अहमदाबाद विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के पार्थिव शरीर की पहचान डीएनए मिलान से हुई। सोमवार, 16 जून को राजकोट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। जानें पूरी जानकारी और श्रद्धांजलि कार्यक्रम।
By: Star News
Jun 15, 20257 hours ago
अहमदाबाद, स्टार समाचार वेब
अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे में जान गंवाने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के पार्थिव शरीर की पहचान डीएनए मिलान से हो गई है। इससे उनके परिवार और समर्थकों को बड़ी राहत दी है, जो पिछले कुछ दिनों से उनके अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहे थे।
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने रविवार सुबह 11:10 बजे इसकी आधिकारिक पुष्टि की कि विजय रूपाणी के डीएनए का मिलान हो गया है। इस महत्वपूर्ण जानकारी से उनके परिवार को तुरंत अवगत करा दिया गया है। यह घटनाक्रम डीएनए परीक्षण की दक्षता और तेजी को दर्शाता है, जो ऐसे बड़े और दुखद हादसों में मृतकों की पहचान के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम संस्कार की तैयारियों और विस्तृत कार्यक्रम की जानकारी दी। रूपाणी का पार्थिव शरीर अहमदाबाद के सिविल अस्पताल से उनके गृह नगर राजकोट ले जाया जाएगा, जहाँ सोमवार (16 जून 2025) को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।
बता दें.... 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस भयावह हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की जान चली गई, जबकि केवल एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच सका। विजय रूपाणी भी इसी उड़ान में सवार थे और उनके निधन की खबर ने पूरे गुजरात और देश को स्तब्ध कर दिया था। विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर एक मेडिकल कॉलेज परिसर से टकराया था, जिससे परिसर में भी 29 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 5 एमबीबीएस छात्र शामिल थे।
अहमदाबाद विमान हादसे में मृतकों की पहचान करना एक बड़ी चुनौती रही है, क्योंकि कई शव अत्यधिक क्षत-विक्षत हो गए थे। डीएनए प्रोफाइलिंग की प्रक्रिया युद्धस्तर पर जारी है। अब तक, एयर इंडिया विमान दुर्घटना में मारे गए कुल 32 यात्रियों के शवों की पहचान डीएनए मिलान के माध्यम से की जा चुकी है, जिनमें से 19 शव परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि सभी पार्थिव शरीर को परिजनों के घर तक पहुंचाने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, ताकि शोक संतप्त परिवारों को थोड़ी राहत मिल सके।