By: Arvind Mishra
Dec 03, 202512:02 PM
प्रयागराज। स्टार समाचार वेब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए धर्म परिवर्तन कर ईसाई बनने के बाद भी अनुसूचित जाति के लाभ लेते रहने को संविधान के साथ धोखा करार दिया है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी को निर्देश दिया है कि जो लोग ईसाई बन गए हैं, उन्हें एससी समुदाय के लिए बने लाभ मिलना तुरंत बंद किया जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह महत्वपूर्ण आदेश दिया है। उत्तर प्रदेश में ईसाई धर्म अपनाने के बावजूद अनुसूचित जाति के लाभ लेते रहने वाले व्यक्तियों के खिलाफ यह कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि ईसाई बनने के बाद आरक्षण के लिए हिंदू बने रहना धोखाधड़ी है, क्योंकि धर्म परिवर्तन कर ईसाई बनने पर व्यक्ति अपनी मूल जाति का दर्जा खो देता है और उसे एससी-एसटी का लाभ लेने का अधिकार नहीं रहता।
महाराजगंज के एक केस से आया आदेश
अदालत का यह रुख महाराजगंज के एक मामले के बाद सामने आया। यहां एक व्यक्ति ने ईसाई बनने के बावजूद अपने हलफनामे में अपना धर्म हिंदू बताया था और लगातार आरक्षण का लाभ ले रहा था। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया और कहा कि यह संविधान पर धोखा है। हाईकोर्ट ने इस तरह के मामलों को रोकने के लिए व्यापक निर्देश जारी किया है।
चार महीने में कार्रवाई का आदेश
कोर्ट ने इस आदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव और यूपी के सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया है। इन अधिकारियों को चार महीने के भीतर ऐसे केसों को रोकने के लिए कार्रवाई करनी होगी। हाईकोर्ट चाहता है कि धर्मांतरण के बाद आरक्षण के दुरुपयोग पर कानूनी कार्रवाई हो।