मध्यप्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा कर परीक्षा देने वाले 22 अभ्यर्थियों के खिलाफ प्रदेशभर में 21 मामले दर्ज किए गए हैं। परीक्षा से पहले और बाद में बायोमेट्रिक संशोधन से फर्जीवाड़ा किया।
By: Star News
Jun 08, 2025just now
भोपाल. स्टार समाचार वेब. मध्यप्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा कर परीक्षा देने वाले 22 अभ्यर्थियों के खिलाफ प्रदेशभर में 21 मामले दर्ज किए गए हैं। परीक्षा से पहले और बाद में बायोमेट्रिक संशोधन से फर्जीवाड़ा किया।
पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था, अंशुमान सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित पुलिस आरक्षक जीडी और रेडियो की ऑनलाइन लिखित परीक्षा में 6,52,057 उम्मीदवार शामिल हुए थे। लिखित परीक्षा में सफल 55,220 अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा चयन शाखा, मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा 16 अक्टूबर से 20 नवंबर 2024 के बीच आयोजित की गई थी, जिसके उपरांत कुल 6423 अभ्यर्थियों का चयन किया गया।
सिंह ने बताया कि द्वितीय चरण की शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान नवंबर 2024 में मुरैना परीक्षा केंद्र पर 05 अभ्यर्थियों को अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को परीक्षा में शामिल करने के संदेह में पकड़ा गया था। इन पर तत्काल प्रकरण पंजीबद्ध कर कानूनी कार्रवाई की गई थी। इस अनुभव के आधार पर, पुलिस मुख्यालय भोपाल ने 21 अप्रैल 2025 को निर्देश जारी किए कि अंतिम परिणाम जारी होने के बाद सभी सफल अभ्यर्थियों का चरित्र सत्यापन और नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान उनकी आवंटित इकाइयों से बायोमेट्रिक और आधार हिस्ट्री की दोबारा जांच कराई जाए।
जांच के दौरान कुछ जिलों में अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में संदिग्ध भिन्नता पाई गई। गहन जांच में यह सामने आया कि कुछ अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा से ठीक पहले अपने आधार कार्ड का बायोमेट्रिक संशोधन कराया था और लिखित परीक्षा के तुरंत बाद फिर से बायोमेट्रिक संशोधन कराया। ऐसे संदिग्ध अभ्यर्थियों की गहन जांच की गई, जिसमें उनके हस्ताक्षर नमूना, हस्तलिपि और फिंगर प्रिंट लिए गए। साथ ही, परीक्षा के दौरान उनके द्वारा दिए गए फिंगर प्रिंट और हस्तलिपि के नमूनों को प्राप्त कर उनकी भी जांच की गई। अभ्यर्थियों की वास्तविक लोकेशन की तकनीकी जांच में भी भिन्नता पाई गई, जिसके आधार पर विभिन्न जिलों में प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
अब तक कुल 21 प्रकरण 22 अभ्यर्थियों के विरुद्ध दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें मुरैना में 07, शिवपुरी में 06, श्योपुर में 02 तथा इंदौर, दतिया, ग्वालियर, अलीराजपुर, राजगढ़ और शहडोल में 01-01 प्रकरण शामिल हैं।
विवेचना में यह भी सामने आया है कि कुछ आधार कार्ड वेंडरों ने अतिरिक्त लाभ प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों के आधार कार्ड को बिना पूरी तरह जांच किए अपने सिस्टम में संशोधन के लिए अपलोड किया था।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिस आरक्षक भर्ती-2023 की प्रक्रिया में फर्जीवाड़े एवं अनियमितता की सूचना मिलने पर सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के आपराधिक कृत्य, जिनमें योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होता है, मध्यप्रदेश में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यादव ने कहा कि पुलिस मुख्यालय द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी सफल अभ्यर्थियों के बायोमेट्रिक डाटा और आधार हिस्ट्री की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। प्रथम दृष्ट्या इम्परसोनेशन पाए जाने पर अभ्यर्थियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर कठोर कार्रवाई की गई है।