सीएम ने कहा कि लोकतंत्र संग्राम सेनानियों ने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है। सच्चे अर्थों में लोकतंत्र सेनानियों का योगदान बहुत बड़ा है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया।
By: Arvind Mishra
Jun 26, 2025just now
लोकतंत्र संग्राम सेनानियों के परिवारों को सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार से लेकर सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही 70 साल से ऊपर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को आयुष्मान कार्ड से फ्री उपचार कराया जाएगा। यही नहीं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को पीएम एम्बुलेंस के माध्यम से उपचार के लिए सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।
यह घोषण मप्र के सीएम डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास में आयोजित मीसाबंदियों के सम्मान समारोह के दौरान की। सीएम ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है। सच्चे अर्थों में लोकतंत्र सेनानियों का योगदान बहुत बड़ा है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया।
वहीं समारोह के दौरान कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कहा कि अपना देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। इस लोकतंत्र के लिए आप सब ने योगदान दिया। आपातकाल के दौरान लगभग 46 से अधिक अध्यादेश जारी हुए। संविधान के अनुच्छेद 38, 39 और 42 में ऐसे संशोधन किए जिनके माध्यम से संविधान को शिथिल कर दिया। देश की आजादी खत्म कर दी और लोगों के अधिकार समाप्त कर दिए। इस बात की जानकारी भावी पीढ़ी को देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 12 राज्यों में लोकतंत्र सेनानियों को कई योजनाओं का लाभ मिल रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। सेनानियों को जो ताम्रपत्र दे रहे हैं वह लोकतंत्र सेनानियों की आने वाली पीढ़ियां को आपातकाल की याद दिलाने का एक माध्यम है।
गहलोत ने आह्वान किया कि लोग अपने गांव क्षेत्र में लोगों को बताएं जिस तरह स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने आजादी दिलाने के लिए काम किया था, उसी संकल्प को लेकर वर्तमान सरकार काम कर रही है। आज विश्व स्तर पर ग्लोबल वार्मिंग एक बड़ी समस्या है। इसके संतुलन में आप अपनी भूमिका निभाएं। देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। दुनिया के देशों की तुलना में हमारी अर्थव्यवस्था चौथे स्थान पर पहुंची है। इसको तीसरे स्थान पर लाने का संकल्प केंद्र सरकार ने लिया है। मैं सभी से अनुरोध करता हूं क्या आप जिस स्तर पर सहयोग और समर्पण कर सकते हैं अर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद करें।
समारोह के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा संविधान के हत्यारे संविधान बचाने की बात करें तो ये कैसे सहेंगे। जिन्होंने अंबेडकर के साथ अन्याय किया वो अंबेडकर की बात करते हैं। कांग्रेस के अतीत के साथ लोकतंत्र के विरोधियों से हम सब निपटते रहेंगे। आपातकाल के दौर में आप लोगों ने जो कीमत चुकाई उसके लिए अंदाज लगा लो 1947 में देश आजाद हुआ, पर पड़ोसी पाकिस्तान हमसे एक दिन पहले आजाद हुआ।
सीएम ने कहा कि कांग्रेस की मानसिकता अब तक नहीं सुधरी। आज के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पूरा देश देख रहा है। दूसरी तरफ 50 साल तक विपक्ष के नेता की भूमिका में अटल जी ने आदर्श स्थापित किए। अब आॅपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से लेकर ट्रम्प तक जो नहीं बोल पाए वो बात हमारे देश के नेताओं ने बोलकर सेना पर सवाल उठाए। देश लोकतंत्र सेनानियों द्वारा 50 साल पहले किए गए कामों को याद रखेगी।
सीएम ने कहा कि गांधी परिवार की खुद को सारे देश के ऊपर मानने की कुंठित मानसिकता रही। इंदिरा गांधी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला तो राज्य सरकारों को भंग करके 90 से ज्यादा चुनी सरकार को घर भेज दिया। कांग्रेस की मानसिकता शुरू से ऐसी ही रही। इंदिरा के बाद उनके पुत्र राजीव गांधी ने तीन तलाक के निर्णय को बदला। लोकसभा के माध्यम से वोटों के आकर्षण के चलते हैं उन्होंने नया रिकॉर्ड बनाया। आॅपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जो नहीं बोल पाए दुनिया का कोई नेता नहीं बोल पाया, वह शब्द नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बोलकर देश को लज्जित करने का काम किया है। सेना को अपमानित करने का काम किया है। सच्चे अर्थों में लोकतंत्र की रक्षा करनी है तो कांग्रेस और कांग्रेसियों से देश को बचाना होगा।
इधर, पूर्व राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों की तपस्या के कारण आज देश में लोकशाही स्थापित है। ये लोकशाही का करिश्मा है कि जिन्हें लोकतंत्र की हत्या करके जेल भेजा गया, वे आज लोकशाही में राज्यपाल बने हैं। एक व्यक्ति की सत्ता की भूख ने सारे देश को कारागार बना दिया था। गांधी के बराबर जिनकी प्रतिष्ठा थी ऐसे जयप्रकाश नारायण, अटल जी, राजमाता सिंधिया और कई नेता जेल में बंद किए गए। काश... उस वक्त ये पूछा जाता कि कैबिनेट का फैसला कहां है, तो देश को आपातकाल को नहीं झेलना पड़ता। यदि कांग्रेस के लोग इंदिरा गांधी के फैसले का विरोध करते तो देश को इमरजेंसी नहीं देखना पड़ती। सोनी ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने 2008 में मीसाबंदियों को सम्मान निधि देने की शुरुआत की थी। वही आदेश लेकर हम देश के सभी राज्यों में गए और अब तक 12 राज्यों में सम्मान निधि देने की व्यस्था हो गई है।
सीएम हाउस में आयोजित कार्यक्रम में पूरे मप्र से 700 मीसाबंदी अपने परिवारजनों के साथ शामिल हुए। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, हरियाणा के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, मंत्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर गौतम टेटवाल, तुलसी सिलावट, विधायक रामेश्वर शर्मा, अजय बिश्नोई, भगवान दास सबनानी मौजूद रहे।