यूनेस्को की बैठक के दौरान दीपावली को विश्व धरोहर का दर्जा मिलने की संभावना पर, 10 दिसंबर को दिल्ली में ऐतिहासिक इमारतों को दीयों से सजाया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय ने की घोषणा।
By: Ajay Tiwari
Dec 08, 20255:00 PM
नई दिल्ली. स्टार समाचार वेब
राजधानी दिल्ली में 10 दिसंबर को फिर से दीपावली मनाने की भव्य तैयारियां चल रही हैं। इस खास अवसर पर, दिल्ली के लाल किले और अन्य प्रमुख सरकारी व ऐतिहासिक इमारतों को दीयों और अन्य प्रकाशमय सज्जा से रोशन किया जा रहा है। संस्कृति मंत्रालय ने इस भव्य आयोजन के लिए दिल्ली सरकार के साथ समन्वय स्थापित किया है। दिल्ली के संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा के अनुसार, न केवल केंद्र सरकार के ऐतिहासिक स्मारक, बल्कि दिल्ली सरकार की इमारतों को भी विशेष रूप से सजाया जाएगा। इस उत्सव का मुख्य केंद्र लाल किला होगा, जिसके आसपास चांदनी चौक इलाके में रंगोली सजाई जाएगी और आतिशबाजी का भी आयोजन किया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय ने देश भर के सभी विश्व धरोहर स्थलों को भी उसी शाम दीयों से विशेष रूप से सजाने के निर्देश जारी किए हैं।
10 दिसंबर को क्यों मनाई जा रही है दिवाली?
सरकार द्वारा 10 दिसंबर को यह विशेष दीपोत्सव मनाने का मुख्य कारण दीपावली को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची (UNESCO World Heritage List) में शामिल किए जाने की प्रबल संभावना है। भारत ने मार्च 2024 में ही दीपावली को विश्व धरोहर में शामिल करने का प्रस्ताव यूनेस्को को सौंपा था। यूनेस्को की इंटरगवर्नमेंटल कमेटी की वार्षिक बैठक 8 से 13 दिसंबर के बीच लाल किले में आयोजित हो रही है। इस महत्वपूर्ण बैठक में दुनियाभर से आए 54 अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों के प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया जाएगा और चुनिंदा विरासतों को विश्व विरासत सूची में शामिल किया जाएगा। भारत की ओर से एकमात्र दीपावली को लेकर प्रस्ताव दिया गया है, जो एजेंडे में 24वें नंबर पर है। इस प्रस्ताव पर 9 से 10 दिसंबर को विचार होने की संभावना है, और इस पर मुहर लगना लगभग तय माना जा रहा है। दीपावली को विश्व धरोहर का दर्जा मिलने की पुष्टि होते ही, 10 दिसंबर को लाल किले को दीपों से रोशन करके इस उपलब्धि का जश्न मनाया जाएगा।
भारत में यूनेस्को पैनल की पहली मेजबानी
यह पहली बार है जब भारत यूनेस्को पैनल के किसी सत्र की मेजबानी कर रहा है। यूनेस्को की यह इंटरगवर्नमेंटल कमेटी बैठक हर दो साल में एक बार आयोजित की जाती है, और अगली बैठक 2027 में होगी। भारत ने भविष्य की बैठक के लिए अभी से छठ त्योहार का प्रस्ताव भेज दिया है। दीपावली को विश्व धरोहर में शामिल किए जाने के पक्ष में भारत ने तर्क दिया है कि यह दुनिया का सबसे लोकप्रिय त्योहार है, जिसमें घर, कार्यालय, बाजार और सड़कें साफ की जाती हैं। यह एक ऐसा त्योहार है जिसे मनाने के लिए विभिन्न पीढ़ियों के सदस्य दूर-दूर से अपने पैतृक घर आते हैं और साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं। यूनेस्को अब तक भारत की 15 अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों को विश्व धरोहर का दर्जा दे चुका है। इस उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, यूनेस्को के महानिदेशक खालिद अल-एनानी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और यूनेस्को में भारत के राजदूत एवं स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी शर्मा जैसे गणमान्य लोग शामिल हुए। यूनेस्को के अनुसार, इस सत्र में सदस्य देशों द्वारा प्रस्तुत नामांकनों की जांच की जाएगी और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता पर विचार किया जाएगा।