×

किसानों के आएंगे अच्छे दिन... मध्यप्रदेश में भी होगी मखाने की खेती

कभी आम उत्पाद माने जाने वाला मखाना के लावा देखते ही देखते सुपरफूड बन गया है। आज हालत यह है कि मखाने की कीमत काजू से दो गुनी अधिक हो चुकी है। मखाने में संभावना को देखते हुए ही केंद्र ने बिहार में मखाना बोर्ड के गठन का ऐलान किया है।

By: Arvind Mishra

Jul 19, 202512:02 PM

view1

view0

किसानों के आएंगे अच्छे दिन... मध्यप्रदेश में भी होगी मखाने की खेती

  • बिहार को टक्कर: पहले चरण में 50 हेक्टेयर में खेती की जाएगी

  • मध्यप्रदेश सरकार प्रोत्साहन के साथ किसानों को देगी सब्सिडी भी

  • नर्मदापुरम में मखाने की खेती के लिए 150 किसानों ने सहमति दी 

    भोपाल। स्टार समाचार वेब

कभी आम उत्पाद माने जाने वाला मखाना के लावा देखते ही देखते सुपरफूड बन गया है। आज हालत यह है कि मखाने की कीमत काजू से दो गुनी अधिक हो चुकी है। मखाने में संभावना को देखते हुए ही केंद्र ने बिहार में मखाना बोर्ड के गठन का ऐलान किया है। वहीं मध्य प्रदेश के किसान पिछले कुछ सालों से खेती में कुछ नया करने के लिए काफी उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। इसकी वजह नवाचार करने वाले किसानों की सफलता है। इधर राज्य सरकार भी ऐसे किसानों के लिए प्रोत्साहित करने में जुट गई है। दरअसल, अब बिहार की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी मखाना की खेती शुरू की जा रही है। इसके लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए न सिर्फ ट्रेनिंग की व्यवस्था करवा रही है, बल्कि जो किसान खेती करेगा उसको सब्सिडी देने की योजना तैयार की है।

दरभंगा में किसान लेंगे प्रशिक्षण

प्रदेश के नर्मदापुरम से इसकी शुरुआत की जा रही है। जहां के किसान अब गेहूं, चना, धान के साथ-साथ मखाने की खेती भी शुरू करने जा रहे हैं। इसके लिए उद्यानिकी विभाग की तरफ से किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। नर्मदापुरम में मखाने की खेती करने के लिए 150 किसानों ने सहमति दी है। ऐसे किसानों के लिए उद्यानिकी विभाग के द्वारा दरभंगा में प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है। जहां वह मखाना की खेती करने के गुण सीखेंगे। वहीं और अधिक किसानों को भी इससे जोड़ा जा रहा है।

50 हेक्टेयर में होगी खेती

प्रदेश में पहली बार, पहले चरण में लगभग 50 हेक्टेयर में मखाने की खेती की जाएगी। इसको लेकर किसान काफी असमंजस की स्थिति में नजर आ रहे हैं। इसी वजह से उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने किसानों के इसकी खेती के लाभ के बारे में जानकारी दी है। मखाना की खेती में प्रति हेक्टेयर 80 हजार की लागत आती है। इस फसल से डेढ़ लाख तक का मुनाफा कमाया जा सकता है।

अब घाटे की नहीं, फायदे की खेती

देश में मखाना की मांग तेजी से बढ़ रही है। यही नहीं, इसकी निर्यात मांग भी अच्छी है। जिन किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है और उन्हें लगातार निराशा हाथ लग रही है। ऐसे किसानों के लिए मखाना की खेती मिल का पत्थर साबित हो सकती है, क्योंकि कम लागत में इसमें अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। इसकी वजह से खेती छोड़कर भाग रहे किसानों का पलायन भी रुकेगा।

दस माह में फसल होगी तैयार

मखाने की खेती की बात करें तो यह है जलमग्न भूमि में होती है। जैसे तालाब, फरवरी और मार्च के महीने में रोपाई की जाती है और जहां पर भी इसकी खेती की जाती है वहां कम से कम 4 फिट पानी भरा रहना जरूरी होता है। रोपाई के 5 महीने में फूल आते हैं और अक्टूबर, नवंबर से कटाई शुरू हो जाती है। इस फसल की नर्सरी से लेकर कटाई तक की बात करें तो करीब 10 महीने का समय लगता है।

भारत में मखाने का बाजार

  • बाजार के बारे में रिसर्च करने वाली संस्था केन रिसर्च की अक्टूबर 2024 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मखाना का बाजार 100 अरब रुपए का है।
  • केन रिसर्च के मुताबिक इस समय भारत में मखाना- कच्चा मखाना, रोस्टेड मखाना, फ्लेवर्ड मखाना और मखाना पाउडर के रूप में बिक रहा है।
  • माखाने का बाजार बढ़ाने में ईकॉमर्स कंपनियों का योगदान बहुत बड़ा है। देश में मखाने का 25 फीसदी कारोबार इन ई कॉमर्स कंपनियों के जरिए ही हो रहा है।
  • बिहार के मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, किशनगंज और अररिया में की जाती है।
    बिहार के अलावा यह पश्चिम बंगाल और असम में भी पैदा होता है। भारत के अलावा मखाना कोरिया, जापान और रूस में भी मखाने की पैदावार होती है।
  • दरभंगा स्थित नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर मखाना के मुताबिक भारत में करीब 15 हजार हेक्टेयर जमीन पर मखाने की खेती होती है।
  • मिथिला के मखाना को अगस्त 2022 में जीआई टैग मिला था। मिथिलांचल मखाना उत्पादक संघ ने इसे हासिल किया था।

