By: Arvind Mishra
Jul 12, 2025just now
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से दुखद खबर सामने आई है। नामीबिया से लाई गई मादा चीता नभा की मौत हो गई है। जिसकी जानकारी कूनो प्रबंधन के द्वारा दी गई है। वह एक हफ्ते पहले अपने सॉफ्ट रिलीज बोमा के अंदर घायल अवस्था में पायी गई थी। दरअसल, मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में प्रोजेक्ट चीता को एक और झटका लगा है। नामीबिया से लाई गई आठ वर्षीय मादा चीता नाभा की शनिवार को मौत हो गई। वन विभाग के अनुसार, नाभा एक सप्ताह पहले अपने सॉफ्ट रिलीज बोमा में शिकार के प्रयास के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसके बाद उसका लगातार इलाज चल रहा था। गौरतलब है कि प्रोजेक्ट चीता के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कुल 20 चीते लाए गए थे, जिनमें से कुछ की मौत पहले भी हो चुकी है। हालांकि शावकों के जन्म और अब तक जीवित बचे चीतों की गतिविधियों को वन विभाग प्रोजेक्ट की सकारात्मक प्रगति के रूप में देख रहा है।
वन विभाग के अनुसार, नाभा को बाईं ओर अल्ना और फिबुला हड्डियों में फ्रैक्चर के साथ कई अन्य गंभीर चोटें आई थीं। अनुमान लगाया गया है कि ये चोटें शिकार के दौरान तेज दौड़ या झटके की वजह से आई होंगी। घायल होने के बाद उसे तत्काल उपचार के लिए विशेष निगरानी में रखा गया और एक सप्ताह तक उसका इलाज चला, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ और आज उसकी मौत हो गई।
वन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नाभा की मौत का वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। हालांकि प्रारंभिक जांच में यह माना जा रहा है कि गंभीर हड्डी टूटने और आंतरिक चोटों की वजह से उसकी हालत बिगड़ती चली गई।
नाभा की मौत के बाद कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 26 चीते जीवित हैं, जिनमें नौ वयस्क चीते (छह मादा और तीन नर) और भारत में जन्मे 17 शावक शामिल हैं। क्षेत्रीय निदेशक के अनुसार, सभी चीते स्वस्थ हैं और अच्छा कर रहे हैं। इन 26 चीतों में से 16 चीते जंगल में विचरण कर रहे हैं, जिनका व्यवहार और अनुकूलन संतोषजनक बताया गया है।
वन विभाग ने यह भी बताया कि दो मादा चीते वीरा और निरवा अपने हाल ही में जन्मे शावकों के साथ स्वस्थ हैं और स्वाभाविक व्यवहार प्रदर्शित कर रही हैं। इसके अलावा गांधीसागर में भेजे गए दो नर चीते भी अच्छी स्थिति में हैं और उनकी निगरानी की जा रही है।