छतरपुर के गांव बहादुरपुर के किसान बिहारी लाल पटेल ने यूट्यूब से प्रेरित होकर दुर्लभ सिक्कों और करंसी का अद्भुत संग्रह खड़ा किया। प्रसिद्ध कॉइन कलेक्टर राज ज्ञानी से प्रेरित इस जुनूनी व्यक्ति की कहानी हर किसी को प्रेरित कर सकती है।
By: Yogesh Patel
Jun 21, 2025just now
जुनून ने बदली जिंदगी, प्रसिद्ध कॉइन कलेक्टर राज ज्ञानी बने प्रेरणा स्रोत
छतरपुर, स्टार समाचार वेब
कहते हैं जुनून हो तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती, कुछ ऐसा ही कर दिखाया है गौरिहार जनपद क्षेत्र के छोटे से गांव बहादुरपुर के सातवीं फेल किसान बिहारी लाल पटेल ने। वह आज एक प्रशंसित कॉइन कलेक्टर के रूप में पहचान बना चुके हैं। 50 वर्षीय बिहारी लाल मूलत: किसान हैं। इस ग्रामीण किसान को पिछले दस सालों से दुर्लभ सिक्के और करेंसी नोट जमा करने का ऐसा जुनून चढ़ा, जिसने उनकी पूरी दुनिया ही बदल दी।
कॉइन कलेक्टर राज ज्ञानी का वीडियो देख मिली प्रेरणा
बिहारी लाल ने बताया कि एक दिन यूट्यूब पर उन्होंने देश के प्रसिद्ध कॉइन कलेक्टर राज ज्ञानी का वीडियो देखा उसके बाद वह वीडियो उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट बन गया। खेती-किसानी के अलावा उन्होंने पुराने सिक्के और नोट इकट्ठा करना शुरू कर दिया, और आज उनके पास हजारों की संख्या में दुर्लभ और ऐतिहासिक सिक्के व करेंसी नोट का विशाल संग्रह है।
ब्रिटिश इंडिया से लेकर वर्तमान के सिक्कों और करंसी का है कलेक्शन
विगत 10 वर्षों में उनके संग्रह में ब्रिटिश इंडिया, आजादी के बाद के तमाम चरणों से लेकर वर्तमान तक के सिक्के मौजूद हैं। आधे आने से लेकर एक आना, नीकल, तांबा और पीतल के सिक्के जो आज इतिहास की किताबों में या बमुश्किल मिलते हैं। बिहारी लाल ने बताया कि लोग कई बार मेरे संग्रह को देखकर कहते हैं कि ये तो आम नोट या सिक्के हैं, लेकिन हर नोट और सिक्के के पीछे एक खास इतिहास और उसकी पहचान छिपी है। इसके अलावा 2021 में प्रिंट हुए सौ के नोट पर शंकर जी का चित्र अंकित है जिसको बिहारी लाल कहते हैं कि यह दुर्लभ नोट किसी के पास नहीं होगा और इस नोट को वह बड़े एग्जीबिशन में रखने की इच्छा रखते हैं।
गांव में रहने के कारण नहीं मिल सकी पहचान
कम पढ़े-लिखे और गांव में रहने के कारण आज भी बिहारी लाल को वह पहचान नहीं मिल पाई है, जिसके वे हकदार हैं। हालांकि करीब 5 साल पहले लखनऊ में आयोजित एक एग्जीबिशन में उनके दो सिक्के ऊंचे दामों में बिके, लेकिन उसके बाद उन्हें फिर किसी मंच पर जाने का अवसर नहीं मिल सका। उनका सबसे बड़ा सपना है अपने प्रेरणास्त्रोत राज ज्ञानी से मिलना, और अगर किसी को उनके पास मौजूद किसी विशेष सिक्के या नोट की आवश्यकता हो, तो वे संपर्क कर सकते हैं। उनका मानना है कि ये संग्रह सिर्फ उनका नहीं बल्कि हमारे इतिहास, विरासत और पहचान का हिस्सा है।