COMMENTS (0)

RELATED POST

1200 को छोड़कर जूनियर को बनाया डीईओ

1

0

1200 को छोड़कर जूनियर को बनाया डीईओ

रीवा में डीईओ और डीपीसी पद पर नियमों को दरकिनार कर जूनियर को नियुक्त कर दिया गया। 1200 वरिष्ठ शिक्षकों की अनदेखी से नाराज़ मऊगंज विधायक ने यह मुद्दा विधानसभा में उठा दिया है। जानिए अब क्या होगा प्रशासन में।

Loading...

Jul 20, 20253 hours ago

पॉवर गैलरी

1

0

पॉवर गैलरी

रीवा जिले की सियासत में हलचल—डिप्टी सीएम की सक्रियता से महिला जनपद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव टला, भाजपा संगठन में स्वघोषित पदाधिकारी और हनी ट्रैप में उलझे नेता जी की चर्चा। पत्रकार रमाशंकर मिश्रा के ब्लॉग पॉवर गैलरी में पढ़िए अंदर की राजनीति।

Loading...

Jul 20, 20253 hours ago

टीआरएस कॉलेज के युवा अभिप्रेरण कार्यक्रम में शामिल हुए नौसेना प्रमुख

1

0

टीआरएस कॉलेज के युवा अभिप्रेरण कार्यक्रम में शामिल हुए नौसेना प्रमुख

रीवा के टीआरएस कॉलेज में आयोजित युवा अभिप्रेरण कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने छात्रों को राष्ट्र सेवा, अनुशासन और आत्मसंयम के मूल मंत्र दिए। उन्होंने युवाओं को नशामुक्त भारत की शपथ दिलाई और भारत को 21वीं सदी का अग्रणी राष्ट्र बनाने में उनकी भूमिका पर बल दिया।

Loading...

Jul 20, 20253 hours ago

गुना-बासौदा रेलवे लाइन का सपना अधूरा, 12 साल से अटका प्रोजेक्ट

1

0

गुना-बासौदा रेलवे लाइन का सपना अधूरा, 12 साल से अटका प्रोजेक्ट

आश्वासन के बाद भी केंद्रीय मंत्री सिधिया भूले अपना वादा.

Loading...

Jul 20, 20253 hours ago

RELATED POST

1200 को छोड़कर जूनियर को बनाया डीईओ

1

0

1200 को छोड़कर जूनियर को बनाया डीईओ

रीवा में डीईओ और डीपीसी पद पर नियमों को दरकिनार कर जूनियर को नियुक्त कर दिया गया। 1200 वरिष्ठ शिक्षकों की अनदेखी से नाराज़ मऊगंज विधायक ने यह मुद्दा विधानसभा में उठा दिया है। जानिए अब क्या होगा प्रशासन में।

Loading...

Jul 20, 20253 hours ago

पॉवर गैलरी

1

0

पॉवर गैलरी

रीवा जिले की सियासत में हलचल—डिप्टी सीएम की सक्रियता से महिला जनपद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव टला, भाजपा संगठन में स्वघोषित पदाधिकारी और हनी ट्रैप में उलझे नेता जी की चर्चा। पत्रकार रमाशंकर मिश्रा के ब्लॉग पॉवर गैलरी में पढ़िए अंदर की राजनीति।

Loading...

Jul 20, 20253 hours ago

टीआरएस कॉलेज के युवा अभिप्रेरण कार्यक्रम में शामिल हुए नौसेना प्रमुख

1

0

टीआरएस कॉलेज के युवा अभिप्रेरण कार्यक्रम में शामिल हुए नौसेना प्रमुख

रीवा के टीआरएस कॉलेज में आयोजित युवा अभिप्रेरण कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने छात्रों को राष्ट्र सेवा, अनुशासन और आत्मसंयम के मूल मंत्र दिए। उन्होंने युवाओं को नशामुक्त भारत की शपथ दिलाई और भारत को 21वीं सदी का अग्रणी राष्ट्र बनाने में उनकी भूमिका पर बल दिया।

Loading...

Jul 20, 20253 hours ago

गुना-बासौदा रेलवे लाइन का सपना अधूरा, 12 साल से अटका प्रोजेक्ट

1

0

गुना-बासौदा रेलवे लाइन का सपना अधूरा, 12 साल से अटका प्रोजेक्ट

आश्वासन के बाद भी केंद्रीय मंत्री सिधिया भूले अपना वादा.

Loading...

Jul 20, 20253 hours ago