। कैप्सूल पृथ्वी की ओर बढ़ेगा और समुद्र में सुरक्षित लैंडिंग करेगा, जहां से टीम को रेस्क्यू जहाज द्वारा सुरक्षित निकाला जाएगा। इस मिशन की खास बात यह है कि ड्रैगन कैप्सूल 7 लोगों तक को ले जाने में सक्षम है। यह पहला निजी अंतरिक्ष यान है, जो मानवों को आईएसएस तक ले गया।