ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण-भाद्रपद मास में भगवान महाकाल के दर्शन करने आए भक्तों की भेंट से राजाधिराज महाकाल का खजाना एक बार फिर भर गया है। मंदिर समिति को 29 करोड़ 61 लाख की आय हुई है, जो बीते तीन सालों में सर्वाधिक है। इस साल 39 दिनों चले महापर्व के दौरान भक्तों की संख्या ने भी नया रिकॉर्ड बनाया है।
By: Arvind Mishra
Sep 07, 2025just now
उज्जैन। स्टार समाचार वेब
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण-भाद्रपद मास में भगवान महाकाल के दर्शन करने आए भक्तों की भेंट से राजाधिराज महाकाल का खजाना एक बार फिर भर गया है। मंदिर समिति को 29 करोड़ 61 लाख की आय हुई है, जो बीते तीन सालों में सर्वाधिक है। इस साल 39 दिनों चले महापर्व के दौरान भक्तों की संख्या ने भी नया रिकॉर्ड बनाया है। मंदिर प्रशासन के अनुसार इस दौरान देश विदेश से आए सवा करोड़ भक्तों ने अवंतिकानाथ को शीश नवाया। मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया महाकालेश्वर मंदिर में 11 जुलाई से 18 अगस्त तक श्रावण-भाद्रपद मास का उल्लास छाया रहा। दावा किया जा रहा है कि इस साल सावन-भादौ में उज्जैन के महाकाल मंदिर में लाखों भक्तों ने दर्शन किए और करोड़ों रुपए का दान दिया। मंदिर समिति ने बताया कि इस बार भक्तों की संख्या और दान दोनों ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 2023 में जहां सावन-भादौ माह में मंदिर को 23 करोड़ का दान मिला था। वहीं दो साल बाद 2025 में यह आंकड़ा 7 करोड़ रुपए बढ़कर 30 करोड़ के पार पहुंच गया।
2025 में 1.25 करोड़ भक्त पहुंचे : इस बार सावन-भादौ के 39 दिनों में हर दिन औसतन 3 लाख 20 हजार से ज्यादा लोग महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे।
दान के मामले में उज्जैन का महाकाल मंदिर बीते 5 सालों में काफी आगे बढ़ा है। 2018 से 2021 के बीच मंदिर में रोजाना करीब 40 से 50 हजार श्रद्धालु आते थे। उस समय तीन सालों में कुल 40 करोड़ 69 लाख 49 हजार 489 रुपए का दान मिला था। वहीं, 2019 से 2025 के बीच केवल दान से मंदिर को 1 अरब 70 करोड़ 25 लाख 6 हजार 484 रुपए की आय हुई है। ये आंकड़ा सिर्फ दान और भेंट पेटियों से प्राप्त राशि का है। मंदिर को और भी कई स्रोतों से आय होती है, जैसे टिकट, प्रसादी, सेवाएं आदि, जो इसमें शामिल नहीं हैं।