रीवा शहर में समग्र आईडी फर्जीवाड़े से आबादी 19 हजार अधिक दर्ज। ई-केवाईसी की धीमी रफ्तार नगर निगम की लापरवाही उजागर कर रही है।
By: Yogesh Patel
Jun 26, 20253 hours ago
योजनाओं का लाभ लेने के लिए फर्जीवाड़ा
रीवा, स्टार समाचार वेब
समग्र डाटा में शहर की आबादी करीब 19 हजार बढ़ गई है। आपात्र लोगों ने योजनाओं का लाभ लेने के लिये दोहरी आईडी बनवा ली है। इसका खुलासा शहर की आबादी और समग्र आईडी की संख्या के बीच के अंतर से पता चलता है। शहर में अनुमान के अनुसार वर्ष 2024 में आबादी करी 3 लाख 33 हजार होनी चाहिये, जबकि समग्र 3 लाख 51 हजार से अधिक लोगों का बना है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने इन दोहरी आईडी को रिजेक्ट अथवा समाप्त करने के लिये समग्र का आधार से लिंक यानी ई-केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया है। इसकी अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित की गई है। लेकिन इसके बाद भी शहर में अब तक मात्र 41. 51 प्रतिशत समग्र आईडी ही आधार से लिंक हो पाये हैं। जबकि 58.49 प्रतिशत आईडी का अभी भी ई-केवाईसी नहीं हो पाया है, जिसके लिये महज 5 दिन ही शेष बचे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि पिछले दो माह में जब 50 प्रतिशत ई-केवाईसी नहीं हो पाये तो क्या बचे हुये पांच दिनों में 58 प्रतिशत आईडी आधार से लिंक हो पायेंगी? बहरहाल ईकेवाईसी की सुस्त प्रगति नगर निगम की लापरवाही को दर्शाता है।
समग्र आईडी से यह होता है फायदा
मध्य प्रदेश सरकार ने यहां के निवासियों के लिये एक विशिष्ट संख्या जारी करने के लिये समग्र की शुरुआत किया था। जिसमें कई तरह के लाभ मिलते हैं। इसमें मुख्य रूप से छात्रवृत्ति, पेंशन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, सामाजिक सुरक्षा योजना, शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, वित्तीय सहायता, बिजली, पानी आदि में सब्सिडी आदि शामिल हैं। समग्र आईडी के जरिये लोग खुद को बीपीएल हितग्राही बता कर उक्त योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।
वोटर कार्ड की तर्ज पर बनवाया आईडी
जानकारों का कहना है कि वोटर आईडी की तर्ज पर ही लोगों ने दोहरी आईडी बनवा रखी है। जिससे उन्हें सरकारी योजनाआें का मानमाफिक लाभ मिल सके। हालांकि नगर निगम की ओर से ईकेवाईसी के दौरान ऐसी आईडी को रिजेक्ट करने का काम भी किया जा रहा है। लेकिन अब तक महज 494 आईडी ही रिजेक्ट की गई हैं। वहीं 633 पेंडिंग में है, जिनकी जांच-पड़ताल की जा रही है।
समग्र आईडी को आधार से लिंक करने का काम किया जा रहा है। प्रयास है कि तय समय सीमा में ई-केवाईसी पूरी कर ली जाये। इसके लिये वार्ड प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। डबल आईडी को भी चिन्हित किया जा रहा है, जिसे डिलीट किया जायेगा। कई सारे लोगों ने इस तरह की डबल आईडी बनवा रखी है।
प्रज्ञा भारती तिवारी, समग्र सुरक्षा विस्तार अधिकारी, नगर निगम रीवा