देवास में 'बंटी-बबली' की जोड़ी ने सोशल मीडिया रील देखकर फर्जी पेमेंट ऐप से दो दुकानदारों को ₹25,200 का चूना लगाया। सीसीटीवी फुटेज से पकड़े गए आरोपितों से टीवी और आभूषण जब्त। जानें कैसे हुई यह ठगी।
By: Star News
Nov 12, 20255:38 PM
देवास. स्टार समाचार वेब
सोशल मीडिया के बढ़ते चलन के साथ ही अपराध के नए तरीके भी सामने आ रहे हैं। देवास शहर में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जहां एक युवक-युवती की 'बंटी-बबली' जोड़ी ने मोबाइल पर रील देखकर फर्जी पेमेंट ऐप का इस्तेमाल करना सीखा और दो दुकानदारों को ठग लिया। सीसीटीवी फुटेज की मदद से यह जोड़ी पुलिस की गिरफ्त में आ गई।
पुलिस कप्तान पुनीत गेहलोद ने बुधवार को इस मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 4 नवंबर को कोतवाली क्षेत्र में दिलीप सोनी की रत्नराज ज्वैलरी दुकान पर शाम करीब 6 बजे युवक-युवती ने चांदी की पायल और अंगूठियां खरीदीं, जिनकी कीमत ₹6,700 थी। उन्होंने PhonePe QR कोड के माध्यम से अपने मोबाइल से पेमेंट करने का फर्जी स्क्रीनशॉट दिखाकर दुकानदार को चकमा दिया। जब दुकानदार को भुगतान नहीं मिला, तो उन्होंने अपना नंबर देकर कहा कि पेमेंट न आने पर कॉल कर लें, और फिर मोटरसाइकिल से फरार हो गए। जांच करने पर सोनी को धोखाधड़ी का पता चला और उन्होंने अगले दिन शिकायत दर्ज कराई।
इसी तरह की ठगी इस जोड़ी ने नावेल्टी चौराहा स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक दुकान पर भी की, जहां से उन्होंने फर्जी पेमेंट दिखाकर ₹18,500 कीमत का एलईडी टीवी चोरी कर लिया।
कोतवाली टीआई श्यामचंद्र शर्मा ने बताया कि जांच में यह सामने आया कि ठग जोड़ी ने नकली पेमेंट दिखाने वाले ऐप का उपयोग किया है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों की मदद से आरोपितों की पहचान दीपक वर्मा (निवासी ग्राम गदईशा पिपलिया, जिला देवास) और उसकी साथी बबली के रूप में की। पुलिस ने लगातार तलाश के बाद आखिरकार उन्हें राजगढ़ से गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से चोरी किया गया टीवी और आभूषण जब्त किए गए हैं।
पूछताछ में यह पता चला कि युवती ने सोशल मीडिया पर रील देखकर इस फर्जी पेमेंट ऐप के बारे में जानकारी ली और इसे मोबाइल के प्ले स्टोर से डाउनलोड किया था। अब पुलिस यह जांच कर रही है कि इन दोनों ने और किन-किन जगहों पर इस तरह की ठगी की है। फिलहाल दोनों आरोपितों से पूछताछ जारी है।